प्रदूषण से जंग: ग्रेटर नोएडा में 263 किमी सड़कें होंगी धूलमुक्त, बढ़ेंगे ईवी और स्मॉग गन
ग्रेटर नोएडा में प्रदूषण से निपटने के लिए 263 किलोमीटर सड़कों को धूल-मुक्त किया जाएगा। शहर में इलेक्ट्रिक वाहनों के उपयोग को बढ़ावा दिया जाएगा और स्मॉ ...और पढ़ें

जागरण संवाददाता, ग्रेटर नोएडा। एनसीआर में प्रदूषण की समस्या गंभीर हो चुकी है। इससे निपटने के लिए ग्रेप लागू होने के बावजूद प्रदूषण की रोकथाम चुनौती बन चुकी है। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने प्रदूषण से निपटने को कार्ययोजना तैयार की है। इसके तहत धूलमुक्त करने के लिए 71 सड़कें बनाई जाएंगी। बैटरी स्वैपिंग स्टेशन स्थापित करने के अलावा एंटी स्माग गन की संख्या बढ़ाई जाएगी। कार्ययोजना को दिसंबर 2026 से पहले पूरा करने का लक्ष्य है।
वायु प्रदूषण को लेकर शुक्रवार को दिल्ली में हुई उच्च स्तरीय बैठक में ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने एक साल की योजना का प्रस्तुतिकरण दिया है। इसके तहत वायु गुणवत्ता में सुधार के लिए काम किए जाएंगे। योजना के मुताबिक 71 सड़कों को धूल मुक्त किया जाएगा। इनकी कुल लंबाई 263 किलोमीटर है। नई सड़कें बनाने के अलावा पूरी की मरम्मत की जाएगी। सेंट्रल वर्ज, फुटपाथ की मरम्मत की जाएगी। कूड़ा निस्तारण केंद्र चालू करने के साथ हरियाली बढ़ाई जाएगी।
इसके अलावा वाहनों से होने वाले प्रदूषण की रोकथाम के लिए ईवी को बढ़ावा दिया जाएगा। शहर में 20 बैटरी स्वैपिंग स्टेशन बनाए जाएंगे। इसके लिए स्थान चिन्हित कर दिसंबर 2026 तक काम पूरा हो जाएगा। एक साल में 13 ईवी चार्जिंग स्टेशन भी बनाए जाएंगे। अब तक तीन चार्जिंग स्टेशन लगाए जा चुके हैं।
एंटी स्माग गन की संख्या बढ़ाई जाएगी। मौजूदा समय में 20 स्माग गन हैं, इनकी संख्या बढ़ाकर 32 की जाएगी। पांच नई पार्किंग बनाई जाएगी। शहर में 15 पार्किंग हैं। नई पार्किंग जगत फार्म बाजार, रामपुर सेक्टर बीटा-1, सेक्टर अल्फा-1 कामर्शियल बेल्ट व सेक्टर अल्फा-2 में बनाई जाएंगी।
इसके अतिरिक्त वायु की गुणवत्ता पर नजर रखने के लिए निगरानी स्टेशन की संख्या दो से बढ़ाकर चार की जाएगी। एक स्टेशन प्राधिकरण कार्यालय के नजदीक व दूसरा सूरजपुर स्थित कलक्ट्रेट के पास होगा। मौजूदा समय में एक स्टेशन नाॅलेज पार्क तीन में शारदा विश्वविद्यालय के नजदीक और दूसरा नालेज पार्क पांच में है।
प्राधिकरण के सीईओ एनजी रवि कुमार का कहना है कि प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए सभी संभव प्रयास किए जा रहे हैं। सड़कों को धूल मुक्त किए जाने के साथ ईवी चार्जिंग स्टेशन, बैटरी स्वैपिंग स्टेशन, वायु गुणवत्ता निगरानी स्टेशन की संख्या बढ़ाई जाएगी। लोगों को भी इसमें सहयोग के लिए आगे आना जरूरी है।

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