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    UP RERA भी नहीं दिलवा पाया घर, 15 साल पहले डेढ़ लाख खरीदार ने कराई थी फ्लैट बुकिंग

    By Dharmendra ChandelEdited By: Monu Kumar Jha
    Updated: Thu, 26 Jun 2025 10:36 PM (IST)

    एनसीआर में लाखों फ्लैट खरीदार नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना प्राधिकरण क्षेत्रों में अपने घरों के कब्जे का इंतजार कर रहे हैं। कई बिल्डरों ने परियोजनाएं अधूरी छोड़ दी हैं या शुरू ही नहीं की हैं, और प्राधिकरणों को बकाया राशि भी जमा नहीं की है। खरीदारों ने अपनी जीवन भर की कमाई लगा दी है लेकिन उन्हें घर नहीं मिले हैं। रेरा और स्थानीय प्राधिकरणों के प्रयासों के बावजूद, हजारों शिकायतें लंबित हैं और कई खरीदारों को अभी भी अपने सपनों का घर मिलने की उम्मीद कम दिख रही है।  

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    फाइल फोटो

    धर्मेंद्र चंदेल, नोएडा। एक-एक पाई जोड़कर एनसीआर में घर बनाने का सपना लेकर नोएडा, ग्रेटर नोएडा में फ्लैट बुक कराने वाले करीब डेढ़ लाख खरीदार आज भी कब्जा मिलने के इंतजार में हैं। वह हर सप्ताह रेरा, प्राधिकरण और बिल्डर ऑफिसों में चक्कर लगाते हैं।

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    जीवन भर की कमाई भी बिल्डरों की जेब में चली गई और घर भी नहीं मिला। कार्यालयों के चक्कर काटने में समय की बर्बादी के साथ आने-जाने में धन भी खर्च होता है। इसके बावजूद जल्द घर मिलने की उम्मीद धूमिल नजर आ रही है। ग्रेटर नोएडा में 20 बिल्डरों ने प्रोजेक्टों का निर्माण शुरू नहीं हुआ है।

    इनमें करीब 27 हजार खरीदार हैं। 37 अन्य बिल्डरों ने अमिताभ कांत समिति की रिपोर्ट के बाद 25 प्रतिशत धनराशि जमा कर अधूरे निर्माण को शुरू किया। इनमें 18 हजार फ्लैट खरीदार हैं। इन बिल्डरों ने प्राधिकरण की दूसरी किश्त जमा नहीं की है।

    प्राधिकरण ने इन्हें आठ जुलाई तक बकाया धनराशि जमा करने के लिए नोटिस दिया है, तय अवधि में पैसा जमा नहीं किया तो आवंटन रद किया जाएगा। ग्रेटर नोएडा में कुल 98 बिल्डर डिफाल्टर थे। 20 को छोड़कर बाकी में काम शुरू हो चुका है। इनमें करीब 40 हजार खरीदरों को फ्लैटों पर कब्जा नहीं मिला है और उनकी रजिस्ट्री नहीं हुई है।

    इस तरह ग्रेटर नोएडा में कुल 85 हजार से अधिक खरीदारों को घर मिलना बाकी है। बाक्स नोएडा में 40 हजार खरीदारों को घर मिलना बाकी नोएडा प्राधिकरण क्षेत्र में 57 बिल्डर प्रोजेक्ट अधूरे थे। अमिताभ कांत समिति की रिपोर्ट लागू होने के बाद 34 बिल्डरों ने इसका लाभ उठाते हुए प्राधिकरण में 518 करोड़ रुपये जमा किए।

    13 बिल्डरों ने आंशिक धनराशि जमा की है। इन परियोजनाओं में करीब 40 हजार फ्लैट खरीदार हैं। उन्हें फ्लैटों पर कब्जा मिलने की उम्मीद जगी है, लेकिन उनका सपना कब तक पूरा होगा, यह अभी तय नहीं है।

    बाक्स यमुना प्राधिकरण में 25 हजार खरीदार को नहीं मिले फ्लैट यमुना प्राधिकरण क्षेत्र में जेपी बिल्डर समेत 34 प्रोजेक्टों में 25 हजार निवेशकों को फ्लैटों पर कब्जा नहीं मिला है। अकेले जेपी बिल्डर के यहां 10 हजार से अधिक खरीदार फ्लैट मिलने के इंतजार में है।

    बाक्स 2010 में कराए थे फ्लैट बुक एनसीआर में घर का सपना लेकर 2010 से करीब पांच लाख लोगों ने नोएडा, ग्रेटर नोएडा में बिल्डर परियोजनाओं में फ्लैटों की बुकिंग कराई थी। खरीदारों से फ्लैटों का पैसा लेकर कब्जा न देने पर अर्थ इंफ्रास्ट्रक्चर, अर्थ टाउनी, असंल, आम्रपाली व सुपरटेक समेत कई नामी बिल्डर जेल की हवा भी खा चुके हैं।

    203 बिल्डरों को 2600 एकड़ जमीन की आवंटित की गई थी। इनमें अधिकांश को 10 प्रतिशत धनराशि पर भूखंड आवंटित कर दिए गए। जबकि नियम 30 प्रतिशत राशि लेकर आवंटन करने का था।

    बाक्स रेरा में 12 हजार शिकायत लंबित, नहीं होती सुनवाई फ्लैट खरीदारों की समस्याओं का निदान करने के लिए प्रदेश सरकार ने 2016 में उत्तर प्रदेश भू-संपदा विनियामक प्राधिकरण (रेरा) का गठन किया था।

    रेरा दावा कर रहा है कि उनके पास 57 हजार शिकायतें आई और 45 हजार का समाधान कर दिया। ज्यादातर को पैसे वापस दिलवाए। कुछ को फ्लैटों पर कब्जा दिलवाया। वर्तमान में 12 हजार शिकायत लंबित है।

    इस दावे के विपरीत सच्चाई कुछ और है। निवेशक रेरा आफिस के चक्कर काट रहे हैं, लेकिन उम्मीद के अनुसार उनकी समस्या का समाधान नहीं हो रहा है। बाक्स ग्रेटर नोएडा में ये बिल्डर प्रोजेक्ट हैं अधूरे पंचशील बिल्डटेक, जेकेजी, राज हंस इंफ्राटेक, स्टार सिटी बिल्डकान, केवीआइआर टावर्स।

    अर्थकान, आइडियल रियल्टी, प्रोव्यू कंस्ट्रक्शन, एसडीएस इंफ्राटेक, एसजेपी इंफ्राकान, टाउन पार्क बिल्डकान, सोलिटेयर इंफ्राहोम, जेएम हाउसिंग, न्यूटेक ला प्लासिया, डीएआर हाउसिंग, एलीगेंट इंफ्राकान, विहान डवलपर्स, डिलीजेंट बिल्डर्स, निराला प्रोजेक्टस, बीएस बिल्डटेक।

    निराला हाउसिंग, हेबे इंफ्रास्ट्रक्चर, धान्या प्रमोटर्स, एसएजी रियल्टेक, इंटेलेक्ट प्रोजेक्टर्स, एआइएमएस गोल्फ टाउन, निवास प्रमोटर्स आदि। नोएडा में सुपरटेक, अजनारा, यूनिटेक, हार्टबीट, आरजी आदि में खरीदारों को फ्लैटों पर कब्जा नहीं मिला है।

    सरकार और प्राधिकरण के प्रयासों से 44 हजार खरीदारों के पक्ष में फ्लैटों की रजिस्ट्री हो चुकी है। शेष को भी फ्लैटों पर कब्जा दिलवाने के प्रयास जारी है। एनजी रवि, सीईओ, ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण बिल्डरों पर दबाव बनाया जा रहा है। खरीदरों को शीघ्र फ्लैटों पर कब्जा दिलवाया जाएगा। निवशकों को घर मिले, इसके लिए प्राधिकरण ने प्रभावी कदम उठाए हैं। लोकेश एम, सीईओ, नोएडा प्राधिकरण