मेरठ, जागरण टीम। तीन माह में सोने और चांदी के दाम रिकार्ड उछाल पर हैं। सायों का सीजन चल रहा है और स्वर्ण नगरी मेरठ में दामों के उछाल का असर है। कारोबारियों के अनुसार अभी तो मांग ठीकठाक है। अगर यही ट्रेंड आगे भी जारी रहा तो व्यापार पर असर पड़ना तय है।

सोने की ये है आज की कीमत

एक नवंबर को 24 कैरेट 10 ग्राम सोने के रेट 52,000 थे, जो 28 जनवरी को 58,000 रुपये पहुंच गए। नवंबर के आरंभ में चांदी के दाम 58,900 रुपये प्रति किलोग्राम था, यह भी शनिवार को 67,750 रुपये है। इस तरह देखें तो सोने के दामों में छह हजार प्रति 10 ग्राम और चांदी के दामों में 8850 रुपये प्रति किलोग्राम की तेजी है। वसंत पंचमी से सायों का सीजन शुरू हो गया है। ऐसे में ग्राहकों के रुझान और बाजार पर पड़ रहे प्रभावों को लेकर आभूषण सेक्टर के प्रमुख व्यापारियों ने अपने विचार कुछ इस तरह व्यक्त किए।

सुरक्षित निवेश के तौर पर सोने पर विश्वास बढ़ा पहले कोरोना काल में और उसके बाद सामान्य स्थिति आने के बाद लंबे समय से सोने और चांदी के दाम स्थिर चल रहे थे। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर डालर और रूबल में अपने को मजबूत करने की होड़ चल रही है। इसीलिए विकसित देश बड़ी मात्रा में सोना खरीद रहे हैं। तीन-चार माह में यह 2500 डालर तक जा सकते हैं। ये अभी 1900 डालर चल रहे हैं। सायों का सीजन चल रहा है। लोगों के रुझान में कमी नहीं है। लोग यह सोचकर भी खरीदारी कर रहे हैं कि सोना सबसे सुरक्षित निवेश है। आलोक प्रकाश, अलंकार ज्वैलर्स प्राइवेट लिमिटेड

पुराने सोने के बदले नए आभूषण खरीदने का ट्रेंड बढ़ा सोने के दामों में जितनी तेजी एक साल में होती थी उतनी एक माह में हो गई है। इससे सभी कारोबारी हतप्रभ हैं। इस समय लोग पुरानी ज्वैलरी जिसमें कुछ टूट फूट हो गई थी या डिजायन पुराना हो गया था, उसे बदल कर नई ज्वैलरी खरीद रहे हैं। पिछले एक पखवाड़े से यह ट्रेंड दोगुणा हो गया है। कैरेटोमीटर में सोने की जांच करा कर ग्राहक अपनी पसंद की नई ज्वैलरी खरीद रहे हैं। गिफ्ट देने के लिए लाइट वेट इयर रिंग, अंगूठी और गले के लिए लाकेट खरीद रहे हैं। अभिषेक जैन, तनिष्क शोरूम आबू लेन

मशीनों के उपयोग से बना रहे लाइट वेट ज्वेलरी सायों का सजीन होने के कारण वर्तमान में बाजार अच्छा है। पर अगर सायों के बाद भी यही तेजी जारी रही तो व्यापार पर असर पड़ेगा। वर्तमान में रेट ज्यादा होने के कारण लोग समान बजट में विवाह में पहनने वाली ज्वैलरी मांग रहे हैं। इसके लिए अब मशीनों का प्रयोग किया जा रहा है। चेन निर्माता समेत छोटे छोटे कारीगर भी ज्वेलरी बनाने के लिए मशीनों का प्रयोग कर रहे हैं। विजय आनंद अग्रवाल, महामंत्री, मेरठ बुलियन ट्रेडर्स एसोसिएशन

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आयात शुल्क में कमी कर रेट स्थिर करने का हो प्रयास तेजी के कारण चांदी के सजावटी सामान और आर्टिकल आदि की सेल घट गई है। शादी आदि के लिए लोग जरूरी आभूषण खरीद रहे हैं। चांदी पर आयात शुल्क 10 प्रतिशत और सोने पर 15 प्रतिशत है। ऐसे में तस्करी का सोना और चांदी बेचने वाले बढ़ गए हैं। सरकार को आयात शुल्क में कमी कर रेट स्थिर करने का प्रयास करना चाहिए। प्रदीप अग्रवाल, अध्यक्ष, मेरठ बुलियन ट्रेडर्स एसोसिएशन 

Edited By: Abhishek Saxena