ग्रेटर नोएडा में आवासीय समितियों में काबिजदारों को मिलेगा मालिकाना हक, प्राधिकरण की बोर्ड बैठक में लगी मुहर
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने आवासीय समितियों में काबिजदारों को मालिकाना हक देने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। इस निर्णय से हजारों परिवारों को फायदा होगा जो वर्षों से अपने घरों के मालिकाना हक का इंतजार कर रहे थे। अब वे अपनी संपत्तियों के मालिक बन सकेंगे और उन्हें संपत्ति पर पूरा अधिकार मिलेगा। प्राधिकरण के इस फैसले से शहर के विकास को भी गति मिलेगी।

ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण का कार्यालय।
जागरण संवाददाता, ग्रेटर नोएडा। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण बोर्ड ने अहम निर्णय लेते हुए आवासीय समितियों में सब्सीक्वेंट मेंबर (काबिजदारों) के नाम रजिस्ट्री की अनुमति दे दी है। इससे उन्हें संपत्ति का मालिकाना हक मिलने का रास्ता साफ हो गया है।
ग्रेटर नोएडा में सीनियर सिटीजन सोसायटी और एयरफोर्स नेवल हाउसिंग बोर्ड समेत कई ऐसी आवासीय समितियां हैं, जिनमें कंप्लीशन न होने के कारण संपत्तियों का हस्तांतरण नहीं हो पा रहा है। खरीदार पावर ऑफ अटार्नी पर इन संपत्तियों की खरीद-बिक्री कर रहे हैं।
एक संपत्ति पावर ऑफ अटार्नी के आधार पर एक से अधिक बार बिक चुकी है, लेकिन रजिस्ट्री न हो पाने के कारण उनको मालिकाना हक नहीं मिल पा रहा और इसी वजह से अन्य संपत्तियों की तुलना में इनकी बाजार कीमत भी कम है। इन संपत्तियों के खरीदार परेशान हैं। खरीदार प्राधिकरण से रजिस्ट्री के लिए गुहार लगा रहे हैं।
बोर्ड ने कुछ शर्तें के साथ रजिस्ट्री की अनुमति दे दी है। शर्तों के तहत आवासीय समिति के पदाधिकारियों की तरफ से शपथ पत्र देना होगा कि वर्तमान में सब्सीक्वेंट मेंबर का ही आवंटित भवन पर कब्जा है। साथ ही सभी सदस्यों के पक्ष में सबलीज डीड कराने के लिए अलग-अलग एनओसी जारी करना अनिवार्य होगा।
काबिजदारों को भी शपथ पत्र देना होगा कि किसी तरह की आपत्ति आने पर पूरी जिम्मेदारी काबिजदारों की होगी। 100 रुपये के स्टांप पेपर पर इंडेमनिटी बांड देना होगा कि भविष्य में किसी प्रकार की देयता होने पर काबिजदार भुगतान करेगा और किसी तरह का वाद कोर्ट में दायर नहीं करेगा।
आवासीय समिति की सूची में मूल सदस्य के बाद अंतिम काबिजदार तक प्राधिकरण से तय ट्रांसफर चार्ज का भुगतान अंतिम काबिजदार को देना होगा। इस नीति के तहत केवल वहीं प्रकरणों पर विचार योग्य होंगे जो जो भवन आवासीय समिति की कार्यपूर्ति से पूर्व खरीदे गए हैं। सब्सीक्वेंट मेंबर्स को प्रति सदस्य के अनुसार ट्रांसफर शुल्क देना होगा।

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