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    Muzaffarnagar: मामा ने अपने तीन बेटों के साथ मिल भांजे को मारी थी गोली, हत्या के मामले में चारों को आजीवन कारावास

    Updated: Thu, 31 Jul 2025 02:42 PM (IST)

    Muzaffarnagar News मुजफ्फरनगर में मामा और उसके तीन बेटों को भांजे की हत्या के आरोप में आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है। अदालत ने प्रत्येक दोषी पर जुर्माना भी लगाया। मामला एक महिला पर गलत नजर रखने के विरोध से जुड़ा था जिसके कारण मामा ने अपने बेटों के साथ मिलकर भांजे की हत्या कर दी।

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    हत्या के दोषी मामा समेत उसके तीन पुत्रों को आजीवन कारावास

    जागरण संवाददाता, मुजफ्फरनगर। भांजे की हत्या के दोषी मामा व उसके तीन पुत्रों को अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश रेखा सिंह के न्यायालय ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही सभी दोषियों पर 45 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है। हत्याकांड में छह वर्ष तक सुनवाई के बाद निर्णय आया है।

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    डीजीसी राजीव शर्मा व एडीजीसी कमलकांत कुमार ने बताया कि थाना छपार के गांव सिसौना निवासी महिला मेहरूनिशा ने 30 अगस्त 2019 को दर्ज कराए अभियोग में बताया था कि उसके पड़ोस में रहने वाला तालिब उसके पुत्र शेर मोहम्मद की पत्नी गुलिस्ता पर गलत नजर रखता था।

    आरोपित तालिब पीड़िता मेहरूनिशा का सगा भतीजा है। रोपित 29 अगस्त की रात को उसके मकान की छत पर आया था, जिसकी पहचान कर शोर मचाया था। अगले दिन उसका पुत्र शेर मोहम्मद, नूर मोहम्मद एवं मोहम्मद आलीम इसकी शिकायत करने के लिए आरोपित तालिब के घर जा रहे थे।

    रास्ते में खड़े आलमगीर, हारून एवं नासिर पुत्र समयदीन ने उन्हें रोक लिया। इसके बाद समयदीन ने लाइसेंसी बंदूक से उसके पुत्र शेर मोहम्मद के सीने में गोली मारकर हत्या कर दी। मुकदमा दर्ज करने के बाद पुलिस ने दोषियों को गिरफ्तार कर न्यायालय में आरोप-पत्र दाखिल किया था।

    एडीजीसी कमलकांत कुमार ने बताया कि मुकदमे की सुनवाई अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश रेखा सिंह के न्यायालय में हुई। बुधवार को सुनवाई के बाद न्यायालय ने हत्या के दोषी समयदीन उसके पुत्र नासिर, आलमगीर और हारून को आजीवन कारावास की सजा समेत 45 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है।

    हत्या का मुख्य दोषी समयदीन मृतक शेर मोहम्मद का सगा मामा है, जबकि शेष तीन दोषी ममेरे भाई हैं। सजा सुनाए जाने के बाद हारून, नासिर और आलमगीर को न्यायिक अभिरक्षा में लिया गया है, जबकि समयदीन को जिला कारागार से पुलिस अभिरक्षा में न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया था।