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    Muzaffarnagar: बरसात में धराशाई हो रहे कच्चे मकान, आखिर पात्रों को सरकारी आवास योजनाओं का क्यों नहीं मिल रहा फायदा

    Updated: Wed, 03 Sep 2025 06:24 PM (IST)

    Muzaffarnagar News मुजफ्फरनगर में बारिश के कारण कई कच्चे मकान गिर गए हैं जिससे गरीब लोग बेघर हो गए हैं। हर साल बरसात में ऐसी घटनाएं होती हैं लेकिन पीड़ितों को प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री आवास योजना का लाभ नहीं मिल पाता। उक्त पात्र लोगों का योजना से वंचित रहना सरकारी अमले पर सवालिया निशान है।

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    आखिर पात्रों को सरकारी आवास योजनाओं का क्यों नहीं मिल रहा फायदा (सांकेतिक फोटो)

    जागरण संवाददाता, मुजफ्फरनगर।  बरसात का सीजन चल रहा है और गांवों में कच्चे मकान धराशायी हो रहे हैं। कभी चरथावल क्षेत्र में मकान की छत गिरती है, तो कभी शहर में मिमलाना रोड पर। मकान गिरने की वजह से गरीबों का न सिर्फ आशियाना उजड़ता है, बल्कि वर्षों की कमाई भी मिट्टी में मिल जाती है। ताज्जुब तो इस बात का है कि ऐसे पात्रों को पक्के मकान दिलाने की योजनाओं का लाभ क्यों नहीं मिल पाता, या फिर ये लोग पात्रता की श्रेणी से कैसे दूर रह जाते हैं।

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    बीते दो दिन से जिले में जबरदस्त वर्षा हो रही है। सोमवार और मंगलवार दो दिन में हुई वर्षा के कारण जिले में 13 स्थानों पर मकान और छत गिरने की घटनाएं सामने आ चुकी हैं। यह पहली बार नहीं हुआ, बल्कि हर साल ही बरसात के सीजन में मकान गिरते हैं।

    हर साल ही जिला प्रशासन ऐसे लोगों की सूची बनाता है, स्थलीय निरीक्षण करता है और पीड़ितों को आर्थिक सहायता दिलाने का भरोसा दिया जाता है, लेकिन सोचने वाली बात ये है कि इन लोगों को पक्के मकान बनवाने की योजना का लाभ क्यों नहीं मिल पाता है। जबकि प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी और ग्रामीण दोनों ही प्रकार के क्षेत्रों के लिए केंद्र सरकार द्वारा संचालित हैं। इसी प्रकार मुख्यमंत्री आवास योजना भी लागू की गई है। इन योजनाओं का उद्देश्य यही है कि जो गरीब हैं, जिनके कच्चे मकान हैं, उनको योजना का लाभ देकर पक्के मकानों में रहने का सुख प्रदान किया जा सके।

     बीते चार दिन में 15 से ज्यादा स्थानों पर मकान और छत गिरी

    जिलेभर में बीते चार दिन से तेज वर्षा हो रही है। इसकी वजह से ग्रामीण अंचल में कच्चे मकान और छत गिरने की घटनाएं भी लगातार सामने आ रही है। अब तक 15 से ज्यादा ऐसी घटना हो चुकी हैं। 

    एडीएम प्रशासन संजय कुमार सिंह का कहना है कि जिले में समस्त तहसीलों के स्तर पर लेखपालों को गांवों में भेजकर पता कराया गया है कि कितने मकान क्षतिग्रस्त हुए हैं। अभी तक 13 मकान क्षतिग्रस्त होने की जानकारी मिली है। आवश्यक कार्रवाई की जा रही है।

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