Muzaffarnagar : आतंकी साजिश को मजदूर परिवार के दो भाइयों ने कबाड़ी के साथ मिलकर बनाया दो हजार लोगों का ग्रुप
Muzaffarnagar News मुजफ्फरनगर में कांवड़ यात्रा के दौरान दंगा भड़काने की साजिश में शामिल तीन आरोपितों पर आतंकवाद विरोधी कानून लगाया गया है। गिरफ्तार किए गए सब्जी बेचने वाले और फेरी लगाने वाले भाइयों ने कबाड़ का काम करने वाले साथी के साथ मिलकर व्हाट्सएप ग्रुपों में पाकिस्तान की एक भड़काऊ वीडियो की। इसमें 2050 सदस्य जुड़े थे।

संवाद सहयोगी, जागरण, मुजफ्फरनगर। कांवड़ यात्रा के दौरान पश्चिमी यूपी में दंगा भड़काने और आतंकी घटना की साजिश करने के तीनों आरोपितों पर पुलिस ने (यूएपीए एक्ट) आतंकवाद विरोधी कानून के तहत मुकदमा दर्ज किया है। गिरफ्तार दोनों सगे भाई मजदूर परिवार से हैं। इन्होंने अपने तीसरे साथी के साथ मिलकर पांच वाटसएप ग्रुपों में पाकिस्तान की वीभत्स वीडियो को प्रसारित किया था।
पुलिस ग्रुप एडमिन की कुंडली खंगाल रही
इन ग्रुप में 2050 सदस्य जुड़े हैं। इन सदस्यों के साथ ही पुलिस ग्रुप एडमिन की कुंडली खंगाल रही है। इसके अलावा प्रसारित आडियो में किसकी आवाज है, इसका भी वायस एनालिसिस से पता लगाया जा रहा है। कांवड़ यात्रा को लेकर जनपद पुलिस पूरी तरह से अलर्ट मोड पर है। कांवड़ मार्ग पर होने वाली पल-पल की गतिविधि के साथ ही इंटरनेट मीडिया की भी निगरानी की जा रही है, जिसके चलते पुलिस ने तीन ऐसे आरोपितों को गिरफ्तार किया है, जो कांवड़ यात्रा के दौरान ही मुजफ्फरनगर समेत पश्चिमी यूपी में दंगा भड़काना चाहते थे।
शिवभक्तों के साथ माब लिंचिंग की वारदात को अंजाम देने का था इरादा
पाकिस्तान की एक वीडियो को प्रसारित कर शिवभक्तों के साथ माब लिंचिंग जैसी वारदात को अंजाम देने का इरादा था। पकड़े गए आरोपितों में ककरौली के दो सगे भाई सब्जी विक्रेता नदीम व कपड़े/बर्तन की फेरी लगाने वाले रहीस पुत्रगण सगीर और मंसूरपुर निवासी कबाड़ी मनशेर शामिल हैं। नदीम व रहीस मजदूर परिवार से आते हैं। दोनों भाई कक्षा पांच तक पढ़े हैं। उनका पिता सगीर भी फेरी लगाकर सब्जी बेचने का काम करता है।
यह पांच भाई और सात बहने हैं। सभी बहनों की शादी कर दी गई। पांचों भी मजदूरी करते हैं।
सगीर का कहना है कि उनके बेटे तो मजदूरी करते हैं। पढ़े-लिखे भी कम हैं, ऐसे में वह इस तरह की वारदात कर सकते हैं, उन्हें विश्वास नहीं हो रहा।
पांच ग्रुप में वीडियो प्रसारित की
बता दें कि आरोपितों ने पांच ग्रुप में यह वीडियो प्रसारित की थी। इन ग्रुप में 2050 लोग जुड़े हैं। इन लोगों का बैकग्राउंड क्या है और किस तरह की पोस्ट ग्रुपों में की जाती रही है, इन सब बिंदुओं पर पुलिस जांच कर रही है। साथ ही ग्रुप एडमिन और सदस्यों की कुंडली भी खंगाली जा रही है। डीआइजी अभिषेक सिंह का कहना है कि पकड़े गए आरोपितों के अलावा अन्य लोगों के नाम भी प्रकाश में आए हैं, जिनकी गिरफ्तारी के लिए कई शहरों व राज्यों में दबिश के लिए टीमें भेजी गई है। उन्होंने कहा कि इस साजिश के पाकिस्तान कनेक्शन पर भी पुलिस जांच कर रही है।
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