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    भागदौड़ भरी जिंदगी और कम नींद बढ़ा रही है दिल का खतरा, आज ही अपनाएं ये बचाव

    Updated: Fri, 19 Dec 2025 02:38 PM (IST)

    भागदौड़ भरी जिंदगी, तनाव और नींद की कमी से नर्वस सिस्टम कमजोर हो रहा है, जिससे हार्ट अटैक का खतरा बढ़ रहा है। विशेषज्ञों के अनुसार, नर्वस सिस्टम और हा ...और पढ़ें

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    प्रतीकात्‍मक च‍ित्र

    जागरण संवाददाता, मुरादाबाद। भागदौड़ भरी जिंदगी, लगातार तनाव, अनियमित दिनचर्या और नींद की कमी लोगों के नर्वस सिस्टम को कमजोर कर रही है। इसका सीधा असर हृदय के स्वास्थ्य पर पड़ रहा है और हार्ट अटैक का खतरा बढ़ा रहा है। विशेषज्ञों के अनुसार आज की जीवनशैली में नर्वस सिस्टम और हार्ट के बीच का संतुलन बिगड़ता जा रहा है, जो गंभीर बीमारियों का कारण बन रहा है।

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    लगातार बैठकर कंप्यूटर पर काम करना और बिगड़ती जीवनशैली हमारे शरीर की दुश्मन बन रही है। देर रात तक जागना और बैठकर मोबाइल-कंप्यूटर का प्रयोग हृदय के लिए गंभीर खतरा है। युवाओं के साथ ही बच्चे भी इन आदतों के कारण छोटी उम्र में उच्च रक्तचाप और मधुमेह जैसी बीमारियों की चपेट में आ रहे हैं।

    खराब दिनचर्या और शारीरिक-मानसिक व्यायाम से दूर रहने की आदतें शरीर के नर्वस सिस्टम की प्रक्रिया को बिगाड़ देती है। विशेषज्ञों के अनुसार, लंबे समय तक यह स्थिति बनी रहने पर हार्ट अटैक, और अन्य हृदय रोगों का खतरा कई गुना बढ़ जाता है। खासतौर पर युवा और कामकाजी वर्ग के लोग इसकी चपेट में तेजी से आ रहे हैं।

    डाक्टर उन्हें सलाह दे रहे हैं कि मोबाइल और स्क्रीन टाइम सीमित करें, कैफीन का सेवन कम करें और दिन में कुछ समय खुद के लिए जरूर निकालें। समय रहते नर्वस सिस्टम की देखभाल कर हार्ट अटैक जैसे गंभीर खतरे से बचा जा सकता है।

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    क्या होता है नर्वस सिस्टम

    नर्वस सिस्टम हमारे शरीर की कंट्रोल और कम्यूनिकेशन प्रणाली है। जो शरीर के हर हिस्से को दिमाग से जोड़ता है। नर्वस सिस्टम मुख्य रूप से दो प्रकार का होता है सिम्पैथेटिक और पैरासिम्पैथेटिक। सिम्पैथेटिक नर्वस सिस्टम शरीर को तनाव की स्थिति में सक्रिय करता है, जबकि पैरासिम्पैथेटिक नर्वस सिस्टम शरीर को आराम और संतुलन की अवस्था में लाता है।

    लगातार तनाव और भागदौड़ भरी दिनचर्या के कारण सिम्पैथेटिक सिस्टम अधिक सक्रिय हो जाता है, जिससे ब्लड प्रेशर बढ़ता है, हार्ट रेट तेज होती है और हृदय पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है। इसे संतुलित रखने के लिए ध्यान और योग की प्रक्रिया करने से पैरासिम्पैथेटिक नर्वस सिस्टम सक्रिय होता है। इसीलिए विशेषज्ञ लोगों को योगा और ध्यान करने की राय दी जाती है। जिससे धीरे-धीरे सांस लेने की प्रक्रिया से पैरासिम्पैथेटिक नर्वस सिस्टम एक्टीवेट हो सकेगा।

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    खराब दिनचर्या और तनाव ही नर्वस सिस्टम को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचाता है। अगर रोजाना सिर्फ 15 मिनट ध्यान, प्राणायाम या गहरी सांसों का अभ्यास किया जाए तो पैरासिम्पैथेटिक नर्वस सिस्टम सक्रिय होता है, जिससे हार्ट को आराम मिलता है। साथ ही, पर्याप्त नींद, संतुलित आहार और नियमित हल्का व्यायाम नर्वस सिस्टम को मजबूत बनाता है।

    - डा. ऋतु अधाना, फिजियोलाजी


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