प्लॉट एक और दावेदार अनेक: गाढ़ी कमाई से कराई रजिस्ट्री पर उठे सवाल, बिना जांच जमीन खरीदना पड़ा भारी
एक जमीन, कई दावेदार! लोगों ने मेहनत की कमाई से रजिस्ट्री कराई, पर अब स्वामित्व पर सवाल उठ रहे हैं। बिना जांच जमीन खरीदने से परेशानी बढ़ गई है। जमीन से जुड़े धोखाधड़ी के मामले बढ़ रहे हैं, जिससे आम आदमी परेशान है। ग्रेटर नोएडा प्रशासन को ऐसे मामलों पर सख्ती से कार्रवाई करने की जरूरत है।

प्रतीकात्मक तस्वीर।
जागरण संवाददाता, ग्रेटर नोएडा। बिसरख कोतवाली में दो खरीदारों को बिना जांच किए प्लाॅट खरीदना भारी पड़ गया। रजिस्ट्री के दो साल बाद जब दोनों प्लाॅट पर निर्माण कार्य करने पहुंचे तो एक और नया खरीदार सामने आ गया। प्लाॅट पर अपना हक जता निर्माण कार्य को रुकवा दिया। शिकायत पर पुलिस मामला दर्जकर जांच कर रही है।
साईं उपवन सोसायटी में बबली अपने पति अरविंद के साथ रहती हैं। चिपियाना बुजुर्ग में उन्होंने सौ वर्ग गज का प्लाॅट अविनाश सिंह व विपिन कुमार से डीलर सुभाष यादव के माध्यम से अक्टूबर 2023 में खरीदा था।
उनके पड़ोस में ही साईं उपवन निवासी शरद राघव ने भी प्लाॅट खरीदा। पीड़िता का आरोप है कि 30 जुलाई 2024 को नई दिल्ली संगम विहार निवासी कृष्ण यादव 10-12 साथियों के साथ पहुंचे और शरद राघव के साथ उनके प्लाॅट पर भी कब्जा करने लगे।
विरोध करने पर आरोपित निर्माण कार्य न करने की धमकी देकर चले गए। 21 अक्टूबर 2024 को प्लाॅट पर निर्माण कार्य करने की दंपती ने कोशिश की तो कृष्ण यादव अपने बेटे व साथियों के साथ फिर आ गए और निर्माण कार्य रुकवा दिया।
मौके पर डीलर सुभाष यादव को बुलाया गया तो वह भी भूखंड को कृष्ण यादव का बताने लगा जबकि सुभाष यादव ने ही उन्हें 40 लाख रुपये में प्लाॅट को अविनाश व विपिन से दिलाया था। पीड़ित दंपती ने पुलिस कमिश्नर से गुहार लगाई है। दंपती की शिकायत पर बिसरख कोतवाली पुलिस ने प्रापर्टी डीलर सुभाष यादव, कृष्ण यादव व 10 से 12 अज्ञात साथियों के खिलाफ मामला दर्जकर जांच शुरू कर दी है।
वहीं, साईं उपवन सोसायटी की रहने वाली शरद राघव की पत्नी दीपा राघव ने भी पहले से बेचे हुए भूखंड की अवैध तरीके से रजिस्ट्री उनके नाम करवाने का आरोप लगा सुभाष यादव, महेंद्र यादव व दिलशाद खान नाम के व्यक्ति के खिलाफ मामला दर्ज कराया है।
पीड़िता का आरोप है कि दिलशाद ने प्लाॅट दिखाया था। उन्हें प्लाॅट सुभाष यादव का बताया गया, जिसके एवज में 23 लाख 65 हजार रुपये का भुगतान कर रजिस्ट्री कराई थी। चारदीवारी करने गए तो दूसरे लोगों ने प्लाॅट को अपना बता निर्माण कार्य रुकवा दिया।
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