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    बीएड करके अगर 11 अगस्त 2023 से पहले बने थे शिक्षक तो अब योग्यता साबित करने के लिए करना पड़ेगा यह कोर्स

    By Jagran NewsEdited By: Kushagra Mishra
    Updated: Fri, 23 May 2025 07:31 PM (IST)

    सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार 11 अगस्त 2023 से पहले नियुक्त बीएड डिग्री धारक शिक्षकों को प्राइमरी कक्षाओं में पढ़ाने के लिए छह महीने का ब्रिज कोर्स करना होगा। एनसीटीई की ओर से तैयार यह पाठ्यक्रम बच्चों को पढ़ाने के लिए प्रशिक्षित करेगा। एनआईओएस में प्रवेश लेकर ऑनलाइन कोर्स करना होगा।

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    बीएड डिग्री धारक शिक्षकों को करनी होगी प्राइमरी की पढ़ाई।

    जागरण संवाददाता, नोएडा: बीएड डिग्री धारक शिक्षकों को प्राइमरी कक्षा पढ़ाने के लिए प्रशिक्षण के रूप में ब्रिज कोर्स करना होगा।

    सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद यह कोर्स उन शिक्षकों को करना होगा, जिनकी नियुक्ति 11 अगस्त 2023 से पहले हुई थी।

    छह माह का ब्रिज कोर्स एनसीटीई ने किया है तैयार

    इस छह माह के कोर्स के लिए राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) की ओर से पाठ्यक्रम तैयार किया गया है।

    कोर्स का पाठ्यक्रम कक्षा एक से पांचवीं तक के स्तर का डिजाइन किया गया है। जिससे शिक्षक प्राइमरी कक्षा के बच्चों को आसानी से पढ़ाने का तरीका सीख सकेंगे।

    ब्रिज कोर्स के लिए जुलाई-अगस्त में शुरू की जाएगी प्रक्रिया

    ब्रिज कोर्स करने के लिए शिक्षकों को राष्ट्रीय मुक्त विद्यालय शिक्षा संस्थान (एनआईओएस) में प्रवेश लेना होगा। प्रवेश लेने के लिए आवेदन प्रक्रिया जुलाई-अगस्त माह में शुरू हो जाएगी।

    कोर्स की अध्ययन सामग्री संस्थान की ओर से आनलाइन उपलब्ध कराई जाएगी। कक्षाएं आनलाइन होने के कारण शिक्षक नौकरी करने के साथ कोर्स आसानी से कर सकेंगे।

    ब्रिज कोर्स में छह मुख्य विषय और एक प्रैक्टिकल होगा

    ब्रिज कोर्स में छह मुख्य विषय और एक प्रैक्टिकल होगा। प्रायोगिक विषय के तहत शिक्षकों को स्कूलों में पहुंचकर प्रशिक्षण लेना होगा। प्रशिक्षण के दौरान एनआईओएस की टीम निरीक्षण करेंगी।

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    साथ ही कोर्स पूरा होने के बाद लिखित परीक्षाएं आयोजित कराई जाएंगी। परीक्षा परिणाम में उत्तीर्ण शिक्षकों को एनआईओएस प्राइमरी कक्षाएं लेने के लिए प्रमाणित करेगा।

    यह कोर्स शिक्षकों की दक्षता और प्रभावी शिक्षण क्षमताओं को सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह कोर्स शिक्षकों की सेवाओं को निरंतरता के लिए आवश्यक है।

    - सचिव,राष्ट्रीय मुक्त विद्यालय शिक्षा संस्थान (एनआईओएस)

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