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    ग्रेटर नोएडा में घर खरीदारों को बड़ी राहत, किसानों को लेकर भी यमुना प्राधिकरण ने लिया बड़ा फैसला

    Updated: Mon, 29 Jan 2024 10:33 PM (IST)

    यमुना प्राधिकरण बोर्ड ने अमिताभ कांत समिति की सिफारिशों को स्वीकार कर लिया है। इससे 14 हजार घर खरीदारों को इससे फायदा होगा। उन्हें घर पर कब्जा व लीज ड ...और पढ़ें

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    ग्रेटर नोएडा में घर खरीदारों को बड़ी राहत

    जागरण संवाददाता, ग्रेटर नोएडा। यमुना प्राधिकरण बोर्ड ने अमिताभ कांत समिति की सिफारिशों को स्वीकार कर लिया है, लेकिन बिल्डरों पर बकाया राशि की गणना होने के बाद उन्हें बकाया राशि भुगतान के लिए पत्र लिखा जाएगा। 25 प्रतिशत राशि का भुगतान करने पर बिल्डरों को समिति की सिफारिशों का लाभ मिलेगा। 14 हजार घर खरीदारों को इससे फायदा होगा। उन्हें घर पर कब्जा व लीज डीड हो सकेगी।

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    शून्य काल का लाभ देने की स्वीकृति

    प्राधिकरण ने बिल्डरों पर ब्याज गणना के लिए सार्क एसोसिएट्स को जिम्मेदारी सौंपी है। इसके अलावा प्राधिकरण बोर्ड ने आवंटियों एवं किसानों को बड़ी राहत दी है। 800 किसानों को सात प्रतिशत आबादी भूखंड का रास्ता बोर्ड ने साफ कर दिया है। आवासीय योजना के आवंटियों को शून्य काल का लाभ देने पर भी बोर्ड ने स्वीकृति दी है। इन आवंटियों को या तो भूखंडों पर कब्जा नहीं मिल सका है या फिर कब्जा मिलने के बावजूद पहुंच मार्ग न होने के कारण निर्माण कार्य नहीं हो सका है।

    प्राधिकरण ने बीएचएस योजना के लिए भी नीति में बदलाव किया है। पहले आओ पहले पाओ नियम आधारित योजना में आवेदक को यूनिट चयन का विकल्प भी मिलेगा। चेयरमैन अनिल सागर की अध्यक्षता में सोमवार को प्राधिकरण कार्यालय में हुई 79वीं बैठक में यह निर्णय लिए गए। इसमें ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण सीईओ एनजी रवि, यमुना प्राधिकरण सीईओ डॉ. अरुणवीर सिंह, नोएडा प्राधिकरण के एसीईओ समेत संबंधित जिलों के जिलाधिकारी के प्रतिनिधि शामिल हुए।

     

    यमुना प्राधिकरण का गठन 2001 में हुआ था। प्राधिकरण ने 2014 के बाद पुश्तैनी व गैर पुश्तैनी किसान के अंतर को समाप्त करते हुए सभी को सात प्रतिशत आबादी भूखंड का नियम लागू किया था, लेकिन 2001 से 2014 से पूर्व के किसान पर यह नियम लागू नहीं किया। इस वजह से किसान करीब 800 किसान सात प्रतिशत आबादी भूखंड से वंचित रह गए। प्राधिकरण ने इसे सुधारते हुए गठन से लेकर जमीन अधिग्रहण से प्रभावित सभी किसानों को सात प्रतिशत भूखंड देने का फैसला किया है। वार्षिक खतौनी में प्राधिकरण के गठन से पूर्व किसान का नाम दर्ज होगा। उसे भूखंड का आवंटन होगा।

    ब्याज से किसानों को छूट 

    प्राधिकरण ने सात प्रतिशत आबादी के सापेक्ष जारी आवंटन पत्र या पूर्व में जारी आवंटन पत्र में मूल राशि पर लगने वाले ब्याज को पूरी तरह से माफ कर दिया है। जो किसान राशि जमा कर चुके हैं, उन्हें इसका लाभ नहीं मिलेगा।

    ईपीई व यमुना एक्सप्रेस वे को जोड़ने के लिए बन रहे इंटरचेंज से प्रभावित किसानों को सेक्टर 17 बी में सात प्रतिशत आबादी भूखंड दिए जाएंगे। बोर्ड ने इस पर अपनी सहमति दे दी है। 360 किसानों को इसका फायदा मिलेगा। इसके साथ ही बोर्ड ने इंटरचेंज निर्माण की बढ़ी लागत एनएचएआई व यमुना प्राधिकरण द्वारा वहन करने को लेकर भी सहमति दी गई।

    आवंटियों को राहत 

    प्राधिकरण ने एसडीएस बिल्डर परियोजना में भूखंड खरीदारों को निर्माण कार्य के लिए नि:शुल्क 31 दिसंबर 2024 तक का समय विस्तार दिया है। इसकी भरपाई बिल्डर से की जाएगी। श्मशान या अन्य कारणों से प्राधिकरण की बीएचएस योजना के 268 आवंटियों ने फ्लैट सरेंडर करने का अनुरोध किया था। बोर्ड ने इसे स्वीकार करते हुए चार प्रतिशत साधारण ब्याज के साथ राशि लौटाने की स्वीकृति दी है। प्राधिकरण इन फ्लैट को नई योजना में शामिल कर आवंटित करेगा।

    यूनिट चुनने का मिलेगा मौका 

    यमुना प्राधिकरण ने बीएचएस योजना की नीति में बदलाव किया है। बीमार, बुजुर्गों की समस्या को ध्यान में रखते हुए उन्हें बीएचएस योजना में यूनिट का तल, लोकेशन चुनने का मौका मिलेगा। आवेदन के समय ही इसका विकल्प देना होगा। एक से अधिक आवेदक होने पर लाटरी से फैसला होगा। यह नियम पहले आओ पहले पाओ योजना के लिए लागू होगा। जिन बुजुर्गों, बीमार, दिव्यांग को पूर्व योजना में ऊपरी तल के फ्लैट आवंटित हो चुके हैं। उन्हें निचले तल पर फ्लैट उपलब्ध होने पर बदलाव का मौका दिया जाएगा। यह लाभ केवल उन आवंटियों को ही मिलेगा, जिन्होंने अभी रजिस्ट्री नहीं कराई है।

    जिन आवंटियों को चेक लिस्ट जारी होने के बावजूद उन्होंने लीज डीड नहीं कराई है। या कब्जा मिलने के बावजूद निर्धारित अवधि में निर्माण कार्य नहीं कराया है। ऐसे आवंटियों को राहत देते हुए जून तक लीज डीड कराने या निर्माण कार्य करने पर कोई विलंब शुल्क नहीं लिया जाएगा। करीब 42 हजार आवंटियों को इसका फायदा मिलेगा।

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    शून्य काल का मिलेगा लाभ 

    ग्रुप हाउसिंग, संस्थागत, औद्योगिक भूखंड की तर्ज पर आवासीय योजना के आवंटियों को भी शून्य काल का लाभ मिलेगा। यह लाभ उन आवंटियों को मिलेगा, जिन्हें भूखंड पर कब्जा न मिल सका हो या फिर न्यायालय में मामला विचाराधीन है, भूखंड तक पहुंच मार्ग न होने के कारण निर्माण कार्य संभव नहीं है। आवंटी को इसका लाभ लेने के लिए पहले अतिरिक्त मुआवजा का भुगतान करना होगा। जिन आवंटी न्यायालय में वाद दायर कर रखा है, उसे वापस लेने पर भी इसका लाभ मिलेगा।

    प्राधिकरण ने संस्थागत श्रेणी के आवंटन नीति में बदलाव करते हुए दस एकड़ या उससे बड़े भूखंड साक्षात्कार से आवंटित करने का निर्माण लिया है, लेकिन यह भूखंड डिग्री कालेज, मैनेजमेंट, तकनीकी इंस्टीट्यूट, स्पोर्ट्स कॉलेज, स्पोर्ट्स एकेडमी, मेडिकल कॉलेज, बारहवीं तक के कालेज आदि के लिए आवंटित होने पर ही यह नियम लागू होगा।

    फिल्म सिटी परियोजना की प्रगति 

    बोर्ड को अवगत कराया गया कि फिल्म सिटी परियोजना के लिए चार निविदा आई हैं। इनकी वित्तीय निविदा मंगलवार को खोली जाएगी। इसके अलावा फिनटेक सिटी की डीपीआर तैयार करने के लिए पांच कंपनियाें की निविदा की जानकारी भी बोर्ड को दी गई।

    अनुरक्षण विभाग का गठन 

    प्राधिकरण ने सेक्टरों में अनुरक्षण कार्य के लिए नया विभाग गठित किया है। इसमें पद सृजित करने के लिए शासन को प्रस्ताव भेजा गया है। यमुना एक्सप्रेस वे पर पेट्रोलिंग के लिए पुलिस को दो इनोवा व दो बोलेरो दी गई हैं। इसके अलावा टप्पल नगर पंचायत के वाहनों के लिए ईंधन देने पर भी बोर्ड ने स्वीकृति दी है।

    कमर्शियल, ग्रुप हाउसिंग में रोल ओवर लागू 

    पर्याप्त निविदा न आने के कारण ग्रुप हाउसिंग, कमर्शियल श्रेणी की योजना को सफल बनाने के लिए रोल ओवर नीति लागू की गई है। निविदा कम होने पर सात-सात दिन के लिए दो बाद इसकी अवधि बढ़ाई जाएगी। इसके अतिरिक्त रोटरी, ग्रीन बेल्ट आदि अडॉप्ट करने की नीति भी लागू की गई है। यमुना प्राधिकरण सेक्टर 28 में टॉर्क सेमीकंडक्टर प्रा. लि. को 125 एकड़ का भूखंड आवंटित करेगा। इसके लिए सेक्टर के लेआउट प्लान में संशोधन किया गया है।

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