क्यों हो रही पशुओं की मौत, पता लगाने के लिए टीम गठित, पशुपालक बोले-गंभीरता नहीं बरत रहा विभाग
टैंगिंग के बाद पशुओं को खुरपका-मुंहपका का टीका लगवाने का नियम बनाया गया था। लेकिन पशु पालकों ने टैंगिंग का विरोध करते हुए टीकाकरण नहीं कराया। ऐसी स्थिति में अधर में ही टीकाकरण रोकना पड़ा। उसका असर अब देखने के लिए मिल रहा है।

मुरादाबाद, संवाद सहयोगी। अमरोहा के गजरौला में पशुओं को खुरपका व मुंहपका का टीका नहीं लगवाने का अंजाम अब पालकों को भुगतना पड़ रहा है। कई गांवों के पशुओं में बीमारी फैलने लगी है। जिससे लगातार पशुओं की मौत की संख्या बढ़ती जा रही है। इतना ही नहीं विभागीय अधिकारी भी सतर्क हो गए हैं। पशुओं की मौत की जांच के लिए टीम का भी गठन किया गया है। मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डा. मंशाराम ने गांव पहुंचकर भी जायजा लिया है।
बता दें कि शासन द्वारा टैंगिंग के बाद पशुओं को खुरपका-मुंहपका का टीका लगवाने का नियम बनाया गया था। लेकिन, पशु पालकों ने टैंगिंग का विरोध करते हुए टीकाकरण नहीं कराया। ऐसी स्थिति में अधर में ही टीकाकरण रोकना पड़ा। उसका असर अब देखने के लिए मिल रहा है। हाल ही में गांव महेशरा में 15 से अधिक पशुओं की मौत हुई। ऐसे ही अब गांव खेड़की खादर में 20 से अधिक पशु मर चुके हैं। इतना ही नहीं गांव कुमराला बहादुरपुर में भी अब पशुओं की मौत का सिलसिला शुरू हो चुका है। शनिवार सुबह ही गांव में तीन पशुओं की मौत हो गई। पशुपालकों का आरोप है कि मौत की सूचना के बाद भी विभाग के लोग गांव में पहुंचकर बीमार पशुओं का उपचार नहीं कर रहे हैं। इससे लोगों में रोष उत्पन्न हो रहा है। उधर, उपमुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डा. मंशाराम ने गांव खेड़की खादर में पहुंचकर जायजा लिया और टीम का गठन करते हुए जांच के निर्देश दिए हैं। स्थानीय पशु चिकित्सा अधिकारी डा. ओमवीर सिंह ने बताया कि कुमराला गांव में भी टीकाकरण का कार्य शुरू करवा दिया गया है।
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