महा-धोखाधड़ी: 483 करोड़ GST चोरी की 'चेन' दिल्ली से मुरादाबाद तक! 81 फर्जी फर्मों का पर्दाफाश
दिल्ली से मुरादाबाद तक 483 करोड़ रुपये की GST चोरी का पर्दाफाश हुआ है। इस मामले में 81 फर्जी फर्में शामिल थीं, जिनका उपयोग अवैध रूप से इनपुट टैक्स क्र ...और पढ़ें
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पकड़े गए ट्रक
जागरण संवाददाता, मुरादाबाद। 5478.35 करोड़ रुपये के टर्नओवर पर 989.13 करोड़ की टैक्स चोरी पकड़ में आने के बाद देशभर में हलचल मची है। वहीं अक्टूबर माह में जीएसटी खुफिया महानिदेशालय (डीजीजीआई) दिल्ली जोनल यूनिट ने भी फर्जी कंपनियों के नेटवर्क का फर्जीवाड़ा किया था। जिसमें 81 फर्जी फर्मों के जरिए करीब 483 करोड़ की जीएसटी चोरी सामने आई थी।
इसमें उत्तर प्रदेश में भी दिल्ली के सिंडिकेट ने अपना जाल फैला रखा है। इसमें मुरादाबाद जोन में भी जांच के लिए पत्र आया है। इससे जोनल स्तर पर हलचल मच गई है। मंगलवार को राज्यकर अधिकारियों ने मुरादाबाद में पंजीकृत फर्मों का रिकार्ड खंगालना शुरू कर दिया है। यह नेटवर्क दिल्ली से संचालित होकर हरियाणा, राजस्थान के साथ उत्तर प्रदेश के कई जनपदों में फैला है। इन फर्मों के
राज्यकर अधिकारियों के अनुसार, डीजीजीआई दिल्ली जोनल यूनिट पूरा फर्जीवाड़ा बिना किसी वास्तविक माल सप्लाई के केवल कागजों पर इनवाइस बनाकर चलाया जा रहा था। फर्जी कंपनियों के नाम पर डिजिटल सिग्नेचर, अलग-अलग मोबाइल नंबर, प्राक्सी ई-मेल और किराए के बैंक खातों का इस्तेमाल कर इन फर्मों को रजिस्टर्ड कराया गया था।
इसके बाद कथित सप्लाई दिखाकर करोड़ों की फर्जी आइटीसी जेनरेट कर दी गई, जिसे आगे कई बड़ी फर्मों को पास किया गया। इस तरह टैक्स चोरी की चेन लंबी होती चली गई। यूपी की जिन फर्मों का नाम आया है, उनमें से अधिकतर पश्चिमी उत्तर प्रदेश से संबंधित हैं। इसी वजह से डीजीजीआई की टीमें मुरादाबाद, संभल, अमरोहा और बरेली जोन में दस्तावेज़ों की जांच कर रही हैं।
विभाग यह भी खंगाल रहा है कि किन स्थानीय लेखाकार, जीएसटी सलाहकार या एजेंटों की भूमिका फर्जी रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया में रही। 483 करोड़ की यह चोरी शुरुआती अनुमान है। कई फर्मों के बैंक खाते, डिजिटल लेन-देन और ई-वे बिल की जांच जारी है। आशंका है कि रकम इससे अधिक भी हो सकती है।
डीजीजीआई ने मुख्य आरोपितों के खिलाफ धोखाधड़ी, कर-चोरी, जालसाजी और कागजों में हेरफेर के तहत कार्रवाई कर चुकी है। इसकी कड़ी से कड़ी जोड़ने के लिए मुरादाबाद राज्यकर जोनल कार्यालय में भी जानकारी दी गई है। इसमें मुरादाबाद एसआइबी की टीम भी पड़ताल में जुट गई है।
अब पुरानी फर्म की भी खुलेगी कुंडली
जीएसटी चोरी प्रकरण में एक के बाद एक फर्जीवाड़ा सामने आने से राज्यकर विभाग के अधिकारी हैरान हैं। सामने आए आंकड़ों के अनुसार 5478.35 करोड़ रुपये के टर्नओवर पर 989.13 करोड़ की टैक्स चोरी की पुष्टि हो चुकी है। पिछले दिनों मुरादाबाद आए प्रमुख सचिव एम देवराज ने जीएसटी चोरी प्रकरण में निर्देश दिया था कि जितनी भी फर्म सक्रिय हैं और जो फर्म सस्पैंड कराई जा चुकी हैं।
उनकी पुरानी कुंडली भी खंगाली जाए। उन फर्मों में भी बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आएगा। अब तक 535 फर्मों के नाम सामने आ चुके हैं। जिसमें 335 फर्म का टर्नओवर राज्यकर विभाग पुष्टि कर चुका है। शहर में भी अब तक 17 से अधिक फर्मों का पंजीयन निरस्त कराया जा चुका है।
बाेगस निकली फर्म, राज्यकर अधिकारी को हटाया
जीएसटी घोटाले के बाद फर्म का सत्यापन व्यापक स्तर पर हो रहा है। बरेली में सीटीओ सीमा तिवारी के पद पर रहीं। उन्होंने एक वर्ष पूर्व सत्यापन फर्म का सत्यापन किया था। जीएसटी चोरी प्रकरण सामने के बाद उनके विरुद्ध विभागीय कार्रवाई हुई। वह मुरादाबाद में मोबाइल टीम में थीं। उन्हें मेरठ राज्यकर कार्यालय में अटैच कर दिया गया है। कार्रवाई से राज्यकर विभाग में हलचल मची है।
बोगस फर्म की पड़ताल की जा रही है। डीजीजीआइ दिल्ली जोनल यूनिट ने 81 फर्म का सिंडिकेट पकड़ा था। जिसका लिंक पश्चिमी उत्तर प्रदेश में भी मिला है। मुरादाबाद जोन कार्यालय को भी पत्र आया है। इसकी जांच शुरू करा दी है। जीएसटी चोरी करने वालों के विरुद्ध कार्रवाई होगी।
- अशोक कुमार सिंह, अपर आयुक्त ग्रेड वन राज्यकर मुरादाबाद जोन
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