जेपी अस्पताल में डॉक्टरों की लापरवाही से किशोर की मौत, परिजन का हंगामा Noida News
सेक्टर-128 स्थित जेपी अस्पताल में बृहस्पतिवार को डॉक्टरों की लापरवाही से 13 वर्षीय बच्चे की मौत हो गई।
नोएडा, जेएनएन। नोएडा के सेक्टर-128 स्थित जेपी अस्पताल में बृहस्पतिवार को एक किशोर की मौत हो गई। परिजनों ने डॉक्टरों पर इलाज में लापरवाही का आरोप लगाया है। जानकारी के अनुसार, परिजन 13 साल के बच्चे को दस्त होने की शिकायत पर इलाज के लिए अस्पताल लेकर पहुंचे थे। आरोप है कि डॉक्टरों ने किशोर को देर रात ओवर डोज दवा दे दी, जिससे उसका शरीर पूरा नीला पड़ गया और करीब छह घंटे बाद ही उसकी मौत हो गई। इसे लेकर बच्चे के परिजन और डॉक्टरों के बीच नोकझोंक भी हुई।
सूचना के बाद मौके पर पहुंची एक्सप्रेस-वे कोतवाली पुलिस ने परिजन को कार्रवाई का आश्वासन देकर मामले का शांत कराया। मिली जानकारी के अनुसार, सेक्टर-135 स्थित नंगली वाजिदपुर गांव में रहने वाले राजकिशोर गांव में रहकर खेती-किसानी का काम करते हैं। परिवार में 13 वर्षीय भतीजा मोंटी चौहान आठवीं कक्षा में पढ़ाई करता था।
पिछले दो दिनों से दस्त की शिकायत होने पर बुधवार रात करीब साढ़े 11 बजे जेपी अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कराया था। यहां डॉक्टरों ने किशोर को इमरजेंसी वार्ड में भर्ती करने के बाद उसे न्यूरोलॉजी विभाग में दाखिल कर दिया। यहां देर रात डॉक्टरों ने इलाज के दौरान बच्चे को कई सारी दवा खाने को दी। जिसे खाने के कुछ देर बाद ही उसका शरीर पूरा नीला पड़ने लगा।
शरीर को नीला पड़ता देख सुबह करीब साढ़े पांच बचे डॉक्टर और नर्स किशोर की छाती को जोर-जोर से दबाने लगे। करीब साढ़े सात बजे अचानक नर्स द्वारा बच्चे की मौत होने की बात कहीं गई। उन्होंने जब बच्चे की मौत का कारण पूछा, तो डॉक्टरों ने कहा कि बच्चे के दिमाग में इंफेक्शन था। इस कारण ही उसकी मौत हुई है। इस पर उन्होंने गांव वालों को अस्पताल बुला लिया और डॉक्टरों से मौत का सही कारण पूछने लगे, लेकिन अब डॉक्टर बच्चे की मौत पर गोलमोल जवाब देने लगे।
परिजन का आरोप है कि किशोर अपने पैरों पर चलकर अस्पताल पहुंचा था। यहां भर्ती के बाद डॉक्टर ने ओवरडोज दवाई खाने को दी हैं। जिसके बाद उसका का पूरा शरीर नीला पड़ा और उसकी मौत हो गई। लेकिन अब अस्पताल के डॉक्टरों अपनी इस गलती को मानने से इंकार कर रहे हैं। बच्चे की मौत के बावजूद अस्पताल प्रबंधन की ओर से 62 हजार रुपये का बिल बनाकर दिया गया, जिसमें 50 हजार रुपये भर्ती से पहले जमा करवाए गए थे। फिलहाल किशोर के परिजनों ने डॉक्टरों के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है।
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चौकी इंचार्ज दिनेश सोलंकी ने इस संबंध में बताया कि परिजन ने जेपी अस्पताल में इलाज से पहले बच्चे को भंगेल के एक निजी में दिखाया था। उन्हें शक था कैनुला लगाने के दौरान बच्चे के पेट में बड़ा सा चीरा लगाया गया है। जिससे उसकी मौत हुई। लेकिन बाद में इलाज का तरीका समझाने पर वह मान गए। अभी लिखित शिकायत नहीं आई है। शिकायत मिलने के बाद ही जांच की जाएगी।