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    Muzaffarnagar News: मुजफ्फरनगर में बहुत गहरी हैं नकली दवाइयों के कारोबार की जड़ें, पकड़ी जा चुकी फैक्ट्री

    Updated: Thu, 11 Sep 2025 10:35 PM (IST)

    Muzaffarnagar News मुजफ्फरनगर में नकली दवाइयों के कारोबार का पर्दाफाश हुआ है। आगरा के सिंडिकेट से जुड़े एक व्यापारी को गिरफ्तार किया गया है जिस पर करोड़ों की नकली दवाइयां खरीदने और बेचने का आरोप है। पूर्व में जिले में नकली दवा बनाने की फैक्ट्री पकड़ी जा चुकी है। विभाग का लगातार चेकिंग अभियान चलाने और दवाओं के नमूने लेने का दावा है।

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    बहुत गहरी हैं नकली दवाइयों के कारोबार की जड़ें (सांकेतिक फोटो)

    जागरण संवाददाता, मुजफ्फरनगर। नकली दवाओं के कारोबार को लेकर जिले के माथे पर एक बार फिर बदनुमा दाग लगा है। ऐसा पहली बार नहीं हुआ, बल्कि नकली दवाों के कारोबार की जड़ें जिले में बहुत गहरी हैं। यहां पर नकली दवा की फैक्ट्री तक पकड़ी जा चुकी हैं।

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    फिलहाल आगरा के नकली दवा कारोबार सिंडिकेट से जुड़े दवा व्यापारी तरुण गिरधर निवासी गांधी कालोनी थाना नई मंडी को गिरफ्तार किया गया। उसके द्वारा विभिन्न कंपनियों की लगभग 3.50 करोड़ रुपये की नकली दवाइयां खरीदी और बेची गईं। वह अपने घर से ही यह धंधा चला रहा था। अब तरुण गिरधर से जुड़े अन्य दवा व्यापारियों की भी कुंडली खंगाली जा रही है, लेकिन यह चंद दिनों की रस्साकशी है। क्योंकि जैसे ही यह मामला ठंडा पड़ेगा, फिर नकली दवा के धंधा सेटिंग के खाद-पानी से हरा-भरा हो जाता है, बस इसे करने वाला व्यक्ति नया होता है।

    जिला औषधि निरीक्षक पवन कुमार शाक्य का कहना है कि जिले में नकली दवाओं की खरीद-बिक्री पर रोकथाम को लेकर लगातार चेकिंग अभियान चलता है। दवाओं के नमूने भी लिए जाते हैं और कानूनी कार्रवाई कराई जा रही है।

     वर्ष 2021 में बिलासपुर में पकड़ी गई थी फैक्ट्री 

    मुजफ्फरनगर के नई मंडी कोतवाली क्षेत्र के बिलासपुर में नकली दवाइयों के निर्माण व पैकिंग करने वाली फैक्ट्री का भंड़ाफोड़ हुआ था। इस फैक्ट्री का पंजीकरण आयुर्वेदिक चिकित्सा विभाग में था। इसमें केवल चूर्ण और एक आयुर्वेदिक दवाई बनाने के लिए अनुमति थी, लेकिन कोरोना काल में मोटा मुनाफा कमाने के लिए फैक्ट्री में दवाइयां बनाने का धंधा किया गया था। इसके अलावा मुहल्ला महमूदनगर में कैप्सूल निर्माण की फैक्ट्री का भी भंड़ाफोड़ हुआ था, जिसका कोई पंजीकरण नहीं था।

    दवाओं के नमूने भी लगातार आ रहे फेल 

    इसी वर्ष के शुरुआत में खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग द्वारा भरे गए नमूने जांच में फेल आए थे। इस कारण सात मेडिकल एजेंसियों के विरुद्ध न्यायालय में वाद दायर हुआ था। इनमें श्रीबालाजी मेडिकल एजेंसी, सीमा मेडिकल एजेंसी, यूनिक मेडिकल एजेंसी, श्रीगणेश, एसआर मेडिकल एजेंसी और वासुदेव मेडिकल एजेंसी शामिल रही थीं।