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    बीमार व गर्भवतियों के लिए उपवास हो सकता है हानिकारक

    By Edited By:
    Updated: Fri, 30 Sep 2016 03:06 PM (IST)

    जागरण संवाददाता, नोएडा : आज से शुरू हो रहे नवरात्र व्रत का धार्मिक दृष्टि से विशेष महत्व है। बड़ी त

    जागरण संवाददाता, नोएडा :

    आज से शुरू हो रहे नवरात्र व्रत का धार्मिक दृष्टि से विशेष महत्व है। बड़ी तादाद में युवा, महिलाएं व बुजुर्ग इस व्रत को पूरे नौ दिन तक धारण करते हैं। कुछ लोग नवरात्र के पहले दिन व आखिरी दिन का व्रत रखते हैं, लेकिन बीमार व गर्भवतियों को पूरे नौ दिन का व्रत रखना सेहत के लिए नुकसानदायक साबित हो सकता है। इसलिए जो लोग पहले से ही हृदय रोग, सुगर, बीपी व अन्य बीमारी से पीड़ित हैं, उन्हें अपने डॉक्टर की सलाह लिए बगैर पूरे नौ दिन का व्रत रखना सेहत पर बुरा असर डाल सकता है।

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    डॉक्टरों के अनुसार जो लोग पहले से स्वस्थ हैं, उनके लिए इस व्रत को रखने के अनेक फायदे भी हैं। इसके विपरीत जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम है या किसी बीमारी से पीड़ित हैं, उनके लिए यह व्रत डॉक्टरों की राय में ठीक नहीं है। गर्भवती महिलाओं व स्तनपान कराने वाली महिलाओं के लिए भी नौ दिन का व्रत अनुकूल नहीं है।

    व्रत रखने के फायदे:

    1. उपवास रखने से पाचन क्रिया मजबूत होती है। हार्ट की पंपिंग की प्रक्रिया में भी सुधार आता है।

    2. उपवास के दौरान पाचन तंत्र से जुड़े अंगों को आराम मिलता है। इससे कारण बचने वाली ऊर्जा का उपयोग आत्म चिकित्सा व आत्म चिंतन में होता है।

    3. व्रत रखने से शारीरिक अवरोध नष्ट

    होते हैं। आंतों व रक्त नलिकाओं की सफाई हो जाती है। विषाक्त पदार्थ शरीर से बाहर निकल जाते हैं। इससे बीमारियों से छुटकारा मिलने के साथ हमारी ऊर्जा शक्ति भी बढ़ती है।

    4. उपवास शारीरिक कायाकल्प करने के साथ उम्र भी बढ़ाता है। व्रत के इन फायदों का हमारे मानसिक और भावनात्मक स्वास्थ्य पर स्थाई प्रभाव हो सकता है।

    व्रत के नुकसान:

    1. गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को नौ दिनों का व्रत रखना उनके सेहत को नुकसान पहुंचा सकता है। गर्भ में पल रहे बच्चे पर इसका प्रतिकूल असर पड़ सकता है। स्तनपान कराने वाली महिलाओं को कमजोरी, चक्कर जैसी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।

    2. उपवास के असर से गुर्दे प्रभावित हो सकते हैं। गुर्दे की पथरी का कारण भी बन सकता है।

    3. मधुमेह, उच्च रक्तचाप, या खून की कमी से पीड़ित लोगों व हृदय रोगियों को व्रत रखने से कई परेशानिया हो सकती हैं।

    4. जिन लोगों का पहले से किसी न किसी बीमारी का इलाज चल रहा है और वह दवा ले रहे हैं, उनके लिए भी व्रत नुकसानदायक हो सकता है। क्योंकि ऐसे लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो सकती है।

    व्रत रखने वालों के लिए उपाय:

    व्रत के दुष्प्रभावों से बचने के लिए हम नींबू पानी, अनानास का रस, नारियल पानी व फलों का इस्तेमाल अधिक करना चाहिए।

    2. ज्यादा चाय-कॉफी, बर्फी या लड्डू जैसी मिठाइया नुकसान पहुंचा सकती हैं।

    3. थोड़े-थोड़े समय के अंतराल पर कुछ न कुछ लेते रहना चाहिए। ज्यादा लंबा गैप उचित नहीं है।

    4. उच्च रक्तचाप के रोगियों को नमक का इस्तेमाल कम करना चाहिए।

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    -व्रत के फायदे व नुकसान दोनों हैं। बीमार लोगों व गर्भवतियों के लिए पूरे नौ दिन का व्रत ठीक नहीं है। जिनका पहले से कोई इलाज चल रहा है वह एक दिन का व्रत भी रखें तो फ्रूट, जूस, नारियल पानी अधिक इस्तेमाल करें। किसी भी स्थिति में डिहाइड्रेशन न होने दें।

    -डॉ. एनके शर्मा, आइएमए महासचिव व वरिष्ठ फिजीशियन, नोएडा।