Muzzaffarnagar News : गजब! कागजों पर थीं फर्जी कंपनियां...कर रहीं थी करोड़ों का 'कारोबार'
Muzzaffarnagar News मुजफ्फरनगर में एसजीएसटी विभाग ने जीएसटी चोरी के बड़े मामले उजागर किए हैं। 15 से अधिक बोगस कंपनियां पकड़ी गईं जो केवल कागजों पर थीं और करोड़ों का लेन-देन कर रही थीं। इन कंपनियों ने फर्जी बिलों के माध्यम से इनपुट टैक्स क्रेडिट हड़पा और सरकार को 50 करोड़ रुपये से अधिक का राजस्व नुकसान पहुंचाया।

जागरण संवाददाता, मुजफ्फरनगर। मुजफ्फरनगर में जीएसटी चोरी पर लगातार शिकंजा कस रहा है। एसजीएसटी विभाग की विशेष जांच शाखा की टीम ने जिले में हुई कर चोरी के कई बड़े मामलों का राजफाश किया। अभी तक विभाग 15 से अधिक बोगस कंपनियां पकड़ चुका है। जिनके माध्यम से केवल इनपुट टैक्स क्रेडिट हड़पने का काम किया जा रहा है।
जांच में यह कंपनियां बोगस मिली है, जिनका धरातल पर कोई लेना-देना नहीं हैं, लेकिन कागजों में करोड़ों का लेन-देन कर चुकी हैं।
एसजीएसटी विभाग की एसआइबी के संयुक्त आयुक्त सिद्धेशचंद दीक्षित, उपायुक्त मनेाज कुमार शुक्ल के नेतृत्व में टीम ने निरंतर छापेमारी में कई कारोबारियों की बहीखातों और इलेक्ट्रानिक डाटा की जांच की। इसमें पाया गया कि कई व्यापारी फर्जी इनवाइस और बिलों के जरिए इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) का खेल कर रहे हैं। विभिन्न मामलों में तो बिना माल की खरीद-फरोख्त किए ही करोड़ों रुपये के लेन-देन दर्शाकर सरकार को राजस्व का नुकसान पहुंचाया गया। जिले में अब तक जीएसटी चोरी की राशि 50 करोड़ रुपये से अधिक है। इनमें लोहे-स्टील, कपड़ा, प्लाइवुड और खाद्यान्न कारोबार से जुड़े प्रतिष्ठानों पर विभाग की निगरानी बढ़ा दी गई है।
15 करोड़ रुपये से अधिक का फटका लगा
विभाग की जांच में अभी तक 15 बोगस कंपनियां पकड़ में आई है। जिनमें सात पर विभिन्न थानों में मुकदमा दर्ज कराया गया है। छानबीन से साफ है कि यह सात बोगस फर्म लगभग 15 करोड़ रुपये का विभाग को फटका लगा चुकी है। यह सभी सात कंपनियां केवल कागजों में कारोबार दिखाकर विभाग को गुमराह करती रही है।
छह माह से अधिक समय तक जांच एवं निगरानी करने के बाद विभाग ने गड़बड़ी पकड़ी है। विभाग को नुकसान पहुंचाने वाले उद्यमियों, कारोबारियों की कुंडली खंगालकर आइटीसी डकारने वालों पर शिकंजा कसा जा रहा है।
इन पर दौड़ाई एक नजर
रतनपुरी थाना क्षेत्र के रहने वाले तस्लीम ने अपने साथियों जुनैद, आस मोहम्मद, आसिफ, मोइन व अजीम के साथ मिलकर लगभग 48 फर्जी कंपनियां बनाई। जिनके माध्यम से पांच साल में 925 करोड़ के फर्जी जीएसटी बिल बनाए गए और सरकार को लगभग 135 करोड़ का राजस्व का नुकसान पहुंचाया गया। वाजिदपुर खुर्द निवासी आशीष सैनी ने फर्जी फर्म बनाकर लगभग आठ करोड़ रुपये का अाइटीसी हड़पा है। मेरठ के नदीम सैफी, सरवट निवासी मोहम्मद समीर ने मिलकर 1300 करोड़ रुपये के फर्जी बिल बनाए हैं। जिनके माध्यम से लगभग 200 करोड़ रुपये से अधिक जीएसटी चोरी की संभावना है।
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