UP: परिजन कर रहे थे इंतजार, घर पहुंचा पार्थिव शरीर; असम राइफल्स के जवान राहुल चौधरी को असलहा साफ करते समय लगी गोली
मुजफ्फरनगर के चांदपुर गांव में असम राइफल्स के जवान राहुल चौधरी का पार्थिव शरीर पहुंचने पर कोहराम मच गया। असलहा साफ करते हुए गोली लगने से उनकी मृत्यु हो गई थी। उनके सात वर्षीय बेटे ने उन्हें मुखाग्नि दी। अंतिम संस्कार के दौरान गार्ड ऑफ ऑनर न मिलने पर ग्रामीणों ने विरोध प्रदर्शन भी किया। राज्यमंत्री कपिलदेव अग्रवाल ने परिवार को सांत्वना दी।

जागरण संवाददाता, मुजफ्फरनगर। एक महीने की छुट्टी पर आने वाले असम राइफल्स के जवान राहुल चौधरी का उसके स्वजन इंतजार कर रहे थे, लेकिन उन्हें नहीं पता था कि परिवार में अनहोनी आने वाली है।
शुक्रवार देर रात गांव चांदपुर में जब राहुल की जगह उसका शव पहुंचा तो कोहराम मच गया। शव देख परिवार के लोग सहम गए। शनिवार को गांव में ही अंतिम संस्कार किया गया और उसके सात वर्षीय बेटे ने मुखाग्नि दी। उधर, अंतिम संस्कार में गार्ड आफ आनर न दिए जाने पर ग्रामीणों ने प्रदर्शन किया। राज्यमंत्री कपिलदेव अग्रवाल भी पहुंचे।
नई मंंडी कोतवाली क्षेत्र के गांव चांदपुर में रहने वाले हरबीर सिंह का छोटा बेटा 36 वर्षीय राहुल चौधरी असम राइफल्स बटालियन में राइफलमैन (सिपाही) के पद पर अरुणाचल प्रदेश में तैनात था। राहुल के तहेरा भाई भरत ने बताया कि उनके पास गुरुवार को फोन आया कि राहुल को असलहा साफ करते हुए गोली लग गई है।
अभी वह अस्पताल में भर्ती है। उसके बाद लगातार संपर्क करते रहे, लेकिन शुक्रवार रात लगभग साढ़े नौ बजे असम राइफल्स के दो जवान गांव में उसका शव लेकर पहुंचे। भरत ने बताया कि राहुल एक महीने की छुट्टी आने वाला था।
उसे रविवार को घर पहुंचना था, लेकिन परमात्मा को कुछ और ही मंजूर था। दो माह बाद वह नौकरी से सेवानिवृत्त हो जाता, उसके लिए ही वह अपने कागजात पूरा कराने के लिए आने वाला था। राहुल 2007 में असम राइफल्स बटालियन में भर्ती हुआ था।
2009 में उसकी शादी हुई थी। उसके पिता हरबीर सिंह, माता निर्मला, पत्नी संगीता, बड़ी बेटी पूर्वी, रूही और बेटा बसंत का रो-रोकर बुरा हाल है। भरत ने बताया कि राहुल सात मई को एक माह की छुट्टी पूरी करके वापस नौकरी पर गया था। रक्षाबंधन पर भी वह नहीं आ पाया था।
उधर, राहुल की मौत की खबर सुनते ही राज्यमंत्री कपिलदेव अग्रवाल, सपा नेता राकेश शर्मा समेत अन्य राजनीतिक दल के नेता चांदपुर में पहुंचे। मंत्री कपिलदेव अग्रवाल ने राहुल के शव को कंधी दी। स्वजन को सांत्वना दी।
सात वर्षीय बेटे ने दी मुखाग्नि...बिलख पड़े ग्रामीण
राहुल चौधरी के शव को उसके बेटे सात वर्षीय बसंत ने मुखाग्नि दी। श्मशान घाट में ग्रामीणों की भीड़ उमड़ पड़ी। गमगीन माहौल में उसका अंतिम संस्कार हुआ। सभी लोगों की आंखें नम थी। बेटा लगातार अपने पिता को देखने की जिद करता रहा।
वह पिता के शव से लिपट गया और कहा कि पापा आप हमे छोड़कर क्यों चले गए। वहीं, राहुल की बहन अंजू व रीनू का भी रो-रोकर बुरा हाल था। राहुल का भाई अनुज अलग रहता है। वह खेती करता और गांव में ही डेयरी चलाता है।
गार्ड आफ आनर न मिलने पर किया हंगामा
चांदपुर में राहुल चौधरी का शव पहुंचते ही भारत माता की जय और वंदे मातरम के नारे गूंजने लगे। शनिवार को अंतिम संस्कार के दौरान राहुल का गार्ड आफ आनर न मिलने पर ग्रामीणों ने हंगामा किया। उन्होंने राज्यमंत्री कपिल देव अग्रवाल से भी शिकायत की। कहा कि जिस बेटे ने देश की इतने समय तक सेवा की, उसे सम्मान भी नहीं दिया जा रहा है। जबकि उसकी मौत ड्यूटी पर रहते हुए हुई है।
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