एआई और सेंसर युक्त डैशबोर्ड तैयार, गंभीर मरीजों की हर पल की स्थिति पर रखेगा नजर
यूपी इंटरनेशनल ट्रेड शो में क्राइटेरियन टेक ने एरा विश्वविद्यालय के साथ मिलकर इनहैंस्ड मेडिकल ट्रेनिंग सिस्टम पेश किया। यह एआई और सेंसर से लैस है जो मरीजों की निगरानी को आसान बनाता है। यह सिस्टम रियल टाइम मॉनिटरिंग डैशबोर्ड और डिजिटल वेंटिलेटर के साथ आता है जो मरीजों की स्थिति पर लगातार नजर रखता है और डॉक्टरों को तुरंत सूचित करता है।

आशीष चौरसिया, ग्रेटर नोएडा। देश के विभिन्न अस्पतालों में गंभीर स्थिति मरीजों की देखभाल करने के दौरान विभिन्न परेशानियों का सामना करना पड़ता है, जिसमें उनका बार-बार बीपी-पल्स, हार्टव्हीट, करवट बदलना के अलावा बीमारी संबंधित होने वाली कई समस्याएं होती हैं।
इन समस्या का समाधान लखनऊ का एरा विश्वविद्यालय क्राइटेरियन टेक के सहयोग से लेकर आया है। यूपी इंटरनेशनल ट्रेड शो में कंपनी की ओर इनहैंस्ड मेडिकल ट्रेनिंग सिस्टम को प्रदर्शित किया गया है। इसमें एआई और सेंसर युक्त रियल टाइम रिमोट मानिटरिंग डैशबोर्ड और डिजिटल युक्त वेंटिलेटर शामिल हैं। इनका दावा है कि अभी तक पहला इस तरह का सिस्टम भारत की ओर से पहला है।
एरा विश्वविद्यालय और कंपनी के डायरेक्टर हरिशंकर ने बताया कि इनहैंस्ड मेडिकल ट्रेनिंग सिस्टम के एआई आधारित और सेंसर युक्त एक रियल टाइम रिमोट मॉनिटरिंग डैशबोर्ड तैयार किया है।
यह डैशबोर्ड मरीजों की हर स्थिति पर नजर रखेगा और संबंधित डॉक्टर को जानकारी देगा, अगर इस दौरान वह डॉक्टर उस जानकारी को नजरअंदाज करता है तो उसके सीनियर सर्जन के पास वह जानकारी देगा।
इस दौरान भी जानकारी दो नजरअंदाज की जाती है तो डायरेक्ट उच्चाधिकारियों तक जानकारी पहुंचा देगा। इसी सिस्टम में लगे मरीज के वेंटिलेटर को पूरी तरह से डिजिटल युक्त कर दिया है। इसमें कई अन्य उपकरण भी डिजिटल युक्त जोड़ दिए हैं, जो मैनुअली काम करेंगे और डैशबोर्ड पर रिजल्ट दिखता रहेगा।
बेड पर ही मरीज का हाइट वेट के साथ मरीज की करवट बदल जाएगी। डिजिटल वेंटिलेटर में एक अलग से फ्यूल डिवाइस, यूरीन डिवाइस को जोड़ा गया है, जो इसकी जानकारी डैसबोर्ड पर देती रहेगी।
मरीज को कितने हार्टव्हीट पर आया था हार्टअटैक बताएगा डैसबोर्ड
मरीज को कितने हार्टव्हीट के दौरान हार्टअटैक आया था यह भी जानकारी डैसबोर्ड देगा। डैसबोर्ड की मदद से जानकारी मिलेगी कि आईसीयू में भर्ती मरीजों को करवट लेने में परेशानी हो रही है या उनके बिस्तर बदले गए हैं कि नहीं साथ ही स्किन बिस्तरों में चिपकने की समस्या तो नहीं आ रही है।
साथ ही मरीज को शरीर में किस जगह पर समस्या बढ़ रही है। किसी दवा की मरीज को जरूरत है, कितने एंगल पर मरीज के सिर को ऊपर उठाया जाना चाहिए और पैरों को कितने एंगल पर रखने की जरूत है। यह सभी जानकारी डैसबोर्ड पर ही दिखेगी।
सिस्टम का हो चुका है पेटेंट
सिस्टम को नेशनल और इंटरनेशनल स्तर के पेटेंट मिल चुके हैं। इनका उपयोग अभी राममनोहर लोहिया मेडिकल कॉलेज और एरा अस्पताल में किया जा रहा है। यह हॉस्पिटल इनफार्मेंशन मैनेजमेंट सर्विस (एचआइएमएस) के आधार पर तैयार किया गया है।
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