मुजफ्फरनगर के आदिल ने किया करोड़ों रुपये के जीएसटी क्लेम हड़पने को बड़ा 'खेल', 13 फर्जी कंपनियां बना डालीं
Muzaffarnagar News मुजफ्फरनगर के खालापार क्षेत्र निवासी आदिल नाम के एक व्यक्ति ने राज ट्रेडिंग कंपनी बनाकर करोड़ों रुपये का जीएसटी क्लेम हड़प लिया। आदिल ने बुढ़ाना की एक कंपनी से माल खरीदना दिखाया जो जांच में फर्जी निकली। उसका फर्जीवाड़ा अन्य राज्यों से भी जुड़ा हो सकता है। इसकी जांच जारी है।
जागरण संवाददाता, मुजफ्फरनगर: राज्य वस्तु एवं सेवाकर (एसजीएसटी) की विशेष जांच शाखा (एसआइबी) की टीम ने एक वर्ष के भीतर 13 फर्जी कंपनी पकड़ी हैं। खालापार के युवक आदिल ने राज ट्रेडिंग कंपनी बनाकर करोड़ों रुपये का जीएसटी क्लेम हड़प लिया।
कंपनी के लिए लगाए गए किरायेनामे से यह कंपनी पकड़ में आई है। विभाग कंपनी द्वारा उत्तर प्रदेश के साथ किन-किन राज्यों से माल का क्रय-विक्रय किया गया है, इसकी पड़ताल करने में लगा है।
एसआइबी यूनिट के संयुक्त आयुक्त सिद्धेश कुमार दीक्षित के अनुसार खालापार के युवक आदिल खान ने जीएसटी चोरी समेत क्लेम के लिए बड़ा खेल किया है। राज ट्रेडिंग बनाकर बुढ़ाना की इन्नोवेशन री-साइकिलिंग कंपनी से माल खरीदना दिखाया है।
जांच में बुढ़ाना क्षेत्र में यह फर्म मौके पर नहीं मिली है। इससे साफ है कि फर्जी बिल बनाने काम किया गया, जिनके माध्यम से 3.62 करोड़ रुपये जीएसट क्लेम अवैध रूप से लिया गया है। अब टीम यह रिकार्ड खंगालने में लगी है कि यूपी समेत किन-किन राज्यों में माल की खरीद एवं बिक्री दिखाई गई है। जांच के बाद आरोपित आदिल खान से रिकवरी के अलावा अन्य कार्रवाई होगी।
यह था मामला
राज्य वस्तु एवं सेवाकर के राज्यकर अधिकारी राजेंद्र शर्मा ने खालापार के युवक आदिल खान पुत्र सईद खान के विरुद्ध शुक्रवार को खालापार थाने में मुकदमा दर्ज कराया था। जिसमें फर्जी तरीके बुढ़ाना निवासी शाकिर की इन्नोवेशन री-साइकिलिंग कंपनी से माल खरीदना बताया था। जांच में यह कंपनी स्थल पर नहीं मिली है। जिस कारण युवक के विरुद्ध राजस्व हानि पहुंचाने समेत धोखाधड़ी, जानबूझकर जाली दस्जावेज बनाने संबंधित धारा में मुकदमा पंजीकृत कराया था।
एक वर्ष में पकड़ी जा चुकी 13 बोगस कंपनी
राज्य वस्तु एवं सेवाकर विभाग की टीम वित्तीय वर्ष 2024-25 में राजस्व जुटाने के साथ फर्मों, कारोबारियों की जांच की गई है। इसके लिए खतौली, सदर, बुढ़ाना और जानसठ तहसील क्षेत्र में लगभग छह से अधिक एसआइबी यूनिट के अधिकारियों ने जांच की है। जिसमें 64 बड़ी फर्म सामने आई है, जिनकी पड़ताल की गई। इन सभी फर्म का वार्षिक टर्नओवर करोड़ों रुपयें में है। इनका क्रय और विक्रय खंगाला गया है। जिसमें 13 कंपनी ऐसी निकली है, जो बोगस है। इनका जीएसटी के पोर्टल पर नाम-पता है, लेकिन धरातल पर कोई वजूद नहीं मिल सका।
पहले भी पकड़े जा चुके मामले
वर्ष 2024 में रतनपुरी के टोड़ा कल्याणपुर के सगे भाइयों समेत नौ लोगों को गिरफ्तार किया था। यह गिरोह 935 करोड़ रुपये के फर्जी बिल बनाकर विभाग को 250 करोड़ से अधिक की जीएसटी चोरी का चूना लगा चुका था। इसके अलावा रतनपुरी के ही बड़सू गांव के अश्वनी कुमार के नाम से फर्जी एके ट्रेडर्स कंपनी बनाकर 248 करोड़ रुपये के फर्जी बिल जारी किए गए। इनमें 48 करोड़ रुपये की जीएसटी चोरी पकड़ आई थी।
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