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यूपी में एक विवाह ऐसा भी, आए सिर्फ 15 बराती और हो गई 3 लड़कियों की शादी

कोरोनाकाल में गौतमबुद्धनर में हुआ यह विवाह मिसाल बन गया है क्योंकि जहां शादी करने पर बैंड बाजा बरात के साथ लोग पहुंचते थे वहां कोरोना ने चंद लोगों की उपस्थिति में शादी करने को मजबूर कर दिया।

By Jp YadavEdited By: Published: Sat, 22 May 2021 08:42 AM (IST)Updated: Sat, 22 May 2021 09:22 AM (IST)
यूपी में एक विवाह ऐसा भी, आए सिर्फ 15 बराती 3 लड़कियों की शादी

ग्रेटर नोएडा/बिलासपुर [घनश्याम पाल]। कोरोना वायरस संक्रमण के खतरे के बीच एक बार फिर जहां देश भर में खौफ का माहौल बन रहा है, वहीं दनकौर के चचूला गांव में एक शादी ऐसी भी हुई जिसने लोगों को कोरोना के खतरे के बीच सकारात्मक संदेश दिया है। सिर्फ 15 बरातियों के साथ 3 युवतियों की शादी के चलते कोरोनाकाल में यह विवाह मिसाल बन गया है, क्योंकि जहां शादी करने पर बैंड, बाजा, बरात के साथ लोग पहुंचते थे, वहां कोरोना ने चंद लोगों की उपस्थिति में शादी करने को मजबूर कर दिया। पिछले वर्ष भी ऐसी कई शादी देखने को मिली थीं और इस वर्ष भी शादी का सीजन आते ही कोरोना ने फिर कोहराम मचाना शुरू कर दिया। ऐसे में कोरोना के बढ़ते शिकंजे के चलते एक बार फिर सादगी पूर्वक विवाह कराया जा रहा है। माना जा रहा है कि इस शादी के जरिये देशभर के लोग सबक लेंगे और बीमारी के प्रति जागरूक रहने के साथ कुछ ऐसा ही करेंगे।

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बुलंदशहर जिले के गुलावठी ब्लॉक के ग्राम शेरपुर के जगवीर सिंह खारी दूल्हे बने अपने तीन बेटों आकाश, विकास व निखिल और 15 बरातियों के साथ गौतमबुद्धनगर जिला के दनकौर क्षेत्र के गांव चचूला में समयपाल नागर के घर पहुंचे। इस बरात में ना बैंड था और ना बाजा। केवल 3 दूल्हे थे और सिर्फ 15 बराती थे। इस विवाह में कोविड-19 नियमों का पालन किया गया। यह शादी बिना ताम-झाम के घर में बहुत ही सादगी पूर्ण तरीके से हुई। गांव में यह विवाह कार्यक्रम लोगों के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है। समयपाल नागर ने अपनी तीन बेटियां रिया, ईषा व कोमल की शादी कोरोना गाइडलाइन के तहत की।

लड़की वालों की ओर से सिर्फ 10 लोग हुए शामिल

तीनों बेटियों के पिता समयपाल नागर ने बताया कि कोरोना वायरस संक्रमण के चलते दूल्हा पक्ष से बातचीत कर शादी का फैसला किया। उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा जारी गाइडलाइन के मुताबिक, विवाह संपन्न हुआ। इस दौरान 15  बराती तो सिर्फ 10 लोग दुल्हन पक्ष के शामिल हुए। इस दौरान शारीरिक दूरी के नियमों का पालन भी किया गया। 

गुर्जर समाज के शादी समारोह में होने वाली फिजूलखर्ची रोकने के लिए गांव गांव बहुत बैठक व पंचायत आयोजित करने के बाद भी समाज नहीं चेता तो अब समय आ गया है। समाज फिजूलखर्ची रोक आने वाली पीढ़ी का भविष्य संवारने में धन खर्च करे, न की झूठी शान में। -संजय नवादा, अध्यक्ष पर्यावरण संरक्षण समिति

कोरोनाकाल में बहुत कुछ सीखने को मिला है। दादी नानी की कहानी भी याद आने लगी है। दिखावा फिजूलखर्ची से अब समय आ गया है। गुर्जर ही नहीं सभी समाज के लिए समय के अनुसार बदलने की जरूरत है। गुर्जर समाज के फिजूलखर्ची पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है।- मास्टर महकार नागर, सदस्य पर्यावरण संरक्षण समिति

सारे अरमान धूल गए

दुल्हन रिया, ईषा, कोमल व दूल्हा आकाश, विकास, निखिल ने बताया उनकी एक भी सहेली शादी में नहीं आई। दोस्तों के न आने के मलाल है। उनके तो सारे अरमान कोविड ने धूल दिए। -गुर्जर समाज के प्रबुद्ध लोगों ने फैसले को सराहा

शादी की सारी तैयारी हो चुकी थी। बैंड बाजा पार्टी, आतिशबाजी व बग्गी घोड़ी भी तय कर दिए गए थे। उनका भुगतान भी कर दिया गया था। -  जगवीर सिंह खारी, लड़का पिता शेरपुर 

रिश्तेदार व दोस्तों की धमाचौकड़ी न हो तो सहज अंदाजा लगाया जा सकता है कि दुल्हा और दुल्हन की दिल पर क्या गुजरेगी, खैर हम तो पिता हैं। बहुत अरमान थे। आगे होंगे। अभी कोविड गाइड लाइन के तहत शादी संपन्न हो गई। - समयपाल नागर, लड़की पिता चचूला

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