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    शासन स्तर से होगी स्वास्थ्य केंद्रों की निगरानी, CHC-PHC में डॉक्टर और स्टाफ की लगेगी बायोमैट्रिक हाजिरी

    Updated: Mon, 22 Dec 2025 07:30 AM (IST)

    उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में स्वास्थ्य केंद्रों की निगरानी अब शासन स्तर से होगी। CHC और PHC में डॉक्टर और स्टाफ की बायोमैट्रिक हाजिरी लगेगी, जिससे स ...और पढ़ें

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    प्रतीकात्मक तस्वीर

    संवाद सहयोगी, जागरण, मुजफ्फरनगर। जिले में सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं को और दुरुस्त करने की दिशा में एक अहम कदम उठाया गया है। अब जिला मुख्यालय के साथ-साथ सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर तैनात चिकित्सकों व स्वास्थ्य कर्मियों की बायोमैट्रिक हाजिरी अनिवार्य की जा रही है।

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    इस व्यवस्था के लागू होने के बाद चिकित्सक व स्टाफ की उपस्थिति और कार्य समय की वास्तविक निगरानी संभव हो सकेगी।
    मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. सुनील कुमार तेवतिया को लंबे समय से शिकायतें मिल रही थीं कि कई सीएचसी और पीएचसी पर तैनात चिकित्सक और कर्मचारी समय से केंद्रों पर नहीं पहुंचते थे।

    कुछ मामलों में यह भी सामने आया कि वह केवल औपचारिक उपस्थिति दर्ज कराने के बाद एक-दो घंटे में ही केंद्र छोड़ देते थे। इसका सीधा असर मरीजों पर पड़ रहा था, जिन्हें इलाज के लिए भटकना पड़ता था या फिर जिला अस्पताल का रुख करना मजबूरी बन जाती थी।

    इन्हीं शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए शासन स्तर पर बायोमैट्रिक हाजिरी प्रणाली लागू करने का निर्णय लिया गया है। इसके तहत सभी सीएचसी-पीएचसी में बायोमैट्रिक मशीनें लगाई जाएंगी, जिनमें चिकित्सकों, नर्सिंग स्टाफ, फार्मासिस्ट और अन्य कर्मचारियों को रोजाना निर्धारित समय पर हाजिरी दर्ज करनी होगी।

    बायोमैट्रिक सिस्टम में आने-जाने का पूरा रिकॉर्ड सुरक्षित रहेगा। इस नई व्यवस्था की खास बात यह है कि बायोमैट्रिक हाजिरी का एक्सेस सीधे लखनऊ से जुड़ा होगा। यानी जिला स्तर पर ही नहीं, बल्कि शासन स्तर से भी स्वास्थ्य केंद्रों की निगरानी की जा सकेगी।

    इससे किसी भी तरह की गड़बड़ी या मनमानी की गुंजाइश काफी हद तक खत्म हो जाएगी। अधिकारी भी यह देख सकेंगे कि कौन सा कर्मचारी किस दिन और कितनी देर तक ड्यूटी पर मौजूद रहा।

    सीएमओ ने कहना है कि बायोमैट्रिक हाजिरी लागू होने से अनुशासन में सुधार आएगा। बायोमैट्रिक सिस्टम को चरणबद्ध तरीके से लागू किया जाएगा। पहले सभी केंद्रों पर मशीनें स्थापित की जाएंगी, उसके बाद कर्मचारियों का पंजीकरण किया जाएगा।

    इसके बाद नियमित रूप से हाजिरी की निगरानी शुरू होगी। नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई भी की जाएगी।

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