मुरादाबाद से शुरू हुआ फर्जी GST नेटवर्क, शाहजहांपुर समेत कई जिलों में 'कागजी कारोबार' के बड़े राजफाश
मुरादाबाद में एक फर्जी जीएसटी नेटवर्क का भंडाफोड़ हुआ है, जिसका जाल शाहजहांपुर समेत उत्तर प्रदेश के कई जिलों तक फैला है। इस नेटवर्क के जरिए 'कागजी कार ...और पढ़ें

प्रतीकात्मक चित्र
जागरण संवाददाता, मुरादाबाद। उमरी में पकड़े गए लोहे के स्क्रैप से भरे ट्रक ने जिस बड़े फर्जीवाड़े की शुरुआत का सिरा खोला था, वह अब प्रदेश के कई जिलों तक फैल चुका है। मुरादाबाद से शुरू हुआ यह मामला अब जीएसटी चोरी के बड़े नेटवर्क का रूप ले चुका है। शुरुआती जांच में 5478.35 करोड़ रुपये के टर्नओवर पर 989.13 करोड़ रुपये के टैक्स चोरी की पुष्टि हो चुकी है।
इस कार्रवाई के बाद मुरादाबाद प्रशासन हरकत में आया था और इस मामले की गहराई से जांच के लिए विशेष जांच दल (एसआइटी) का गठन हुआ था। एसआइटी ने दो लोगों को भी गिरफ्तार किया, जिन्होंने नेटवर्क की जटिल परतें खुलीं। वहीं शाहजहांपुर में भी अब तक दो राजफाश हो चुके हैं। अन्य जनपदों में भी नेटवर्क के तार खंगाले जा रहे हैं।
उमरी में पकड़े गए ट्रक से शुरू हुआ था जांच का क्रम
उमरी में पकड़े गए एक ट्रक से शुरू हुई यह जांच दरअसल राज्यकर विभाग और पुलिस की संयुक्त कार्रवाई का एक बड़ा उदाहरण बनकर सामने आई। ट्रक के दस्तावेजों और ई-वेबिलों की जांच होते ही यह स्पष्ट हो गया था कि स्क्रैप कारोबार की आड़ में फर्जी फर्मों का नेटवर्क कार्य कर रहा है।
इन फर्मों के माध्यम से न केवल टर्नओवर बढ़ाकर टैक्स चोरी की जा रही थी, बल्कि माल की आवाजाही भी कागजों पर ही दिखाई जा रही थी। इसी बीच शाहजहांपुर पुलिस ने भी कार्रवाई कर बड़े राजफाश किये। इन मामलों में यह सामने आया कि करोड़ों रुपये के फर्जी जीएसटी कारोबार में एक आठवीं पास युवक भी शामिल था, जिसने कई फर्जी कंपनियों के नाम पर लेनदेन कर टैक्स चोरी को अंजाम दिया।
छोटे कर्मचारियाें से लेकर बड़े कारोबारी तक फैला है नेटवर्क
पुलिस ने इस मामले में आरोपितों को जेल भेज दिया है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि नेटवर्क के तार छोटे कर्मचारियों से लेकर बड़े कारोबारी समूहों तक फैले हुए हैं। स्क्रैप प्रकरण की पूरी जांच अभी जारी है, लेकिन इसके समानांतर विभाग ने लकड़ी और अन्य सेगमेंट में टैक्स चोरी की संभावनाओं पर भी फोकस बढ़ा दिया है।
उनका कहना है कि प्रारंभिक जांच में कई संदिग्ध गतिविधियां सामने आई हैं, जिन्हें सत्यापित किया जा रहा है। एसआइटी भी दावा कर रही है कि हर स्तर पर तथ्यों को खंगाला जा रहा है, लेकिन वास्तविकता यह है कि मुरादाबाद में पकड़ी गई चोरी के बाद कई महत्वपूर्ण राजफाश अन्य जनपदों की पुलिस कर रही है।
मुरादाबाद में क्यों धीमी है जांच की रफ्तातार
सवाल उठ रहा है कि मुरादाबाद में जहां पूरे नेटवर्क का पहला सिरा मिला, वहां जांच की रफ्तार अन्य जिलों की तुलना में धीमी क्यों दिखाई दे रही है। हालांकि विभागीय अधिकारियों का कहना है कि मामला तकनीकी है, जिसके लिए गहन जांच आवश्यक है। फर्जी बिलिंग, आइटीसी क्लेम और जीएसटीएन डाटा के मिलान में समय लगना है।
इस प्रकरण ने प्रदेश के जीएसटी प्रशासन में हलचल मचा दी है। मुरादाबाद जोन में बड़े कारोबारी नेटवर्कों की जांच तेज हो चुकी है और आने वाले दिनों में कई और मामले आने की संभावना है।
जीएसटी चोरी प्रकरण को लेकर पूरी गंभीरता से कार्य किया गया है। 989 करोड़ की चोरी पकड़ में आने के बाद प्रदेशभर में अधिकारी अलर्ट हैं। सरकारी रुपया चोरी नहीं होने दिया जाएगा। टैक्स चोरी करने वालों के विरुद्ध भी कार्रवाई की जाएगी।
- अशोक कुमार सिंह, अपर आयुक्त ग्रेड-वन राज्यकर
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