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    UPSC 2020 Result : 24 साल की उम्र में सिविल सेवा के शिखर पर पहुंचे रामपुर के प्रखर, रोजाना की 14 घंटे पढ़ाई

    By Narendra KumarEdited By:
    Updated: Sat, 25 Sep 2021 10:39 AM (IST)

    UPSC 2020 Result प्रखर का कहना है कि उन्होंने घर पर रहकर ही तैयारी की। लगातार 14 घंटे पढ़ाई की। किताबों के साथ ही इंटरनेट का भी फायदा उठाया। यूपीएससी की परीक्षा में उनका विषय इलेक्ट्रीकल इंजीनियरिंग रहा।

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    पांच माह पहले पीसीएस और अब आइएएस बनकर रामपुुर का नाम रोशन किया।

    मुरादाबाद [मुस्लेमीन]। UPSC 2020 Result : रामपुर के प्रखर सिंह 24 साल की उम्र में ही सिविल सेवा के शिखर पर पहंच गए। पहले ही प्रयास में देश और प्रदेश की प्रशासनिक सेवा की परीक्षाएं पास कर लीं। उन्होंने यह सब बिना कोचिंग के ही कर दिखाया। कोरोना काल में बाहर नहीं जा सके। इस कारण घर पर रहकर ही सेल्फ स्टडी की। किताबों के साथ ही इंटरनेट के जरिये तैयारी की।

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    प्रखर के पिता केदार सिंह सीआरपीएफ के सेवानिवृत इंस्पेक्टर हैं तो मां सविता देवी सैदनगर ब्लाक के जूनियर हाईस्कूल पैगा में प्रधानाध्यपिका हैं। प्रखर शुरू से ही पढ़ाई में अव्वल रहे। बचपन से ही वह दयावती मोदी अकेडमी रामपुर में पढ़े। 2015 में उन्होंने 12वीं परीक्षा में जिला टाप किया। इसके बाद 2019 में आइआइटी रुड़की से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में बीटेक किया। पिछले साल सिविल सेवा की तैयारी के लिए कोचिंग करने का इरादा किया, लेकिन कोरोना काल में लाकडाउन लगने के कारण बाहर नहीं जा सके। घर पर रहकर ही सिविल सेवा की तैयारी की। उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग और संघ लोक सेवा आयोग की परीक्षा दी। अप्रैल में उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग का रिजल्ट आया तो उसमें 19वीं रैंक हासिल की। कोरोना महामारी की वजह से पीसीएस की ट्रेनिंग भी शुरू नहीं हो सकी। अब 15 अक्टूबर से शुरू होने जा रही है। लेकिन, इससे पहले ही शुक्रवार को संघ लोक सेवा आयोग का रिजल्ट आ गया। इसमें भी प्रखर ने देशभर में 29वीं रैंक हासिल की है। प्रखर का कहना है कि उन्होंने घर पर रहकर ही तैयारी की। लगातार 14 घंटे पढ़ाई की। किताबों के साथ ही इंटरनेट का भी फायदा उठाया। यूपीएससी की परीक्षा में उनका विषय इलेक्ट्रीकल इंजीनियरिंग रहा।

    मौके पर कराएंगे समाधान : प्रखर का कहना है कि वह आइएएस बनकर लोगों की ईमानदारी से सेवा करेंगे। उनका मकसद सरकारी योजनाओं का आम आदमी को लाभ पहुंचाना रहेगा। वह समस्या जानने के लिए लोगों के पास खुद जाएंगे और मौके पर ही समाधान कराने का प्रयास करेंगे। उनकी मां शिक्षिका हैं, इसलिए उन्हें बेसिक शिक्षा के क्षेत्र के बारे में बहुत जानकारी है। इसमें सुधार की जरूरत है। वह अपने प्रयास से बेसिक शिक्षा में सुधार कराने की पूरी कोशिश करेंगे। उनके पिता केदार सिंह का कहना है कि बेटे ने उनका नाम रोशन कर दिया है। वह चाहते हैं कि प्रखर अच्छे से देश की सेवा करे और गरीबों का दर्द दूर करे। उनकी बेटी शुचि सिंह भी आइआइटी दिल्ली में पढ़ रही हैं।