Railway News: जल्द पूरा होगा हाईस्पीड ट्रेन चलाने का लक्ष्य, मुरादाबाद में वर्कशाप निर्माण से कार्य में आएगी तेजी
High speed Train भारतीय रेलवे ने वर्ष 2023 तक सभी रेल मार्गों को गति बढ़ाने की लक्ष्य निर्धारित किया है। जिससे कई मार्गों पर 160 किलो मीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से ट्रेनों का संचालन करने का लक्ष्य है।

मुरादाबाद, जागरण संवाददाता। हाई स्पीड ट्रेन (High speed Train) संचालन के कार्यों को गति देने के लिए रेल प्रशासन ने तैयारी शुरू कर दी है। रेललाइन व स्लीपर बदलने के साथ ट्रैक नवीवीकरण ट्रेन की मरम्मत के लिए मुरादाबाद यार्ड में वर्कशाप का निर्माण शुरू कर दिया है। इसके बाद सप्ताह में सातों दिन लाइन व स्लीपर बदलने किया जाएगा।
भारतीय रेलवे ने वर्ष 2023 तक सभी रेल मार्गों को गति बढ़ाने की लक्ष्य निर्धारित किया है। जिससे कई मार्गों पर 160 किलो मीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से ट्रेनों का संचालन करने का लक्ष्य है। इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए पुराने रेल लाइन, स्लीपर, यार्ड के प्वाइंट बदले जाने हैं। साथ ही रेललाइन के नीचे पड़े पत्थर की सफाई भी की जानी है। रेलवे इस कार्य को मैनुअल के बजाय ट्रैक नवीनीकरण ट्रेन द्वारा करा रहा है।
मुरादाबाद रेल मंडल में तेजी से काम करने के लिए चार ट्रैक नवीनीकरण ट्रेन काम करती हैं। जरूरत पड़ने पर अन्य मंडल से भी यह ट्रेन मंगाई जाती है। इस मशीन को सप्ताह में एक बार मरम्मत आदि के लिए तुगलकाबाद (दिल्ली) वर्कशाप भेजा जाता है। इसके कारण केवल पांच दिन काम हो पाता है। इससे हाई स्पीड ट्रेन संचालन काकाम समय से पूरा नहीं हो पाएगा। रेल प्रशासन ने सप्ताह में सातों दिन काम करने के लिए व्यवस्था शुरू कर दी है। इसके लिए मुरादाबाद स्टेशन यार्ड में वर्कशाप का निर्माण कराया जा रहा है। यहां रात में ट्रैक नवीनीकरण ट्रेन की मरम्मत का कार्य किया जाएगा और सुबह रेल लाइन बदलने का काम किया जाएगा।
मुरादाबाद रेल मंडल में 2526 किलोमीटर रेललाइन है। जिसमें 12 सौ किलोमीटर सहारनपुर-मुरादाबाद-लखनऊ रेललाइन है। इस मार्ग पर 160 किलो मीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से ट्रेन चलाने के लिए लाइन व स्लीपर बदले जा चुके हैं, लेकिन स्टेशन के यार्ड की लूप लाइन व प्वांइट को बदला नहीं गया है। इस कारण हाई स्पीड ट्रेन नहीं चलाया जा सकती है। इसी गति से मुरादाबाद से गाजियाबाद तक ट्रेन चलाया जाना प्रस्तावित है। इसके अलावा लक्सर-हरिद्वार रेल मार्ग पर 120 किलो मीटर प्रतिघंटा और अन्य ब्रांच रेल मार्ग पर 110 किलो मीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से ट्रेन चलाया जाना प्रस्तावित है।
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