क्या आपके घर में भी लगा है Gas Geyser? बरतें एहतियात वरना कार्बन मोनोऑक्साइड और अन्य गैसें बन जाएंगी खतरा
नोएडा में सर्दियों के साथ, गैस गीजर का उपयोग बढ़ गया है, लेकिन इससे होने वाले खतरे भी बढ़ रहे हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, छोटे और बंद बाथरूम में गैस गी ...और पढ़ें

जागरण संवाददाता नोएडा। सर्दी का मौसम आते ही घरों में गर्म पानी की जरूरत बढ़ जाती है। इसी जरूरत को पूरा करने के लिए बड़ी संख्या में लोग गैस गीजर का इस्तेमाल कर रहे हैं।
कम कीमत, जल्दी पानी गर्म होना और बिजली की बचत—यही वजह है कि यह लोगों की पहली पसंद बनता जा रहा है। लेकिन यही गैस गीजर अगर सही तरीके से और सुरक्षित जगह पर इस्तेमाल न किया जाए, तो राहत की जगह जानलेवा मुसीबत बन सकता है।
हाल के दिनों में उत्तर प्रदेश के कई जिलों से गैस गीजर से दम घुटने, बेहोशी आने और करंट लगने से मौत की घटनाएं सामने आई हैं, जिसने लोगों को सतर्क होने की जरूरत की याद दिलाई है।
विशेषज्ञों के मुताबिक, छोटे और बंद बाथरूम में गैस गीजर का इस्तेमाल सबसे ज्यादा खतरनाक होता है। न्यूरोलाजिस्ट डाॅ. अमित गुप्ता बताते हैं कि एलपीजी से चलने वाले गैस गीजर को जलने के लिए पर्याप्त ऑक्सीजन चाहिए।
जब बाथरूम छोटा होता है और हवा आने-जाने की व्यवस्था नहीं होती, तो गैस पूरी तरह नहीं जल पाती। ऐसे में कार्बन मोनोऑक्साइड जैसी जहरीली गैस निकलने लगती है, जो दिमाग और हृदय के लिए बेहद घातक है।
यह गैस रंगहीन और गंधहीन होती है, इसलिए व्यक्ति को खतरे का अंदाजा भी नहीं लग पाता और कुछ ही मिनटों में वह बेहोश हो सकता है। डाॅक्टरों का कहना है कि गैस गीजर की चपेट में आने से पहले चक्कर आना, घबराहट, झटके आना और अचानक बेहोशी जैसे लक्षण दिखते हैं।
ज्यादा देर तक संपर्क में रहने पर दिमाग को स्थायी नुकसान या मौत तक हो सकती है। फिजिशियन डाॅ. तनुराज शर्मा के अनुसार बच्चों, बुजुर्गों और हृदय रोगियों के लिए इसका खतरा कई गुना ज्यादा होता है।
विदेशों में इसी खतरे को देखते हुए गैस गीजर पर कई जगह प्रतिबंध भी लगाया गया है, लेकिन अनियमित बिजली आपूर्ति और सस्ते विकल्प के कारण यहां इसका इस्तेमाल लगातार बढ़ रहा है।
कब-कब हुए हादसे
- दिसंबर 2024: नोएडा के सेक्टर-47 में ठंड में बाथरूम में नहाने के लिए गीजर चलाया था (संभवतः कार्बन मोनोआक्साइड) के कारण एक महिला की मौत हो गई थी।
- दिसंबर 2025: ग्रेटर नोएडा-सुथियाना गांव में शुक्रवार को एलपीजी गैस के गीजर लगे बाथरूम में नहाने के दौरान एक महिला की मौत हो गई। आशंका जताई जा रही है कि नहाने के दौरान गीजर से निकली गैस बाथरूम में जमा होने से महिला की मौत हुई है।
- जनवरी 2020: नोएडा के सेक्टर-59 में स्थित आइटी कंपनी आर सिस्टम के शौचालय में जहरीली गैस फैलने से एक व्यक्ति की मौत हो गई वहीं तीन लोगों को गंभीर हालात में अस्पताल में भर्ती करवाया गया था। गैस गीजर से हुई समस्या के लक्षण-बाथरूम में बेहोश होना-झटके आना-चक्कर आना-ज्यादा समय तक चपेट में आने से दिमाग की स्थायी क्षति या मौत का खतरा
बचाव क्या हैं?
- गैस गीजर बड़े बाथरूम में लगवाएं, जहां हवा आने-जाने की सुविधा हो-गीजर एक बार में पांच मिनट से अधिक न चलाएं।
- संभव हो तो इलेक्ट्रिक गीजर का इस्तेमाल करें और इलेक्ट्रानिक को भी नहाते समय स्वीच ऑफ करके नहाएं।
- बंद बाथरूम में सबसे बड़ा खतरा- गैस गीजर से निकलने वाली कार्बन मोनोऑक्साइड गैस बेहद खतरनाक होती है।
- डाॅक्टरों का कहना है कि बच्चों, बुजुर्गों और हृदय रोगियों के लिए गैस गीजर का खतरा ज्यादा होता है।
- गैस गीजर हमेशा बाथरूम के बाहर लगवाना सबसे सुरक्षित तरीका है।
- यदि अंदर लगा हो तो बाथरूम में खिड़की और एग्जास्ट फैन जरूर होना चाहिए।
- नहाने से पहले बाल्टी में पानी भर लें और गीजर बंद कर दें।
- अगर कोई व्यक्ति बाथरूम में बेहोश हो जाए तो उसे तुरंत खुली हवा में ले जाएं। उसे एक करवट लिटाएं और कोई भी तरल पदार्थ न दें। बिना देर किए एंबुलेंस बुलाकर नजदीकी अस्पताल पहुंचाएं।
नोएडा की सेक्टर 18 में इलेक्ट्रानिक्स की दुकानों में इस समय हर रेंज के गैस गीजर उपलब्ध हैं। लोकल गैस गीजर 900 से 2,000 रुपये, मीडियम रेंज माॅडल 2,500 से 5,000 रुपये और ब्रांडेड गैस गीजर 6,000 से 10,000 रुपये में आ जाता है।
दुकानदारों के अनुसार, इन गीजर्स के रेट साइज और फीचर्स के अनुसार घटते-बढ़ते हैं। ज्यादातर ग्राहक कीमत पूछते हैं, लेकिन सेफ्टी फीचर्स, वेंटिलेशन जरूरत या इंस्टालेशन गाइड पर ध्यान नहीं देते हैं।
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