वर्षों से सिर पर लदे कर्ज से कुछ मिनटों में ही मिली मुक्ति, जनता के लिए राहत लेकर आई लोक अदालत
ग्रेटर नोएडा में राष्ट्रीय लोक अदालत ने कर्ज से परेशान लोगों को राहत दी। सूरजपुर कोर्ट में फाइनेंस कंपनी और बिजली विभाग से जुड़े मामलों का निपटारा हुआ ...और पढ़ें

गजेंद्र पांडेय, ग्रेटर नोएडा। पिछले कई वर्ष से कर्ज के बोझ तले दबे लोगों के लिए राष्ट्रीय लोक अदालत के आयोजन राहत दी है। परिसर में विभागीय अधिकारियों और कर्जदार को आमने-सामने बिठाया गया।
न्यायाधीशों के सामने मौके पर ही चंद पल में दोनों पक्षों में आपसी सुलह समझौता कराया गया। संबंधित विभाग द्वारा कर्जदार को राहत देते हुए एक निश्चित राशि कटौती कर जमा कराने का न्यायाधीश ने फैसला सुनाया। कर्जदार भी खुशी-खुशी तत्काल हाथों हाथ बताई धनराशि जमा कर रसीद लेकर राहत की सांस लेकर घर रवाना हुए।
सूरजपुर स्थित जिला न्यायालय परिसर में शनिवार को राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन हुआ। वर्षों से कर्ज के बोझ तले दबे फरीदाबाद निवासी दिलीप यहां फाइनेंस कंपनी चोला मंडलम के काउंटर पर नजर आए। उन्होंने कंपनी के अधिकारियों से काफी देर चर्चा की। कुछ देर बाद अधिकारियों ने उन्हें एक पर्ची थमाई।
दिलीप ने जेब से पांच-पांच सौ रुपये के नोट निकाले और कर्मियों को पकड़ा दिए। रुपए गिनने के बाद कर्मचारियों ने उन्हें जमा की रसीद पकड़ाई तो उनके चेहरे से कुछ देर पहले दिख रहीं चिंता की लकीरें के स्थान पर राहत की मुस्कान नजर आने लगी। दरअसल दिलीप ने वर्ष 2016 में चार पहिया वाहन खरीदा था। चोला मंडलम से गाड़ी पर कुछ कर्ज लिया था।
कोरोनाकाल में आर्थिक स्थिति बिगड़ने के कारण किस्तें जमा नहीं कर सके। कर्ज बढ़ने के कारण कंपनी की तरफ से लगातार नोटिस जारी किए जा रहे थे। कई बार फोन पर भी कंपनी के अधिकारी खरीखोटी सुनाते थे। दिलीप ने बताया कर्ज की राशि करीब 2.75 लाख पहुंच गई थी। यहां पर सुलह समझौता के माध्यम से 1.30 लाख रुपये ब्याज से मुक्ति मिली है।
उन्होंने 1.45 लाख रुपये जमा कर कर्ज से मुक्ति पा ली है। इसी तरह सैनी सुनपुरा निवासी मनोज कुमार ने बिजली विभाग के काउंटर पर बकाया के 30 हजार रुपए जमा करके कर्ज से मुक्ति पाई। मनोज ने बताया वर्ष 2022 तक नियमित बिल जमा करते रहे। इसके बाद मीटर में खराबी के कारण बिल की राशि गड़बड़ आने लगी।
कई बार शिकायत के बाद भी बिल में सुधार नहीं हो रहा था। इसके बाद भी बिल जमा नहीं करने पर आए दिन बिजली विभाग की टीम कनेक्शन काटने और आरसी जारी करने की धमकी देती थी। बिजली बिल के कर्ज से पत्नी व बेटे भी चिंतित रहे थे।
यहां पर विभागीय अधिकारियों ने सुलह समझौता के माध्यम से बकाया बिल में 20 हजार रुपए की छूट दी है। बाकी के 30 हजार रुपये कर्ज के रूप में चढ़े बिल का भुगतान करने से राहत की सांस मिली है। आयोजन में ऐसे ही हजारों पीड़ितों को वर्षों से सिर पर लदे कर्ज से मुक्ति मिली है।

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