कौन हैं रिटायर्ड कर्नल तारा? 1971 की जंग में PAK सेना को चटाई थी धूल; बचाया था बांग्लादेश की पूर्व PM का परिवार
1971 के युद्ध में रिटायर्ड कर्नल अशोक कुमार तारा ने बांग्लादेश के पूर्व प्रधानमंत्री शेख मुजीब-उर-रहमान के परिवार को पाकिस्तानी सेना से बचाया था। कर्नल तारा ने दो जवानों के साथ मोर्चा संभाला और पाकिस्तानी सैनिकों को शेख मुजीब के घर पर हमला करने से रोका। उनकी बहादुरी के लिए उन्हें बांग्लादेश के सर्वोच्च पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
प्रवेंद्र सिंह सिकरवार, नोएडा। पाकिस्तान की कायराना हरकत का जवाब भारत पहले भी दे चुका है। 1971 की जंग में भारत पाकिस्तान को बुरी तरह से हरा चुका है। इस जंग के बाद पाकिस्तान से अलग होकर बांग्लादेश बना।
बताया गया कि यहां की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना और उनके परिवार को नोएडा के सेक्टर-28 निवासी सेवानिवृत्त कर्नल अशोक कुमार तारा ने बचाया था। बांग्लादेश में हुए तख्तापलट पर भी कर्नल तारा ने अफसोस जताया था।
कर्नल अशोक कुमार तारा ने बताया कि अलग बांग्लादेश की लड़ाई के अगवा शेख हसीना के पिता शेख मुजीब-उर-रहमान के घर के बाहर पाकिस्तानी सेना के जवान पहुंच गए थे। सेना शेख मुजीर के परिवार को खत्म करना चाहती थी।
दो जवानों के साथ मोर्चा पर पहुंच गए
वहीं, इसकी जानकारी लगते ही वह दो जवानों के साथ मोर्चा पर पहुंच गए। शेख मुजीर के घर की ओर बढ़ते पाकिस्तान के जवानों को उन्होंने गोली चलाकर रोका। उन्होंने पाकिस्तानी जवानों को बताया की उनकी सेना समर्पण कर चुकी है, लेकिन उनको इस बात पर विश्वास नहीं हुआ।
जवानों के साथ करीब 25 मिनट तक वार्ता की
उन्होंने अपने सीनियर सैन्य अधिकारियों से बात करने की बात कही। पाकिस्तान के जवान हथियारों से लैस थे। उन्होंने पाकिस्तान के जवानों के साथ करीब 25 मिनट तक वार्ता की। पाक कमांडर ने फायरिंग का आदेश दिया पर वह डटे रहे। पाक कमांडर ने कर्नल तारा को समर्पण करने और मुख्यालय से घर पहुंचाने की बात कही। पाक कमांडर के साथ 12 जवान थे उनको भी तब समझ आया और समर्पण कर दिया।
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शेख हसीना की मां ने कर्नल तारा को अपने बेटे से बढ़कर बताया था। उनको बांग्लादेश के सर्वोच्च पुरस्कार फ्रेंड्स आफ लिबरेशन वार आनर्स से वर्ष 2012 में सम्मानित किया गया। अशोक चक्र प्राप्त कर्नल अशोक कुमार तारा बताते हैं कि 2017 के भारत दौरे के दौरान भी शेख हसीना ने उनसे मुलाकात की थी।
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