बंपर पैदावार के बावजूद नहीं शुरू हुई सरकारी खरीद, जेवर में धान खरीद ठप होने औने-पौने दामों पर बिक रहा धान
जेवर में धान की बंपर पैदावार के बावजूद सरकारी खरीद शुरू नहीं होने से किसान परेशान हैं। खरीद केंद्र बंद होने के कारण किसानों को कम दामों पर धान बेचने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है, जिससे उन्हें आर्थिक नुकसान हो रहा है। किसान जल्द से जल्द खरीद शुरू करने की मांग कर रहे हैं।

गेहूं खरीद थमी। प्रतीकात्मक तस्वीर।
मनोज कुमार शर्मा, जेवर। एमएसपी पर धान की खरीद करने के लिए शासन ने एक अक्टूबर से सरकारी क्रय केंद्र संचालित कराए हैं। जिले में चार सरकारी क्रय केंद्र शुरू किए गए है लेकिन जिले के किसानों को इनका लाभ नहीं मिल पा रहा है।
मजबूरन किसान प्राईवेट मंडियों में औने-पौने दामों में आढ़तियों को धान बेच रहे हैं। सरकारी क्रय केंद्रों पर धान खरीद शुरू न होने के चलते प्राइवेट मंडियों में मंडी शुल्क, मजदूरी और नमी के नाम पर किसानों शोषण किया जाता है। अगर किसान इसका विरोध करते है तो उस किसान के धान की खरीद नहीं की जाती, मजबूरन किसान उधार तक धान की फसल को बेच रहे हैं।
गौतमबुद्धनगर जिले में जल्दी वर्षा शुरू होने की वजह से किसानों ने धान की फसल की जमकर बुवाई की थी। आंकड़ों के मुताबिक जिले के लगभग 60 हजार किसानों ने 35 हेक्टेयर जमीन पर धान की फसल लगाई थी। अच्छी वर्षा और धान के लिए अनुकूल मौसम रहने की वजह से जिले में इस बार लगभग एक लाख क्विंटल धान की बंपर उपज होने का अनुमान लगाया गया था।
शासन की तरफ से जिले में सरकारी क्रय केंद्रों पर 1,000 क्विंटल धान की खरीद का लक्ष्य दिया गया था। जिसकी जिम्मेदारी विपणन विभाग को दी गई थी। विपणन विभाग ने दादरी मंडी, दनकौर मंडी और जेवर व रबूपुरा में एक-एक क्रय केंद्र की स्थापना की लेकिन आजतक इन केंद्रों पर धान खरीद शुरू नहीं हो पाई। किसानों को सरकारी मूल्य पर खरीदारी शुरू नहीं हाेने के चलते प्राइवेट मंडियों में आढ़तियों के हाथों औने-पौने दामों में धान बेचना पड़ रहा है।
सरकारी क्रय केंद्र पर धान की खरीद शुरू नहीं हो पाई है। प्राइवेट मंडी में नमी ज्यादा तो कोई कच्चे धान बताकर खरीदने को तैयार नहीं हैं।
-कैलाश सिंह
प्राइवेट मंडियों में आढ़तियों की मनमानी के आगे किसानों का कोई बस नही चल पा रहा है। मंडी शुल्क तो कहीं 1 प्रतिशत आढ़त और 7 से दस रूपये बोरी मजदूरी के नाम पर किसानों का शोषण हो रहा है।
-राहुल सिंह
सरकारी क्रय केंद्रों के खुलने की जानकारी ही नहीं है तो धान को कहा लेकर जाए, मजबूरन आढ़तियों के यहां धान बेचना पढ़ रहा है धान बिक्री के नगद पैसे भी नहीं मिल रहे जब आढ़ती को आगे मंडी से पैसा मिलाता तबतक के लिए उधार देना पड़ रहा है।
-विकास चौहान
अधिकारियों ने बताया कारण
दादरी, दनकौर व जेवर में तीन विपणन विभाग के क्रय केंद्र चालू हैं एक क्रय केंद्र रबूपुरा में पीसीएफ का खोला गया है लेकिन किसान खेतों से कंबाइन मशीन से हार्वेस्टिंग कर अत्यधिक नमी के धान लेकर आ रहे हैं। सरकारी क्रय केंद्रों पर ज्यादा से ज्यादा 17 प्रतिशत नमी तक का धान ही खरीदा जा सकता है इस वजह से धान खरीद शुरू नहीं हो पा रही है।
-अजीत प्रताप सिंह, जिला खाद्य विपणन अधिकारी
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