GIMS में कैंसर, किडनी और हृदय रोग के इलाज की मिलेगी बेहतर सुविधा, एक क्लिक में जानें अपडेट
ग्रेटर नोएडा के राजकीय आयुर्विज्ञान संस्थान (जिम्स) में अगले महीने से हृदय किडनी और कैंसर के मरीजों को किफायती दरों पर इलाज मिलने लगेगा। जिम्स में हृदय और किडनी रोग विशेषज्ञों के साथ ही तकनीकी स्टाफ की भी नियुक्ति की जा रही है। कैंसर के मरीजों के बेहतर इलाज के लिए मुंबई के टाटा कैंसर मेमोरियल अस्पताल के साथ एमओयू किया जाएगा।

जागरण संवाददाता, ग्रेटर नोएडा। राजकीय आयुर्विज्ञान संस्थान (जिम्स) में हृदय और किडनी के मरीजों का अगले महीने से शुरू हो जाएगा। जिम्स की ओर से हृदय और किडनी रोग विशेषज्ञों को नियुक्त करने के साथ ही तकनीकी स्टाफ भी नियुक्त किया जाएगा।
कैंसर के मरीजों को भी अब जिम्स में इलाज मिल सकेगा। उनके बेहतर इलाज के लिए मुंबई के टाटा कैंसर मेमोरियल अस्पताल की टीम के साथ एमओयू पर हस्ताक्षर अगले सप्ताह होगा।
इन सुविधाओं के शुरू होने से किडनी, हृदय व कैंसर के मरीजों को निजी अस्पतालों के मुकाबले किफायती दर में इलाज मिल सकेगा। बुधवार को निदेशक ब्रिगेडियर डा. आरके गुप्ता और मुख्य चिकित्सा अधीक्षक ने यह जानकारी दी।
ब्रेस्ट, मुंह और सर्वाइकल कैंसर के इलाज की मिलेगी सुविधा
निदेशक ब्रिगेडियर डॉ. आरके गुप्ता ने बताया कि हृदय, किडनी व कैंसर का इलाज निजी अस्पतालों में काफी महंगा होता है। शासन जिम्स को पश्चिमी उत्तर का सरकारी मल्टी स्पेशिएलिटी अस्पताल बनाने को लेकर गंभीर है। इसी को ध्यान में रखते हुए यहां हृदय व किडनी रोग के दो-दो विशेषज्ञों को रखने के साथ ही तकनीकी व सहयोगी स्टाफ को भी रखा जाएगा।
वहीं कैंसर के मरीजों के लिए मुंबई के टाटा कैंसर मेमोरियल अस्पताल के साथ तकनीकी मदद में सहयोग के लिए सहमति बनी है। इसके लिए अगले सप्ताह एमओयू के लिए टीम आ रही है। उन्होंने बताया कि कैंसर के इलाज के लिए विशेषज्ञों को भी नियुक्त किया जाएगा।
वर्तमान में प्रति माह 50 से अधिक मरीज कैंसर के आ रहे हैं। यहां ब्रेस्ट, मुंह और सर्वाइकल कैंसर के इलाज की सुविधा मिलेगी। हृदय रोगियों की जांच के लिए ईसीजी, ईको, होल्टर और ट्रेड मिल टेस्ट की सुविधा है। अगले एक से डेढ़ महीने में सीटी एंजियो की भी सुविधा शुरू हो जाएगी।
उत्पादनकर्तओं से सीधे दवाई खरीद कम दरों में मरीजों को देंगे
निदेशक ने बताया कि अस्पताल की ओर से हास्पिटल रिवाल्विंग फंड (एचआरएफ) की व्यवस्था की जा रही है। इसके तहत जवाई बनाने वाली कंपनियों के साथ सहमति बन रही है। उनसे सीधे दवाई खरीद मरीज को कम महंगी दवाई कम दाम में मिल सकेंगी। इनमें वह दवाइयां भी शामिल होंगी जो अधिक प्रभावशाली होती हैं।
इसके अलावा जन औषधी केंद्र को परिसर के अंदर फिर से खोला जाएगा। पिछले छह महीने से यह बंद है। साथ ही अमृत फार्मेसी के जरिये भी मरीजों को किफायती दरों में दवा उपलब्ध कराई जा रही हैं। संस्थान में पीजी कोर्स शुरू किया गया, जिसमें 16 विषयों में 64 सीट है। इन 64 में से 63 सीट भर गई हैं। नए सत्र में एमएससी नर्सिंग और पैरा मेडिकल में डिप्लोमा कोर्स बंद करके डिग्री प्रोग्राम शुरू किया गया है।
दो जिलों में आटिज्म के 26 मामलों पर हो रहा शोध
संस्थान की डीन अकादमी डा. रंभा पाठक ने बताया कि बच्चों में आटिज्म की बीमारी तेजी से बढ़ती देखी जा रही है। इसी को ध्यान में रखते हुए आईसीएमआर के साथ मिलकर एक से छह वर्ष की आयु के बच्चों की मानीटरिंग की जा रही है।
उन्होंने बताया कि इसके लिए टीम के साथ मिलाकर गौतमबुद्ध नगर, हापुड़, गाज़ियाबाद, मेरठ में सर्वे किया जा रहा है। एक साल में टीम ने चारों जिलों में हाई रिस्क वाले करीब 129 बच्चों को चिह्नित किया है। गौतमबुद्ध नगर व गाजियाबाद में 26 बच्चे आटिज्म से ग्रस्त मिले हैं, जिनके लक्षण के लिए टीम काम कर रही है। इसमें 14 गौतमबुद्ध नगर और 12 गाजियाबाद के बच्चे हैं।
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