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    "आतंकी घटनाओं को रोकने के लिए खत्म करना होगा कट्टरपंथ, सिंगापुर माॅडल की तरह काम करना होगा"

    By Ravi PalEdited By: Kushagra Mishra
    Updated: Mon, 01 Dec 2025 10:05 PM (IST)

    ले. जनरल सैयद अता हसनैन ने कहा कि आतंकवाद को खत्म करने के लिए कट्टरपंथ को कम करना होगा। कश्मीर के युवाओं को 'विकसित भारत- 2047' की यात्रा में शामिल करना होगा। आतंकी संगठन युवाओं का ब्रेनवाॅश कर रहे हैं। सिंगापुर माॅडल की तरह कश्मीर में भी काम करने की जरूरत है। आतंकरोधी नीति में बदलाव और सीमाओं पर निगरानी बढ़ानी होगी। देश में अरबन टेररिज्म तेजी से फैल रहा है।

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    रवि पाल, नोएडा। देश में फैली आतंक की जड़ों को खत्म करने के लिए इसके पीछे की बड़ी वजह कट्टरपंथ (रेडिकलाइजेशन) को कम करने पर भी काम करना होगा। कट्टरपंथ की फैली जड़ों को समाप्त करने के साथ ही कश्मीर के युवाओं को भी 'विकसित भारत- 2047' की यात्रा में भागीदार बनाना होगा। ताकि वे ग्रेजुएट होने के बाद भी आतंकी घटनाओं में शामिल न हो।

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    ये विचार देश में आतंकवाद केंद्रित मुद्दे पर आयोजित दैनिक जागरण के राष्ट्रीय विमर्श कार्यक्रम में सेवानिवृत ले. जनरल सैयद अता हसनैन ने रखे। आतंकी व कट्टरपंथी संगठन कट्टरपंथ के नाम पर युवाओं का ब्रेनवाॅश कर रहे हैं। जिससे पढ़े-लिखे युवा कट्टरपंथ के रास्ते पर चलकर देश और दुनिया में आतंकी घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं।

    कट्टरपंथी किसी भी व्यक्ति को इस मानसिक स्थिति में ले जाते हैं कि वो अपनी जान तक दे देता है। ISIS ने साइकोलाजिकल मैसेजिंग का प्रयोग कर दुनिया से 40 हजार कट्टरपंथी युवाओं को यूएसए, कनाडा, मालदीव जैसे देशों से एकत्रित किया था।

    ले. जनरल सैयद अता हसनैन ने उदाहरण देते हुए बताया, अमेरिका में 9/11 हमले के बाद सिंगापुर ने किसी भी आतंकी हमले से निपटने के लिए तैयारी शुरू की थी। जिसमें उन्होंने पड़ोसी देश इंडोनेशिया और मलेशिया से आने वाले लोगों पर निगरानी की। इंटेलिजेंस नेटवर्क का बड़ा जाल बिछाया, इसमें 75 मौलवियों को भी शामिल किया।

    इसमें उन्होंने इंटरनेट मीडिया, जेल, स्कूल और बड़ी संस्थाओं में कुरआन में लिखी आयतों के सही मतलब को समझाया, जिससे युवा गलत रास्तों पर न जा सके। मौलवियों ने युवाओं को आयतों के सही मतलब समझाने में मुख्य भूमिका निभाई। कश्मीर में भी सिंगापुर माडल की तरह काम करने की जरूरत है। कश्मीर में कट्टरपंथी संस्थानों का चिन्हित कर खत्म करना होगा, जो युवाओं को बरगला रहे हैं।  

    आतंकरोधी नीति में करना होगा बदलाव

    ले. जनरल सैयद अता हसनैन ने कहा कि भारत में फैली आतंक की जड़ों को पूरी तरह समाप्त करने के लिए आतंकरोधी नीति में अब बदलाव की जरूरत है। भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा नीति अभी तक पाकिस्तान केंद्रित है, लेकिन अब इसका विस्तार बांग्लादेश, नेपाल और म्यांमार तक करना होगा।

    इसकी बड़ी वजह ये है कि भारत की सीमाओं से सटे नेपाल और बंग्लादेश से आसानी से घुसपैठ हो रही है। इन सीमाओं से भारत में बैठे आतंक के पोषणकर्ताओं को आसानी से फंड, हथियार एवं अन्य जरूरी सामान प्राप्त हो रहा है। जबकि पहले ये भारत-पाकिस्तान सीमा से सीधे हो रहा था।

    सुसाइड बांबिंग की बढ़ रही घटनाएं

    साउथ एशिया के साथ ही देश में सुसाइड बांबिंग की घटनाएं कम थीं। भारत में अभी तक पांच सुसाइड बांबिंग हुई हैं। इनमें पुलवामा, जम्मू कश्मीर असेंबली में सुसाइड बांबिंग की बड़ी घटनाएं शामिल हैं। 10 नवंबर 2025 को दिल्ली में विस्फोट इसका ताजा उदाहरण है। अब आतंकी सुसाइड बांबिंग की बड़े पैमाने पर तैयारी कर रहे हैं।

    NIA की जांच में भी सामने आया है कि देश में आतंकी 32 जगहों पर सुसाइड बांबिंग की तैयारी कर रहे थे। इसमें आईईडी के जरिए ब्लास्ट करने वाले आईईडी डाक्टर कहलाते हैं। दिल्ली की घटना में डाॅ. उमर भी इसका सदस्य हो सकता है, या गलती से ये विस्फोट उमर से हो गया।

    देश में अर्बन टेररिज्म तेजी से फैल रहा है

    देश में रूरल टेररिज्म (आतंक) पहले भी था, लेकिन अर्बन टेररिज्म अब तेजी से देश में फैल रहा है। इसमें स्लीपर सेल का अहम रोल होता है। ये देश में रहकर आसपास के लोगों में ही कट्टरपंथ फैलाते, फंड एकत्रित करते हैं, भर्तियां करते हैं और ओवर ग्राउंड वर्कर तैयार करते हैं। देश में ही आतंक का एक बड़ा नेटवर्क तैयार कर आतंकी हमले करते हैं।

    जम्मू और कश्मीर में वर्ष-2008 से हो रही पत्थरबाजी के बारे में ले. जनरल ने बताया कि पत्थरबाजी के लिए पाकिस्तान से बड़ी मात्रा में फंड आता था। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) ने इस पूरे नेटवर्क को ध्वस्त कर पूरी तरह लगाम कसी। सुरक्षा एजेंसियों ने इस पर बेहतरीन काम किया है। 2019 के बाद पथराव पूरी तरह बंद हो गया। मौजूदा समय में कश्मीर में 100 से कम आतंकी रह गए हैं।

    गैंग्स्टर व आतंकी गठजोड़ ध्वस्त करना होगा

    ले. जनरल अता हसनैन ने कहा कि आतंकी, गैंग्स्टर और ड्रग तस्कर की किसी भी बड़ी आतंकी घटना में अहम भूमिका होती है। मुंबई में 1993 में हुए विस्फोटों में दाऊद इब्राहिम की बड़ी भूमिका सामने आई थी। हाल में हुए दिल्ली विस्फोट में भी बड़े क्रिमिनल नेटवर्क का खुलासा हुआ। इस नेटवर्क में पाकिस्तान, थाइलैंड, म्यांमार और बांग्लादेश जैसे देशों में फैले नेटवर्क भी साथ होते हैं।

    इन देशों से ड्रग तस्करी भी नारकोटिक्स के लिए अब भी बड़ा चैलेंज है। पीओके को भारत में शामिल करने के सवाल पर उन्होंने कहा कि ये देश के लिए एक बड़ा चैलेंज है। पीओके के साथ गिलगिस्तान और बाल्टिस्तान भी शामिल हैं। लेकिन जब भी आदेश होंगे भारतीय फौज हमेशा तैयार है। आगे बढ़ेगी और पीओके में भारतीय ध्वज फहराएगी।

    कश्मीर में कट्टरपंथ लाना पाकिस्तान का मकसद

    ले. जनरल सैयद अता हसनैन ने कहा कि पाकिस्तान का हमेशा से मकसद रहा है कि जम्मू-कश्मीर में कट्टरपंथ को बढ़ावा देकर इस्लामियत को कायम किया जाए। वर्ष-1989 में कश्मीरी पंडितों को निशाना बनाया गया और कश्मीरी पंडितों को कश्मीर से पलायन के लिए मजबूर होना पड़ा। उस वक्त सरकारें इसे रोकने में नाकाम रहीं। कश्मीर में अब तक कार्रवाई के दौरान जीरो ह्यूमन राइट्स का वायलेशन हुआ है।

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