Muzaffarnagar: 11 महीने में 261 लोगों की सड़क हादसे में गई जान, हाईवे पर मौत के 9 ब्लैक स्पॉट- इस वजह से हो रहे सबसे ज्यादा एक्सीडेंट
मंगलवार को हाईवे पर जिस स्थान पर दर्दनाक हादसे में कार सवार छह दोस्तों की मौत हुई थी वहां भी घुमावदार तीव्र मोड़ है जिसे रामपुर तिराहा नाम से जाना जाता है और यह स्थान हाईवे पर मौत के नौ ब्लैक स्पॉट में भी शामिल है। इसी तरह सकौती रेलवे लाइन के ऊपर भी घुमावदार तीव्र मोड़ है और अक्सर ऐसे मोड़ पर वाहन हादसों को न्योता दे देते हैं।

जागरण संवाददाता, मुजफ्फरनगर। हाईवे की सपाट सड़क पर वाहनों की रफ्तार जिंदगी पर भारी पड़ती जा रही है। यह हम नहीं कह रहे हैं, बल्कि हादसों का आंकड़ा गवाही दे रहा है। पिछले साल की तुलना में इस साल सड़क हादसों का ग्राफ बढ़ा है। इस वर्ष सितंबर माह तक जिले में सड़क हादसों में 261 लोगों की अकाल मौत हो चुकी है।
पूरे प्रदेश में नवंबर माह को यातायात दिवस के रूप में मनाया जा रहा है। पुलिस से लेकर यातायात पुलिस स्कूली बच्चों से लेकर दो पहिया और चार पहिया वाहन चालकों को यातायात नियमों का पाठ पढ़ा रही है, ताकि सड़क हादसों के ग्राफ में कमी आ सके, लेकिन लोगों की सुविधा और यात्रा को सुगम बनाने के लिए बनाए गए सपाट हाईवे पर लगातार हादसे हो रहे हैं। हालांकि, हाईवे पर निर्धारित गति से अधिक चलने वाले वाहन चालकों की निगरानी के लिए स्पीड कैमरे भी दो स्थानों पर लगे है, जो शो पीस बने हुए है।
देखने में आ रहा है कि हाईवे पर कुछ घुमावदार तीव्र मोड़ भी हादसों को न्योता दे रहे हैं। मंगलवार को हाईवे पर जिस स्थान पर दर्दनाक हादसे में कार सवार छह दोस्तों की मौत हुई थी वहां भी घुमावदार तीव्र मोड़ है, जिसे रामपुर तिराहा नाम से जाना जाता है और यह स्थान हाईवे पर मौत के नौ ब्लैक स्पॉट में भी शामिल है। इसी तरह सकौती रेलवे लाइन के ऊपर भी घुमावदार तीव्र मोड़ है और अक्सर ऐसे मोड़ पर तेज रफ्तार वाहन हादसों को न्योता दे देते हैं।
अगर हम जिले के सड़क हादसों के आंकड़ों की बात करे तो इस साल ग्राफ बढ़ा है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, इस साल 11 महीने में 261 लोगों की अकाल मौत हुई है। इनमें से अधिकांश हादसे हाईवे पर होना बताया गया है।
हाईवे पर मौत के नौ ब्लैक स्पॉट
परिवाहन विभाग ने हाईवे पर नौ ब्लैक स्पॉट (कट) चिन्हित किए है, जहां पर सबसे ज्यादा हादसे होते हैं। इनमें रामपुर तिराहा कट, रथेड़ी कट, पचैंडा बाइपास कट, भैंसी कट, विलासपुर बाइपास कट, हल्दीराम कट, बेगराजपुर कट, संधावली और भंगेला कट है। हालांकि, एनएचएआइ ने भैंसी, बेगराजपुर, संधावली और भंगेला कट को ठीक करा देती है, लेकिन बाद में वाहन चालक कट खोल देते हैं। इनके अलावा कुछ ऐसे छोटे-छोटे कट भी है, जो हाईवे किनारे के गांव के लोगों ने दोपहिया वाहनों को निकालने के लिए अपने हिसाब से बना लिए है, जो हादसों को न्योता दे रहे है।
वर्ष हादसे मौत घायल
2022- 428 212 306
2023- 431 261 406
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