करोड़पति बनने चले थे, 'कंगाल' कर गए ठग! मुरादाबाद में 300 दिनों में 13 करोड़ स्वाहा
मुरादाबाद में साइबर ठगी का जाल बढ़ता जा रहा है, जहाँ लोगों ने मुनाफे के लालच में दस महीनों में लगभग 13 करोड़ रुपये गंवा दिए। ठग ट्रेडिंग के नाम पर व्य ...और पढ़ें

प्रतीकात्मक चित्र
जागरण संवाददाता, मुरादाबाद। जिले में साइबर ठगी का ग्राफ लगातार बढ़ता जा रहा है। पुलिस द्वारा लगातार जागरुकता अभियान चलाने और कार्रवाई के बावजूद ठगों का जाल फैलता ही जा रहा है। हालात यह हैं कि मुनाफे के लालच में आकर मुरादाबाद के लोग बीते दस महीनों में करीब 13 करोड़ रुपये गंवा चुके हैं।
यह आंकड़ा न केवल चौंकाने वाला है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि साइबर अपराधी किस तरह नए-नए तरीकों से लोगों को अपना शिकार बना रहे हैं। इस साल साइबर ठगी के अधिकांश मामले ट्रेडिंग के नाम पर सामने आए हैं। ठग खुद को बड़ी निवेश कंपनियों, ट्रेडिंग एक्सपर्ट या आनलाइन प्लेटफार्म का प्रतिनिधि बताकर व्यापारियों और कारोबारियों को मोटे मुनाफे का झांसा दे रहे हैं।
शुरू में छोटी रकम पर मुनाफा दिखाकर भरोसा जीता जाता है और फिर बड़ी रकम निवेश कराई जाती है। जैसे ही पीड़ित मोटी रकम खाते में डालता है, ठग संपर्क तोड़ लेते हैं और पैसा गायब हो जाता है। इस साल अब तक साइबर थाने में ठगी के 29 मुकदमे दर्ज किए जा चुके हैं, जबकि पिछले साल इसी अवधि में 17 मुकदमे दर्ज हुए थे।
पिछले साल जहां ठगी की कुल रकम करीब 11 करोड़ रुपये थी, वहीं इस साल यह आंकड़ा बढ़कर 13 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है। इससे साफ है कि ठगी के मामलों में न सिर्फ संख्या बढ़ी है, बल्कि ठगी की रकम भी लगातार बढ़ रही है। पुलिस के अनुसार साइबर अपराधी लोगों की लालच भरी मानसिकता का फायदा उठा रहे हैं। खासकर व्यापारी वर्ग और वह लोग जो जल्दी मुनाफा कमाना चाहते हैं, ठगों के आसान शिकार बन रहे हैं।
मुरादाबाद में सबसे बड़ी ठगी हुई 1.64 करोड़ की
साल 2025 में अब तक की सबसे बड़ी ठगी 1.64 करोड़ रुपये की हुई है। नागफनी क्षेत्र के एक कारोबारी से ठगों ने ट्रेडिंग के नाम पर 1.64 करोड़ रुपये ठग लिए थे। इस मामले में साइबर पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज करने के बाद कुछ आरोपितों को गिरफ्तार भी किया है, लेकिन मुख्य आरोपित अभी तक भी गिरफ्तार नहीं हो पाए है।
साइबर क्राइम से सुरक्षा: क्या करें और क्या न करें
| श्रेणी | सुरक्षा के उपाय (Best Practices) |
| निजी जानकारी | किसी भी सार्वजनिक साइट, ब्लॉग या सोशल मीडिया पर अपनी आईडी, पासवर्ड, बैंक खाता नंबर या पिन कभी साझा न करें। |
| संदिग्ध लिंक्स | ईमेल या मैसेज में आए अनजान लिंक्स पर क्लिक न करें। सत्यता जांचने के लिए आधिकारिक हेल्पलाइन से संपर्क करें। |
| पासवर्ड प्रबंधन | पासवर्ड को जटिल (Complex) बनाएं और हर ऐप के लिए अलग पासवर्ड रखें। अपना पासवर्ड किसी को न बताएं। |
| वेबसाइट की जांच | किसी भी वेब पेज पर अपनी जानकारी भरने से पहले उसकी आधिकारिक वेबसाइट के लिंक (URL) को ध्यान से चेक करें। |
| सार्वजनिक वाईफाई | ऑनलाइन बैंकिंग या पैसों के लेन-देन के लिए कभी भी सार्वजनिक या मुफ्त (Free) वाईफाई का उपयोग न करें। |
| धोखाधड़ी की रिपोर्ट | साइबर अपराध होने पर तुरंत पुलिस को सूचना दें। 24 से 48 घंटे के भीतर शिकायत करने पर पैसे वापसी की संभावना अधिक होती है। |
| सिम संबंधी संदेश | 'सिम ब्लॉक' या 'एक्सपायर' होने का संदेश मिलने पर मैसेज में दिए गए किसी भी अज्ञात नंबर पर कॉल या बात न करें। |
| कैश रिवार्ड/ऑफर | फोन पर कैश रिवार्ड या इनाम जीतने के नाम पर किसी अज्ञात व्यक्ति द्वारा बताए गए निर्देशों का पालन न करें। |
| ऑनलाइन खरीद-बिक्री | OLX जैसे प्लेटफॉर्म पर सरकारी आईडी या कैंटीन कार्ड दिखाने वाले व्यक्ति पर भरोसा करने से पहले उसकी पूरी जांच कर लें। |
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