Muzaffarnagar: छह महीने में कपड़ा फेरी वाले का 366 करोड़ रुपये का टर्नओवर, कबाड़ी के काम के लिए बनाई थी फर्म
Muzaffarnagar News करीब डेढ़ वर्ष पूर्व से ही वह उस फर्म पर कार्य नहीं कर रहा है। उसने बताया कि वह तो दूसरे राज्यों में कपड़े की फेरी का कार्य कर रहा है जिसमें 500 से 1000 रुपये ही प्रतिदिन कमा पता है।
मुजफ्फरनगर, जागरण टीम। स्टेट जीएसटी विभाग के अधिकारियों को पोर्टल पर एक ऐसा मामला पकड़ में आया है, जिसमें छह महीने के अंदर ही फर्म का टर्नओवर शून्य से 366 करोड़ रुपये पहुंच गया। अधिकारियों ने ई-वे बिलों के आधार पर फर्म की जांच शुरू की तो फर्म का मालिक अन्य राज्यों में कपड़े की फेरी करने वाला निकला।
एकाउंटेंट के पास है जीएसटी पोर्टल की आइडी और पासवर्ड
विभाग ने 366 करोड़ टर्नओवर के व्यापार पर जीएसटी क्लेम करने की कार्यवाही शुरू की, जिसके बाद फर्म मालिक ने एक अकाउंटेंट के पास उसकी जीएसटी पोर्टल की आइडी व पासवार्ड होने की जानकारी दी। जानसठ थाना क्षेत्र के गांव कवाल निवासी एजाज ने करीब दो वर्ष पहले आजाद इंटरप्राइजेज फर्म के नाम पर जीएसटी नंबर लिया था, जिस पर उन्होंने कबाड़ी का काम शुरू किया।
कपड़े की फेरी का काम किया शुरू
एजाज ने कबाड़ी का काम कुछ ही समय किया, लेकिन बाद में घाटा होने के कारण इस काम को बंद कर दिया, लेकिन अपनी फर्म को चालू रखने के लिए जानसठ के अकाउंटेंट दानियाल को जीएसटी पोर्टल की आइडी और पासवार्ड सौंप दिया। उसके बाद एजाज ने दूसरे राज्य में कपड़े की फेरी का काम शुरू किया। लेकिन जीएसटी की एसआइबी टीम को पोर्टल पर कुछ दिन पूर्व एजाज की फर्म आजाद इंटरप्राइजेज पर छह महीने के दौरान शून्य से 366 टर्नओवर तक पहुंचे कारोबार की जानकारी मिली। इसके लिए ई-वे बिलों को भी कटवाया गया था।
कबाड़ का काम किया बंद
टीम की पूछताछ में एजाज ने अधिकारियों को बताया कि वो कबाड़ी का काम बंद होने के बाद वर्तमान में कपड़े की फेरी लगाता है। उसने जानसठ के एक अकाउंटेंट के बारे में जानकारी देकर उन्हीं के पास फर्म का आइडी व पासवार्ड होना बताया। इसके बाद विभागीय अधिकारियों ने टर्नओवर के आधार पर जीएसटी चोरी की धनराशि का आंकलन करना शुरू कर दिया है। इसके साथ ही अकाउंटेंट से पूछताछ कर अन्य फर्मों की भी जांच की तैयारी शुरू की है।
फर्म मालिक ने डीएम से लगाई गुहार
कवाल निवासी एजाज की फर्म पर हुए व्यापार को संदिग्ध मानकर जांच कर रहे अधिकारियों की कार्रवाई से बचने के लिए एजाज ने 25 जनवरी को डीएम अरविंद मलप्पा बंगारी को प्रार्थना पत्र दिया। अवगत कराया कि उनकी फर्म पर जो टर्नओवर दिखाया गया है, वह उसका नहीं है।
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पोर्टल में एजाज की फर्म पर अचानक से बढ़ा कारोबार पकड़ में आया था। ज्वाइंट कमिश्नर के नेतृत्व में इसकी जांच शुरू की गई तो पता चला कि फर्म मालिक कपड़े की फेरी लगाता है। पहले कबाड़ी के काम के लिए उन्होंने फर्म बनाई थी। एक अकाउंटेंट के पास उनके पोर्टल का आइडी और पासवार्ड रहता है। अकाउंटेंट को जांच के दायरे में लिया जा रहा है। मामले की अभी जांच चल रही है। विवेक मिश्रा, उपायुक्त एसआइबी जीएसटी विभाग