कूड़े राम की तरह रिटायरमेंट के दिन उड़न खटोले का शौक पूरा करेगा निगम का यह पंप मैन
नरेंद्र कुमार 31 अगस्त को सेवानिवृत होने के बाद पत्नी व बेटियों के साथ हेलीकॉप्टर में अपने गांव जाना चाहते हैं। इसके लिए उन्होंने जिला प्रशासन से अनुमति मांगी है।
गाजियाबाद [आशीष गुप्ता]। शौक बड़ी चीज है...! चाहे फिर उसे पूरा करने पर कितना पैसा क्यों न खर्च हो जाए। नगर निगम के पंप चालक नरेंद्र कुमार कश्यप ने सेवानिवृति पर हवा में उड़ने के शौक को पूरा करने की योजना बनाई है। वह 31 अगस्त को सेवानिवृत होने के बाद पत्नी व बेटियों के साथ हेलीकॉप्टर में अपने गांव जाना चाहते हैं। इसके लिए उन्होंने जिला प्रशासन से अनुमति मांगी है। साथ ही एविएशन कंपनी को चार लाख एडवांस देकर हेलीकॉप्टर भी बुक करा लिया है।
नरेंद्र कुमार कश्यप मोदीनगर तहसील के गांव अतरौली में रहते हैं। इस वक्त चौपला मंदिर के पास नगर निगम के ट्यूबवेल पर पंप चालक हैं। वह अगस्त 1981 में नगर निगम में अस्थायी कर्मचारी के रूप में भर्ती हुए थे। वर्ष 1994 में उन्हें परमानेंट कर दिया गया।
बेटा पूरा नहीं कर पाया शौक
नरेंद्र कुमार ने बताया कि उनका जिंदगी में एक बार हवा में उड़ने का शौक था। उन्होंने सोचा था कि वह यह शौक पूरा नहीं कर पाए तो उनके दो बेटे उन्हें हवा की सैर कराएंगे। लेकिन बेटों की स्थिति को देखते हुए उनकी यह उम्मीद टूट गई। उन्होंने बताया कि बड़ा बेटा अमित कश्यम और छोटा बेटा ललित कुमार कश्यप पानी के पाइप की फिटिंग का काम करते हैं। शराब की लत होने के कारण वह परिवार में किसी तरह का सहयोग नहीं करते। उन्होंने बताया कि सेवानिवृति पर ही वह अपने शौक को पूरा सकते हैं। करीब 16 लाख रुपये सेवानिवृति पर मिलेंगे। इस कारण चार लाख रुपये हेलीकॉप्टर में गांव तक जाने में खर्च किए हैं।
पत्नी व बेटियों के साथ हेलीकॉप्टर में जाएंगे
नरेंद्र कुमार कश्यम ने कहा कि अनुमति मिलने पर सेवानिवृति के बाद वह पत्नी कमलेश कश्यप, बड़ी बेटी पूनम और मझली बेटी रीना के साथ हेलीकॉप्टर में गांव तक जाएंगे। दोनों बेटियों की शादी हो चुकी हैं। दोनों की शादी गाजियाबाद के छोटा कैला गांव में हुई है। उन्होंने इस मौके पर अपनी सबसे छोटी बेटी बीना को याद किया, जो अब इस दुनिया में नहीं है। बीमारी के चलते उसकी मौत हो गई थी। बेटों को हेलीकॉप्टर में बिठाएंगे कि नहीं? यह सवाल पूछते ही उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा, नहीं। उनका कहना है कि तब बेटे उनका सहारा नहीं बनना चाहते। तो वह बेटे और बहुओं को साथ लेकर हेलीकॉप्टर में नहीं बैठेंगे। नरेंद्र कुमार ने बताया कि उनके तीन पौत्र और एक पौत्री है।
नरेंद्र कुमार करेंगे खेती
सेवानिवृत होने के बाद नरेंद्र कुमार कश्यप खेती करेंगे। उन्होंने बताया कि गांव में उनके पास छह बीघा जमीन है। अभी भी उस पर खेती होती है। नरेंद्र कुमार ने कहा कि उन्होंने अब तक मेहनत की है। आगे भी मेहनत करते रहेंगे।
पत्नी हैं पूर्व ग्राम प्रधान
नरेंद्र कुमार कश्यप की पत्नी कमलेश कश्यप गांव अतरौली की प्रधान रही हैं। वर्ष 2010 से 2015 तक उनका कार्यकाल रहा। कमलेश का बायां हाथ चार काटते वक्त मशीन में आने से कट गया था। नरेंद्र कुमार ने बताया कि इतनी दुश्वारियों के बावजूद उनकी पत्नी की उनका सारा काम करती हैं। उनका खाना भी वही बनाती हैं। वहीं नगर आयुक्त दिनेश चंद्र ने कहा कि मैंने पंप चालक नरेंद्र कुमार कश्यप के हेलीकॉप्टर के सपने के बारे में सुना है। पता चला है कि उन्होंने जिला प्रशासन से अनुमति मांगी है।
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