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    Anti-Rabies Serum: मुरादाबाद जिला अस्पताल में 'जीवन रक्षक' सीरम खत्म, कुत्ते के काटने के बाद मरीजों की जान सांसत में

    Updated: Thu, 18 Dec 2025 11:27 PM (IST)

    मुरादाबाद जिला अस्पताल में एंटी-रेबीज सीरम की कमी हो गई है, जिससे कुत्ते के काटने के शिकार मरीजों की जान खतरे में है। जीवन रक्षक सीरम की अनुपलब्धता के ...और पढ़ें

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    अस्‍पताल में मरीजों की जांच करते डाक्‍टर

    जागरण संवाददाता, मुरादाबाद। जिला अस्पताल में एंटी रेबीज सीरम की कमी मरीजों की जान पर भारी पड़ रही है। हालात यह हैं कि रोजाना कुत्ते के काटने के 300 से अधिक मरीज अस्पताल पहुंच रहे हैं, इनमे गंभीर घाव वाले मरीजों को सीरम न होने के कारण बिना पूरा इलाज किए ही लौटा दिया जा रहा है। गंभीर घाव लेकर आने वाले मरीज भी केवल प्राथमिक पट्टी के बाद रेफर या बाहर से सीरम लगवाने की सलाह देकर भेजे जा रहे हैं।

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    रेबीज जैसी जानलेवा बीमारी में समय पर एंटी रेबीज सीरम और टीका न लगना मरीज की जिंदगी के लिए बड़ा खतरा है। इसके बावजूद पंडित दीनदयाल उपाध्याय संयुक्त जिला चिकित्सालय में जरूरी जीवन रक्षक दवा का टीका बीते एक माह से रोगियों को नहीं मिल पा रहा है। ऐसे में कुत्ते के काटने पर घाव लेकर पहुंच रहे मरीजों को स्वास्थ्यकर्मी सीरम नहीं होने का हवाला देकर वापस लौटा रहे हैं।

    मरीज निजी अस्पतालों और मेडिकल स्टोर के चक्कर काटने को मजबूर हैं, जहां इलाज महंगा साबित हो रहा है। गुरुवार को जैतिया कुन्दरकी से बेटे के साथ इलाज की आस में जिला अस्पताल पहुंची बिरजा देवी को स्वास्थ्य विभाग की इस बदहाली से जूझना पड़ा। जागरण से बातचीत में उन्होंने बताया कि बुधवार शाम उन्हें मोहल्ले में घूम रहे लावारिस कुत्ते ने काट लिया।

    घाव गंभीर और तीसरे स्टेज का होने के कारण पहले तो उन्हें नजदीकी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी) कुंदरकी में दिखाया। जहां डाक्टरों ने एंटी रेबीज वैक्सीन (एआरवी) लगाकर रेफर कर जिला अस्पताल में सीरम लगवाने के लिए रेफर कर दिया। इसके बाद जिला अस्पताल पहुंचने पर स्वास्थ्य कर्मियों ने सीरम नहीं होने और बाहर से लगवाने के लिए कहकर पल्ला झाड़ दिया।

    ऐसे में वह कई बार अस्पताल के हर अधिकारी के सामने जाकर अपने घाव को दिखा आर्थिक कमजोरी बताकर गिड़गिड़ाती रही लेकिन कोई भी उनके लिए व्यवस्था नहीं करा पाया। एंटी रेबीज सीरम नहीं होने के कारण इन दिनों ऐसे ही सैकड़ों मरीज अस्पताल में भटकने को मजबूर हैं।

    400 से 500 रुपये महंगा है एंटी रेबीज सीरम

    बाजार में एंटी रेबीज सीरम का मूल्य 400 से 500 रुपये तक है, उसमें भी अधिकतर मेडिकल स्टोर आदि पर सीरम की उपलब्धता नहीं मिल पाने की समस्या से मरीजों को जूझना पड़ रहा है पीलीकोठी के पास एक दवा विक्रेता ने बताया कि सीरम की जरुरत घाव बड़ा होने पर होती है लेकिन अधिकतर मामले एआरवी के ही पहुंचते हैं।

    ग्रामीण क्षेत्र से आ रहे रेफर मरीज हो रहे परेशान

    ग्रामीण क्षेत्रों से आने वाले रेफर मरीजों को सबसे बड़ी दिक्कत झेलनी पड़ रही है। जिला अस्पताल आने पर उन्हें पहले ईएमओ से लिखवाने पर ही वैक्सीन लग पाती है। ऐसे में सीरम वैक्सीन नहीं होने पर उन्हें भी वापस लौटना पड़ रहा है।

     

    सीरम वैक्सीन मंगवाने के लिए 15 दिन पहले आर्डर दिया जा चुका है। हफ्तेभर में वैक्सीन पहुंच जायेगी। अस्पताल में फिलहाल आवश्यकता पड़ने पर लगाने के लिए वैक्सीन मौजूद है। इसे लगवाने के लिए रेफर मरीज को इएमओ की ओर से लिखे पर्चे पर लिखा जाता है। वहीं घाव देखकर सीरम लगाने की स्थिति तय करते हैं।

    - डा. संगीता गुप्ता, प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक, जिला संयुक्त चिकित्साल, मुरादाबाद


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