Delhi में छात्रों के लिए नई पहल, दो लाख बच्चे होंगे जागरूक; पढ़ें पूरी डिटेल
दिल्ली में पर्यावरण मंत्री ने दो लाख छात्रों के लिए एक इको ड्राइव की शुरुआत की है। इस कार्यक्रम का उद्देश्य युवाओं को पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूक करना है। दिल्ली सरकार और टेरी के बीच एक समझौता हुआ है जिसके तहत जागरूकता कार्यक्रम चलाया जाएगा। सरकार टेरी को 40 लाख रुपये की राशि देगी। कार्यक्रम में इंटरैक्टिव किट और कार्यशालाएँ शामिल होंगी।

राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। अंतरराष्ट्रीय बायोडायवर्सिटी डे के अवसर पर दिल्ली के पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने बृहस्पतिवार को एक महत्वाकांक्षी जलवायु जनजागरूकता कार्यक्रम की शुरुआत की।
इसका उद्देश्य राजधानी के लगभग दो लाख छात्रों को पर्यावरण संरक्षण के प्रति संवेदनशील बनाना है। यह अभियान न केवल जागरूकता फैलाएगा, बल्कि युवाओं के व्यवहार में परिवर्तन लाकर उन्हें जलवायु परिवर्तन के समाधान का हिस्सा बनाएगा।
दिल्ली सरकार के पर्यावरण विभाग और ऊर्जा एवं संसाधन संस्थान (टेरी) के बीच एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर भी हस्ताक्षर किए गए। इस एमओयू के तहत जलवायु परिवर्तन, पारिस्थितिकी तंत्र सेवाओं और सतत (सस्टेनेबल) जीवनशैली की समझ को बढ़ावा देने के लिए एक संयुक्त जनजागरूकता कार्यक्रम शुरू किया जाएगा। इस पहल के क्रियान्वयन हेतु दिल्ली सरकार टेरी को 40 लाख रुपये की राशि स्वीकृत कर रही है।
यह कार्यक्रम दिल्ली के 2000 इको-क्लबों और शैक्षणिक संस्थानों के माध्यम से संचालित होगा, जिसमें लगभग दो लाख स्कूल और कालेज छात्र भाग लेंगे। इस मिशन के तहत 80 "पर्यावरण संरक्षक" नामित और प्रशिक्षित किए जा रहे हैं, जो संस्थानों में इको-लीडर के रूप में कार्य करते हुए अभियान को आगे बढ़ाएंगे।
इसके लिए जून से नवंबर 2025 के बीच इंटरएक्टिव IEC किट्स, कार्यशालाएं और सामुदायिक गतिविधियां आयोजित की जाएंगी, जिससे छात्रों को व्यावहारिक अनुभव प्राप्त होगा।
कार्यक्रम का उद्देश्य युवाओं को जलवायु परिवर्तन, पारिस्थितिकी तंत्र सेवाओं और स्थायी जीवनशैली के प्रति संवेदनशील बनाना है। इस अभियान में कहानी कहने, खेल, रचनात्मक संवाद और वास्तविक जीवन के ''इको-एक्शन'' शामिल होंगे, जो छात्रों में गहरी पर्यावरणीय चेतना उत्पन्न करेंगे।
मंत्री ने कहा, "यदि हमारे युवा स्वच्छ हवा, हरित स्थानों और संतुलित पारिस्थितिकी तंत्र का महत्व समझ लें, तो वे इस धरती को बचाने वाले परिवर्तन के अगुवा बन सकते हैं।"
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