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    नोएडा में भर्तियों में धांधली-छात्रों की फीस घोटालों के आरोप के बीच जीबीयू रजिस्ट्रार हटाए गए

    Updated: Tue, 30 Dec 2025 06:07 AM (IST)

    गौतमबुद्ध विश्वविद्यालय (जीबीयू) में भर्ती धांधली और छात्र फीस घोटाले की जांच के बीच रजिस्ट्रार डॉ. विश्वास त्रिपाठी को पद से हटा दिया गया है। लोकायुक ...और पढ़ें

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    समाजवादी छात्र सभा के पदाधिकारी जीबीयू के अधिकारियों पर आरोप लगाते हुए। जागरण

    जागरण संवाददाता, ग्रेटर नोएडा। गौतमबुद्ध विश्वविद्यालय (जीबीयू) में बड़े स्तर पर भर्ती में धांधली और छात्रों से फीस घोटालों की जांच के बीच सोमवार को रजिस्ट्रार डा. विश्वास त्रिपाठी को पद से हटा दिया गया। विश्वविद्यालय में भर्ती में धांधली और छात्रों की फीस में घोटालों की शिकायत लोकायुक्त से की गई थी, जिसके सभी रिकार्ड के साथ नौ जनवरी को रजिस्ट्रार डा. विश्वास त्रिपाठी को प्रस्तुत होने के आदेश जारी किए गए थे।

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    इसी बीच अचानक सोमवार को कुलपति राणा प्रताप ने रजिस्ट्रार विश्वास त्रिपाठी को उनके पद से हटाने के आदेश जारी कर दिए। उनके स्थान पर स्कूल आफ वोकेशनल स्टडीज एंड एप्लाइड साइंसेज के प्रो. चंद्र कुमार को प्रभारी रजिस्ट्रार बनाया गया है।

    जीबीयू में भर्तियों में धांधली और छात्रों की फीस में घोटाले की शिकायत लोकायुक्त से की गई थी, जिसमें 26 दिसंबर को लोकायुक्त की ओर से जीबीयू प्रबंधन को पत्र जारी कर नौ जनवरी तक रिकार्ड प्रस्तुत करने के आदेश दिए गए थे। इस मामले को लेकर कई बार छात्र संघ में आवाज उठा चुके हैं, लेकिन इस कभी कोई कर्रवाई नहीं हुई। मामले में अब लोकायुक्त के हस्तक्षेप और रिकार्ड की मांग के बाद मामले ने तूल पकड़ लिया।

    विश्वविद्यालय में उच्च पदों पर नियुक्त कई अधिकारियों की भूमिका पर सवाल खड़े हो रहे हैं। सूत्रों ने बताया कि कुलपति राणा प्रताप, डिप्टी रजिस्ट्रार और एकाउंटेंट संदीप कुमार पर आरोप लगाए गए थे। जिनकी रिपोर्ट रजिस्ट्रार को लोकायुक्त के पास नौ जनवरी को पेश करनी थी।

    रजिस्ट्रार का आरोप जबरन पद से गया हटाया 

    पद से हटाए गए रजिस्ट्रार विश्वास त्रिपाठी का कहना है कि लोकायुक्त के आदेशानुसार उन्हें ही नौ जनवरी को रिकार्ड के साथ प्रस्तुत होना था, लेकिन कुलपति ने सोमवार को उन्हें उनके पद से हटा दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि लोकायुक्त का पत्र जारी होने के बाद उन्होंने संबंधित विभागों व एकाउंट्स को नई भर्ती से संबंधित फाइलों में छेड़छाड़ ना करने तथा फाइल यथावत रखने का पत्र जारी किया, उसे अस्वीकार कर दिया गया।

    वहीं, कई फाइलों को भी लेने से मना कर दिया गया। उन्होंने आरोप लगाया कि साजिश के तहत उन्हें पद से हटाया गया। कहीं न कहीं उन्हें लोकायुक्त की जांच में व्यवधान उत्पन्न करने के लिए पद से हटाया गया है। उनके पद की कोई समय सीमा नहीं थी, वह अपने हितों की रक्षा के लिए कोर्ट का भी रुख कर सकते हैं।

    छात्र सभा ने पांच जनवरी को धरना करने की दी चेतावनी 

    समाजवादी छात्र सभा जिलाध्यक्ष मोहित नागर ने सोमवार को ही पत्रकार वार्ता कर जीबीयू में बड़े स्तर पर विभिन्न पदों पर भर्ती व फीस में धांधली का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि लगभग 20-25 लाख रुपए बच्चों की फीस के बड़े पदों पर पदासीन अधिकारी हजम कर गए हैं।

    उन्होंने रजिस्ट्रार विश्वास त्रिपाठी की पद पर नियुक्ति बिना मानकों के होने का दावा किया था, जिसे लेकर कोर्ट में मामला विचाराधीन है। आरोप है कि विश्वविद्यालय ने शासनादेश में बदलाव कर उन्हें पद पर रखा था। इसके अलावा एक अधिकारी ने बिना योग्यता के रिश्तेदारों व पहचान वालों को भर्ती कर लिया है, जिसमें महिला को डीन तक बना दिया है।

    साथ ही विश्वविद्यालय के वरिष्ठ अधिकारियों पर महिलाओं व छात्राओं के यौन शोषण जैसे गंभीर आरोप भी लगाए गए है। उन्होंने मांग की है कि विश्वविद्यालय प्रबंधन बैलेंस शीट को सार्वजनिक करें। साथ ही चेतावनी दी कि यदि पांच जनवरी तक मामले में कोई कार्रवाई नहीं हुई, तो वह प्रबंधन के खिलाफ धरना शुरू करेंगे। इस मौके पर प्रशांत भाटी, कृष्ण रावल, अंकित नागर, प्रिंस भाटी, प्रशांत वर्मा आदि लोग मौजूद रहे।