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    दिल्ली-NCR से चल रहा था धार्मिक उन्माद फैलाने का अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क, नोएडा में भी हो रहा अल फलाह जैसा ब्रेनवॉश

    Updated: Sat, 15 Nov 2025 07:00 AM (IST)

    ग्रेटर नोएडा में अल फलाह जैसे ब्रेनवॉश और धार्मिक उन्माद फैलाने वाले एक अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क का पर्दाफाश हुआ है। जांच से पता चला है कि यह नेटवर्क युवाओं को कट्टरपंथी बनाने के लिए अल फलाह जैसे तरीकों का इस्तेमाल कर रहा था। इसके तार विदेशों से जुड़े होने के संकेत मिले हैं। पुलिस मामले की गंभीरता से जांच कर रही है।

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    अल फलाह यूनिवर्सिटी की तरह ही ग्रेटर नोएडा से भी किया जा रहा था ब्रेन वाश। सांकेतिक तस्वीर

    जागरण संवाददाता, ग्रेटर नोएडा। फरीदाबाद की अल फलाह यूनिवर्सिटी में जिस तरह ब्रेनवाश कर धार्मिक उन्माद फैलाने का काम हो रहा था, ठीक उसी तरह ग्रेटर नोएडा के कासना में धार्मिक उन्माद फैलाने की सामग्री को भारी संख्या में प्रस्तुत किया जा रहा था।

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    दिल्ली धमाके के तार अल फलाह यूनिवर्सिटी के डाक्टरों से जुड़े हैं, जो धार्मिक उन्माद फैलाने के साथ ही बड़ी आतंकी वारदात को अंजाम की फिराक में थे। ग्रेटर नोएडा में प्रकाशित हो रही सामग्री नोएडा, फरीदाबाद, गाजियाबाद के अलावा बरेली और मुंबई भेजी गई।

    जानकारी के मुताबिक, किताबें अफ्रीकी देशों में भी भेजी जा रही थीं, जिसमें तुर्किए से फं¨डग की जानकारी भी सामने आ रही है। कासना स्थित इस्तांबुल इंटरनेशनल प्रालि. और हकीकत आफसेट एंड पब्लिशर्स लिमिटेड की आड़ में जिहादी साहित्य को देश-विदेश भेज धार्मिक कट्टरता फैलाई जा रही थी।

    फैक्ट्री में तुर्किए और बांग्लादेश के नागरिक भी आते थे। इससे अंदाजा लगाया जा रहा है कि एक अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क देश विदेश में धार्मिक उन्माद फैलाने का काम कर रहा था। पिछले शनिवार यूपीएटीएस की टीम ने दिल्ली निवासी कंपनी के सह निदेशक फरहान नबी सिद्दीकी को गिरफ्तार किया था।

    आरोपित ने पिछले सात वर्षों में करीब 2.10 करोड़ रुपये से अधिक की उन्मादी किताबें छापीं। इनमें से 27.50 लाख रुपये की किताबें अफ्रीकी महाद्वीप के देश तंजानिया के बाजार में भी बेच दी।

    इसके बदले में आरोपित ने करीब 19 लाख रुपये टैक्स भी जीएसटी के रूप में चुकाया है।जीएसटी विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक, यूपीसीडा के औद्योगिक क्षेत्र साइट पांच में फरहान ने इलेक्ट्रानिक गुड्स उत्पाद वर्ग में इस्तांबुल इंटरनेशनल के नाम से एक फर्म 20 फरवरी 2019 को पंजीकृत कराई।

    इसकी आड़ में दिल्ली के हजरत निजामुद्दीन क्षेत्र स्थित हकीकत प्रिंटिंग प्रेस की किताबों को अवैध तरीके से प्रकाशन शुरू कर दिया। आरोपित ने दिल्ली, गाजियाबाद समेत एनसीआर के अन्य शहरों, बरेली और मुंबई में भी धार्मिक उन्माद भड़काने वाली किताबों को बेचा।

    इसकी कानोंकान किसी को खबर तक नहीं हुई। इस्तांबुल इंटरनेशनल फर्म के नाम पर ही मध्य प्रदेश और दिल्ली से विभिन्न प्रकार के एग्रीकल्चर सीड्स की खरीदारी भी की।

    एयरपोर्ट में कारोबार बढ़ाने को पंजीकृत कराई दूसरी फर्मफरहान ने करीब एक साल पहले 23 दिसंबर 2024 को पुरानी फर्म के पते पर ही रियल ग्लोबल एक्सप्रेस लाजिस्टिक के नाम एक और फर्म को पंजीकृत कराया।

    इस फर्म के माध्यम से नोएडा एयरपोर्ट पर अपने कारोबार को बढ़ाने की फिराक में था। इस फर्म को एयरपोर्ट आपरेशंस और पोस्टल सेवाओं के लिए पंजीकृत कराया।

    पिछले एक साल में इस कंपनी से किसी भी उत्पाद को बेचा नहीं गया, हालांकि अश्वगंधा, शिलाजीत, शतावरी कैप्सूल जैसे अन्य प्रकार की शक्तिवर्धक दवाइयों की खरीदारी की गई, जिसकी अनुमानित मूल्य करीब 2.99 लाख रुपये बताई जा रही है।