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    Subvention Scheme Scam: नोएडा अथाॅरिटी पहुंची CBI की टीम, 10 बिल्डरों की कंस्ट्रक्शन स्टेटस रिपोर्ट खंगाली

    Updated: Wed, 06 Aug 2025 06:42 PM (IST)

    सबवेंशन स्कीम घोटाले में सीबीआई ने नोएडा प्राधिकरण के 10 बिल्डरों पर शिकंजा कसा है। वित्तीय संस्थानों से मिलीभगत कर लोन की राशि अन्य परियोजनाओं में लगाने का आरोप है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर सीबीआइ ने 22 बिल्डरों पर एफआईआर दर्ज की है। प्राधिकरण कार्यालय से कंस्ट्रक्शन स्टेटस और आवंटन जैसी जानकारी ली गई। फर्जी दस्तावेजों से लोन पास कराने वाले बिल्डर अब दिवालिया हो चुके हैं।

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    सीबीआई की टीम ने नोएडा प्राधिकरण कार्यालय में की छापेमारी। जागरण

    जागरण संवाददाता, नोएडा। केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) की टीम ने Subvention Scheme Scam में नोएडा प्राधिकरण के 10 बिल्डरों पर नकेल कस दी है। बुधवार सेक्टर-6 स्थित प्राधिकरण कार्यालय पहुंचकर डिटेल जानकारी हासिल की।

    जिन बिल्डरों की जानकारी ली है, उन पर वित्तीय संस्थानों के साथ सांठगांठ कर फ्लैट खरीदारों को लोन दिलाने और मिली राशि को अन्य परियोजनाओं में डायवर्ट करने का आरोप है।

    इन लोन राशि की न तो बैंक में किस्त जमा हुई, न ही ब्याज दिया गया। इससे नोएडा-ग्रेनो समेत एनसीआर की करीब 40 परियोजनाओं में लाखों फ्लैट खरीदार फंसे गए है।

    बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर सीबीआई ने सबवेंशन स्कीम के तहत बिल्डर-वित्तीय संस्थानों के  खिलाफ 22 बिल्डर पर एफआईआर दर्ज की है। इसमें 10 बिल्डर नोएडा प्राधिकरण से जुड़े है।

    बुधवार को दोपहर साढ़े 12 बजे के आसपास सीबीआई की टीम सेक्टर-6 स्थित प्राधिकरण कार्यालय पहुंची। सीधे ग्रुप हाउसिंग विभाग गई। टीम ने 10 बिल्डर की कंस्ट्रक्शन से जुड़ी जानकारी हासिल की।

    इनमें कंस्ट्रक्शन स्टेटस, आवंटन, बकाया से संबंधित और साइट पर कितने बिल्डरों को अब तक प्राधिकरण ने ओसी-सीसी जारी किया जैसी जानकारी ली और मौके पर ही इसे नोटिफाई किया गया।

    इस दौरान करीब तीन घंटे तक टीम कार्यालय पर मौजूद रही। इसके बाद संबंधित अधिकारियों को लेकर सीबीआई टीम ने बिल्डर साइट का स्थलीय निरीक्षण भी किया।

    अधिकारियों ने बताया कि सु्प्रीम कोर्ट के आदेश पर सीबीआई बिल्डरों और बैंकों के गठजोड़ की जांच तेज कर दी है। कोर्ट ने 29 अप्रैल को सीबीआई जांच का आदेश दे प्राधिकरणों को कहा था कि वह सीबीआई को जानकारी उपलब्ध कराने के लिए अपने यहां नोडल अधिकारी नियुक्ति करें।

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    कोर्ट के आदेश पर नोएडा प्राधिकरण ने वित्त विभाग में सेवानिवृत्त अधिकारी संजीव दत्ता को नोडल अधिकारी नियुक्त कर दिया है।

    इन दस बिल्डर और प्रोजेक्ट से संबंधित स्वीकृत पत्र, ले आउट प्लान, बकाया, रजिस्ट्री के अलावा इनके को डेवलपर्स की जानकारी मांगी गई थी, जिसे प्राधिकरण ने फाइल के रूप में सीबीआई को सौंप दिया।

    अधिकारियों के मुताबिक नोएडा, ग्रेटर नोएडा में सबवेंशन स्कीम के तहत लाई गई ग्रुप हाउसिंग योजनाओं की शुरुआत वर्ष 2014 के आसपास हुई थी।

    योजना में धांधली के लिए कुछ बिल्डरों ने फर्जी दस्तावेजों के जरिये बैंकों से लोन पास कराया, बैंकों ने बिना मूल्यांकन और भौतिक परीक्षण के रकम जारी कर दी।

    बिल्डर और बैंक के बीच अघोषित समझौते के तहत बैंकों ने बिल्डरों को लोन की पूरी राशि दे दी। शर्तों के तहत फ्लैट का कब्जा मिलने तक बिल्डर को ही फ्लैट खरीदारों की ईएमआई का भुगतान करना था, लेकिन कुछ समय बाद बिल्डरों ने ईएमआई देनी बंद कर दी, खरीदारों को फ्लैट भी नहीं दिए।

    इससे खरीदारों पर ईएमआई का बोझ आ गया और बड़ी संख्या में खरीदार डिफाल्टर हो गए। कुछ वर्षों बाद इन परियोजनाओं को लाने वाले अधिकांश बिल्डर दिवालिया हो गए।

    सीबीआई ने इन बिल्डरों के भूखंडों की फाइल खंगाली 

    • सुपरटेक लिमिटेड जीएच 01 / ए सेक्टर-74 नोएडा
    • लाजिक्स सिटी डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड जीएच-02 सेक्टर-143 नोएडा
    • नैक्सजेन इंफ्राकान प्राइवेट लिमिटेड जीएच 01 /ए सेक्टर-78
    • इम्प्लेक्स इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड एससी 01/बी-4 सेक्टर-150 नोएडा
    • आईवीआर प्राइम डवलपर्स जीएच-01 सेक्टर-118
    • जेपी ग्रीन इंफ्राटेक लिमिटेड जेपी ग्रींस आचर्ड बी-11 सेक्टर-131 नोएडा
    • शुभकामना बिल्डटेक प्राइवेट लिमिटेड जीएच-05 / बी सेक्टर-137
    • सिक्वल बिल्डकाॅन प्राइवेट लिमिटेड एससी-01/ ए-1 सेक्टर-79
    • लाॅजिक्स हाइटस प्राइवेट लिमिटेड एससी-01/ ए-3 सेक्टर-150

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