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    Who is Anil Kumar: नानी के घर से कैबिनेट की कुर्सी तक… BSP से सीखा सियासी दांव पेंच, अब योगी सरकार में बन गए मंत्री

    Updated: Tue, 05 Mar 2024 08:06 PM (IST)

    योगी कैबिनेट के विस्तार की खबर पर फुल स्टाप लग चुका है। कैबिनेट में चार नए चेहरे को जगह दी गई है। इसमें पुरकाजी से रालोद विधायक अनिल कुमार का नाम भी शामिल है। उन्होंने लखनऊ में मंत्री पद की शपथ ली। जानें सहारनपुर जनपद के ताहरपुर में जन्मे 48 वर्षीय अनिल कुमार के जन्म से लेकर राजनीति में कदम रखने से कैबिनेट तक पहुंचने की कहानी...

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    कौन हैं अनिल कुमार जिन्हें योगी ने कैबिनेट में दी जगह

    जागरण संवाददाता, मुजफ्फरनगर। Anil Kumar Biography: संघर्ष से सफलता के सफर में अनिल कुमार किस्मत के धनी साबित हुए। 22 साल पहले ननिहाल में रहकर बसपा में सामान्य कार्यकर्ता के तौर पर पूर्व मंत्री उमा किरण के साथ जुड़ राजनीति सीखी। जब बसपा विधायक बगावत कर सपा सरकार में शामिल हुए, तो अनिल कुमार के जीवन टर्निंग प्वाइंट आया क्योंकि अनिल कुमार ने बसपा नहीं छोड़ी और अपनी राजनीति जमीन तैयार करने में लग गए थे।

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    दरअसल, 48 वर्षीय अनिल कुमार का जन्म सहारनपुर जनपद के गांव ताहरपुर में हुआ। मुजफ्फरनगर के चरथावल विधानसभा के गांव कसियारा में उनकी ननिहाल है। इंटरमीडिएट की शिक्षा प्राप्त कर कृषि कार्य में लगे थे।

    अनिल कुमार ने बसपा के जरिए राजनीति पर बनाई मजबूत पकड़

    इसी दौरान वर्ष 2002 में जब चरथावल सीट से उमा किरण विधायक बनी, तो अनिल कुमार भी उनके संपर्क में आ गए। उनके साथ रहकर राजनीति में धीरे धीरे सक्रिय हो रहे थे। जब उमा किरण बगावत कर सपा सरकार में मंत्री बनी, तो अनिल कुमार ने बसपा के जरिये ही अपनी राजनीतिक पकड़ मजबूत की। इसी कारण 2007 के विधानसभा चुनाव में बसपा ने उन्हें चरथावल सुरक्षित सीट से प्रत्याशी घोषित कर दिया।

    2012 में चरथावल से बने विधायक

    अनिल कुमार चरथावल से पहली बार विधायक निर्वाचित हुए। इसके बाद वर्ष 2012 के चुनाव में चरथावल की जगह पुरकाजी को सुरक्षित सीट बना दिया गया, तो वह दूसरी बार यहां से विधायक बने। हालांकि तीसरी बार 2017 के चुनाव में बसपा के टिकट पर वह इसी सीट से चुनाव हार गए। इसके बाद वह समाजवादी पार्टी में चले गए और 2022 के विस चुनाव के लिए पुरकाजी सीट से दावेदारी मजबूत रखी। सपा-रालोद गठबंधन ने भी इन्हें रालोद के सिंबल पर चुनाव लड़ाया और वह जीत गए।

    टिकाऊ निर्णय ने दिलाई कामयाबी

    लगभग एक महीना पहले ही जब सपा-रालोद का गठबंधन विखंडित हुआ, तो रालोद के सिंबल पर चुनाव जीतकर विधायक बने चंदन सिंह चौहान, मदन भैया के साथ ही अनिल कुमार की निष्ठा को लेकर सस्पेंस बना हुआ था।

    चर्चा थी कि राज्यसभा सदस्य के चुनाव में ये विधायक क्रास वोटिंग कर सकते हैं, लेकिन किसी भी विधायक ने बगावत नहीं की। बल्कि रालोद में ही निष्ठा बनाए रखी। यही वजह है कि टिकाऊ निर्णय की वजह से एक तरफ चंदन सिंह चौहान को रालोद ने बिजनौर से लोकसभा सीट से प्रत्याशी बनाया, तो अनिल कुमार को कैबिनेट मंत्री बनाकर इनाम दिया गया है।

    परिवार में दो भाई, दो बहनें, दो बेटियां

    पुरकाजी विधायक अनिल का परिवार वर्तमान में मुजफ्फरनगर के पचैंडा रोड स्थित अंकित विहार में रहता है। उनके पिता वाणिज्यकर विभाग में रहे और माता भगवानदेई गृहिणी थीं। तीन भाईयों में वह सबसे बड़े हैं। दूसरे नंबर पर पंकज और तीसरे सुनील हैं। बहन सुनीला, रंजना और मोनिका हैं। उनकी शादी मेरठ से हुई और पत्नी वीरमति गृहिणी हैं। बड़ी बेटी सिमरन बीकाम कर रही हैं, जबकि दूसरी बेटी आस्था कक्षा नौ की छात्रा हैं।

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