मुजफ्फरनगर में हर बार की यही कहानी...बरसात होने पर टापू बन जाता है शहर, जलभराव से मुक्ति का नहीं समाधान
Muzaffarnagar News मुजफ्फरनगर में बरसात होते ही शहर के कई इलाके टापू बन जाते हैं। शिवचौक और गांधी कालोनी जैसे क्षेत्र भी जलभराव से प्रभावित हैं। हर साल व्यापारियों को नुकसान होता है लेकिन प्रशासन कोई स्थायी समाधान नहीं निकाल पाया है। सोमवार को हुई बरसात में कई इलाके जलमग्न हो गए।

जागरण संवाददाता, मुजफ्फरनगर। जब भी तेज बरसात होती है, तो शहर के कई इलाके टापू बन जाते हैं। अब चाहे शहर की हृदयस्थली शिवचौक हो अथवा पाश गांधी कालोनी। ऐसा नहीं है कि यह समस्या एकाध वर्ष से बनी है, बल्कि लंबे समय से चली आ रही है।
हर बार बरसात के सीजन में आमजन को परेशानियों के साथ व्यापारियों को भारी नुकसान झेलना पड़ता है। बावजूद इसके नगर पालिका से लेकर जिला प्रशासन के आला अधिकारी इससे मुक्ति का स्थायी समाधान नहीं कर पा रहे हैं।
दरअसल, सोमवार को 94.4 मिलीमीटर वर्षा दर्ज की गई। दो दिन पहले ही लगभग सौ मिलीमीटर पानी बरसा था। लगभग एक महीना पहले रात के समय 126 मिलीमीटर पानी बरसा था। उसकी वजह से शिवचौक पर गोल मार्केट, पुरानी तहसील मार्केट के बेसमेंट में दुकानें पानी में आधी डूब गई थीं। इन दुकानों में कपड़े, शूज और सौंदर्य प्रसाधन के सामान की बिक्री होती है। बरसात का पानी दुकानों में घुसने की वजह से व्यापारियों को लाखों रुपये का नुकसान झेलना पड़ा था।
सोमवार को भी जब सुबह से लगातार बरसात हुई, तो शिवचौक के अलावा सरकुलर रोड, मीनाक्षी चौक, शहीद चौक खालापार, कोर्ट रोड, रुड़की रोड, रामलीला टीला, गांधी कालोनी समेत कई इलाकों में भयंकर जलभराव हो गया। खास बात ये है कि हर बार नगर पालिका और जिला प्रशासन के अधिकारी स्थलीय निरीक्षण करते हैं।
जलभराव से मुक्ति के लिए तमाम वादे-दावे किए जाते हैं, लेकिन फिर यह बातें फाइलों में दबकर रह जाती हैं। यही वजह है कि कई बार जलभराव को लेकर लोगों का गुस्सा भी भड़क उठता है। एक महीना पहले ही जब रामलीला टीला मुहल्ले में भयंकर जलभराव हुआ और लोग घरों में कैद होने के लिए मजबूर हो गए, तो पालिका प्रशासन के खिलाफ जमकर प्रदर्शन भी हुआ था।
नालों का निर्माण पूर्ण होने पर राहत की उम्मीद
शहर के चारों और जल निकासी की बेहतर व्यवस्था के लिए जल निगम और सीएनडीएस की ओर से तीन बड़े नालों का निर्माण कराया जा रहा है। एक नाला लद्दावाला से रामलीला टीला की ओर एवं काली नदी पर जाएगा। दूसरा नाला नावल्टी चौराहा से आबकारी चुंगी होते हुए काली नदी पर जाकर गिरेगा। दोनों नालों से शहर के रुड़की रोड और उसके दोनों ओर बसे क्षेत्र के पानी की निकासी होगी। तीसरा नाला भोपा रोड से जानसठ रोड तक निर्मित कराया जा रहा है। इससे भोपा और जानसठ रोड क्षेत्र के पानी की निकासी आसान होगी। इन तीनों नालों के निर्माण पर लगभग 40 करोड़ रुपये खर्च किए जाने हैं।
ये क्षेत्र होते हैं सर्वाधिक प्रभावित
शिवचौक, जसवंतपुरी, किदवई नगर, रामपुरी, नई आबादी, मक्कीनगर, गोल मार्केट, अंसारी रोड, आर्यपुरी, खादरवाला, खालापार, गांधी कालोनी, आनंदपुरी, रुड़की रोड, रेलवे रोड आदि ऐसे स्थान हैं, जहां पर हर बार तेज बरसात होने पर जबरदस्त जलभराव होता है।
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