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    ये मुहब्बत नगर है जनाब...हमें खुशी है मंदिर में पूजा होगी, हवन-पूजन के लिए मुस्लिमों ने बिछाया रेड कारपेट

    Updated: Wed, 25 Dec 2024 08:15 AM (IST)

    मुस्लिमों की घनी आबादी वाले मोहल्ला लद्दावाला में 54 साल पहले बने मंदिर में 32 साल से पूजा नहीं हुई। क्योंकि वर्ष 1992 में अयोध्या में विवादित ढांचा गिराए जाने के दौरान तनावपूर्ण माहौल में यहां रहने वाले कुछ ही हिंदू परिवार पलायन कर गए थे और देव प्रतिमाएं भी ले गए थे। अब यहां मंदिर के शुद्धिकरण को यज्ञ पूजन हुआ तो अलग ही नजारा देखने को मिला।

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    लद्दावाला में शिव मंदिर के लिए मुस्लिमों ने रेड कारपेट बिछाया और पुष्पवर्षा की। जागरण।

    आनंद प्रकाश, मुजफ्फरनगर। ये मुहब्बत नगर है जनाब...यहां अब कोई विवाद नहीं है, आपसी सद्भाव कायम रहना चाहिए। हमें तो खुशी है इस मंदिर में पूजन होगा। बेशक यहां मुस्लिमों की घनी आबादी है, गली में कोई हिंदू परिवार नहीं रहता है, लेकिन मंदिर में यज्ञ होने पर एतराज किसी को नहीं है।

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    ये कहना है मोहल्ला लद्दावाला के उन मुस्लिमों का जो 32 साल से बंद मंदिर वाली गली में रहते हैं। सोमवार को जब यहां शुद्धिकरण यज्ञ के लिए हिंदू संगठन के पदाधिकारी एवं अन्य लोग पहुंचे, तो उन्होंने स्वागत में गली में रेड कारपेट तक बिछाया और पुष्प वर्षा भी की।

    एक तरफ विपक्षी राजनीतिक दल प्रदेश ही नहीं, बल्कि देश में हिंदू मुस्लिम के बीच खाई पैदा करने के आरोप लगाते हैं, लेकिन मुजफ्फरनगर में सांप्रदायिक सौहार्द की मिसाल पेश की गई है, जिसकी चर्चा दूर तक हो रही है। ऐसा हो भी क्यों न, क्योंकि सोमवार को जिस शिव मंदिर में शुद्धिकरण को यज्ञ कराया गया, वहां एक भी हिंदू परिवार नहीं रहता है। खास बात यह है कि यह मिसाल मुजफ्फरनगर में कायम की गई, जिसने वर्ष 2013 में सांप्रदायिक दंगा झेला है। दंगे के मुकदमे आज भी न्यायालय में विचाराधीन हैं।

    27 दिसंबर को होगी चिंतन बैठक

    बघरा स्थित योग साधना यशवीर आश्रम के महंत यशवीर महाराज ने बताया कि मोहल्ला लद्दावाला के शिव मंदिर में शुद्धिकरण को यज्ञ संपन्न हो गया है। अब यहां मूर्तियों की स्थापना होनी है। उसके लिए आगामी 27 दिसंबर को महामाया मंदिर में चिंतन बैठक की जाएगी। उसमें समिति का गठन होगा, जो तय करेगी कि मूर्तियां कब स्थापित कराई जाएंगी।

    अतिक्रमण हटवाना बनेगा चुनौती 

    मोहल्ला लद्दावाला में आठ फीट गहराई और लगभग 12 फीट चौड़ाई के मंदिर की जमीन पर अतिक्रमण भी हो गया है। मंदिर के पीछे और बाईं तरफ रहने वाले मुस्लिम परिवारों ने अपने मकान के छज्जे मंदिर की तरफ निकाल रखे हैं। एक मकान स्वामी ने तो लगभग ढाई फीट तक निर्माण किया हुआ है। इस अतिक्रमण को हटवाना किसी चुनौती से कम नहीं होगा। क्योंकि उसके ऊपर कमरे का हिस्सा बना हुआ है।

    दोनों संप्रदाय के लोगों की बात

    इस मंदिर की देखभाल पड़ोस में रहने वाले मुस्लिम परिवार करते रहे हैं। मैंने खुद भी पूर्व में मंदिर की दीवारों पर रंगाई-पुताई कराई है। यहां पूजन होने से किसी को एतराज नहीं है। - नदीम खान, सभासद

    50 साल पहले मंदिर के पिछले हिस्से में झोड़ था। तब यहां रहने वाले सैनी और खटीक परिवारों ने मंदिर की स्थापना की थी। हमें खुशी है अब यहां फिर से पूजन होगा। - नईम अहमद, पड़ोसी

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    मंदिर में सोमवार को यज्ञ होने पर इस गली में रहने वाले सभी लोग खुश हैं। मूर्तियों की स्थापना होने पर यहां गेट भी लगना चाहिए, ताकि कोई जानवर मंदिर में न घुसने पाए। - महरबान, पड़ोसी

    32 साल पहले इस गली से हिंदू परिवार पलायन कर गए थे। अब मंदिर का जीर्णोद्धार होगा। मूर्तियों की स्थापना के लिए 27 दिसंबर को चिंतन बैठक होगी। मंदिर में यज्ञ होने पर मुस्लिमों ने भी स्वागत किया है, यह अच्छा संकेत है। - हनी पाल, सभासद

    लद्दावाला में शिव मंदिर के आसपास रहने वालों ने अतिक्रमण किया हुआ है। मंदिर में यज्ञ कराए जाने पर लोगों ने सांप्रदायिक सौहार्द दिखाया। अब अतिक्रमण हटवाने में भी सहयोग करना होगा। - सुधीर खटीक, भाजपा नेता