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    दांतों से खींच कर कांवड़ ले जा रहा शिवभक्त, आठ सालों से अभ्यास… फार्च्यूनर व स्कार्पियो भी खींच चुका है पहलवान रुतबा

    Updated: Tue, 08 Jul 2025 12:42 PM (IST)

    मेरठ के रुतबा गुर्जर 101 लीटर गंगाजल से भरी बुग्गी को दांतों से खींचकर कांवड़ यात्रा कर रहे हैं। उनका उद्देश्य गाय को राष्ट्रीय माता घोषित कराना और सनातन धर्म की रक्षा करना है। इससे पहले वे कई भारी वाहन भी खींच चुके हैं। वे हरिद्वार से 29 जून को रवाना हुए और 23 जुलाई को जलाभिषेक करेंगे। वहीं बुढ़ाना के राजू दंडवत कांवड़ लेकर हरिद्वार से चले हैं।

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    कस्बा पुरकाजी में दांतों से खींचकर कांवड़ लेकर जाता शिवभक्त। जागरण

    जागरण संवाददाता, मुजफ्फरनगर। भगवान भोलेनाथ की भक्ति में लीन श्रद्धालुओं में अपार शक्ति का संचार हो रहा है। एक कांवड़िया ऐसा है, जो 101 लीटर गंगाजल बुग्गी में रखकर उसे रस्सी के सहारे दांतों के खींचकर आगे बढ़ रहा है। 

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    पुरकाजी में पहुंचने पर लोग उसे देख कर हैरान रह गए। उसका कहना है कि यह कांवड़ गाय को राष्ट्रीय माता कराने व सनातन धर्म की रक्षा के लिए ला रहा है। वहीं दांतों से फार्च्यूनर, स्कार्पियो जैसे वाहनों को भी खींच चुका है। शिवभक्त की यह प्रथम कावंड़ है। इससे पहले व चार बार कांवड़ पैदल ला चुका है।

    मेरठ के थाना खरखौदा के गांव छतरी निवासी 23 वर्षीय पहलवान रुतबा गुर्जर उर्फ भोला पुत्र मंगू दीवान सोमवार को अपनी कांवड़ के साथ पुरकाजी कस्बा में पहुंचे। उसने बताया कि गत 29 जून को हरिद्वार की हर की पैड़ी से 101 लीटर पवित्र गंगाजल को केन में भरकर बुग्गी में रखकर चला। बुग्गी में रस्सी बांधी हुई है, जिसे दांतों से खींचता है। खास बात यह है कि वह बुग्गी को खींचते हुए उल्टे पैर चलता है। 

    शिवभक्त रुतबा गुर्जर ने बताया कि बुग्गी और गंगाजल समेत लगभग छह कुंतल वजन को खींच रहा है। उल्टी दिशा में चलने के लिए वह सड़क की सफेद पट्टी देखता रहता है। भगवान भोले शंकर में उनकी आस्था अटूट है। 

    उन्होने बताया कि वे 8 वर्षो से अभ्यास कर रहे हैं, फार्च्यूनर व स्कार्पियो कार को दांतों से खींच चुके हैं। वहीं 50 किलोग्राम के वजन को वह एक किलोमीटर तक 6 मिनट 6 सैकेंड में तय कर सकता है। प्रतिदिन 10 किलोमीटर का रास्ता तय कर 23 जुलाई को अपने गांव के शिव मंदिर में जलाभिषेक करेगा।

    वहीं, बुढाना क्षेत्र के लुहसाना गांव निवासी राजू दंडवत कांवड़ लेकर अपने सात वर्षीय बेटे लक्की के साथ हरिद्वार से गंतव्य की ओर बढ़ रहे हैं। पुरकाजी में पहुंचने पर राजू ने बताया कि उनकी कांवड़ यात्रा लगभग 120 किलोमीटर की होगी। आगामी 23 जुलाई को शिवालय में जलाभिषेक करेंगे। शिवभक्त ने बताया कि पत्नी की बीमारी के ठीक होने पर दंडवत कांवड़ बोली थी, जिसे अब लेकर आया है।