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    Four Child Death: जिस गांव में होली पूजने को आने वाला था परिवार, वहां आए चार बच्चों के शव, महिला की भी मौत, मच गई चीत्कार

    Muzaffarnagar News पल्लवपुरम थाना क्षेत्र की जनता कॉलोनी में छाया सन्नाटा। मोदीपुरम में आग लगने से पांच की मौत हुई है। बच्चों के शव गांव में पहुंचने पर गांव में कोहराम मच गया। चारों बच्चों के शवों को गमगीन माहौल में दफनाया गया। वहीं रविवार शाम को दिल्ली एम्स में उपचार के दौरान बबीता की भी मौत हो गई। बबीता का शव सोमवार को गांव में पहुंचेगा।

    By Amit Sharma Edited By: Abhishek Saxena Updated: Sun, 24 Mar 2024 11:42 PM (IST)
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    Four Child Death: सिखेड़ा में होली पूजन को आने वाला था परिवार और आ गए चार बच्चों के शव

    संवाद सूत्र, सिखेड़ा। गांव सिखेड़ा निवासी बबीता अपने चार पुत्रों के साथ मोदीपुरम की जनता कालोनी में किराए के मकान पर रहकर मजदूरी कार्य करती थी। शनिवार को चार्जर लगाने के दौरान शार्ट सर्किट होने से मोबाइल में धमाका हो गया। जिससे बेड पर आग लग गई। आग लगने से महिला और उसके चार बच्चों की मौत हो गई।

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    सिखेड़ा गांव निवासी बबीता अपने चार बच्चों सारिका, निहारिका, गोलू और कल्लू को साथ लेकर एक वर्ष पूर्व अपने पति मिन्टू की मौत के बाद देवर जानी के साथ मेरठ के पल्लवपुरम थाना क्षेत्र की जनता कालोनी में किराए पर रहकर मजदूरी करती थी।

    कमरे में शार्ट सर्किट से लगी थी आग

    शनिवार शाम बच्चे कमरे में खेल रहे थे। उसी समय चार्जर लगाने के दौरान शार्ट सर्किट होने से मोबाइल में धमाका हो गया। जिससे बेड पर आग लग गई। चारों बच्चे झुलस गए। बच्चों को बचाने में बबीता और जानी भी गंभीर रूप से घायल हो गए। सभी को मेडिकल कालेज में भर्ती कराया गया। जहां पर निहारिका आठ वर्ष और गोलू छह वर्ष, सारिका 10 वर्ष तथा कल्लू पांच वर्ष की उपचार के दौरान मौत हो गई। पोस्टमार्टम के बाद चारों शव गांव में लाए गए।

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    एक साथ पांच मौत होने से ग्रामीण गमगीन हैं। ग्रामीण सचिन, विक्रम और गौरव ने बताया, यह सब लोग रविवार को गांव में होली पूजन के लिए वाले थे, लेकिन नियती को कुछ और ही मंजूर था। गांव में बच्चों के शव आ गए।

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    उजड़ गया पूरा परिवार

    सिखेड़ा गांव निवासी मनोज ने बताया, मिंटू की एक साल पहले बीमारी के चलते मौत हो गई थी। इसके बाद चार बच्चों की जिम्मेदारी बबीता के ऊपर आ गई। बबीता बच्चों संग देवर को साथ लेकर मेरठ में मेहनत-मजबूरी के लिए चली गई। अब बबीता और उसके चारों बच्चों की मौत हो पूरा परिवार खत्म हो गया है।

    छह माह से मकान बंद था

    छह माह पूर्व महिला बच्चों के साथ मेरठ चली गई थी। तब से मकान पर ताला लगा था। हालांकि पड़ोस के लोगों से महिला और उसके देवर की बातचीत होती रहती थी। बीते दिनों ही इन्होंने होली पर्व पर गांव में आने की बात कही थी।