बरगद के पेड़ से मिलती है सबसे ज्यादा ऑक्सीजन, मुरादाबाद की महिलाओं में लगातार बढ़ रही है जागरूकता
बरगद को लेकर जागरूकता बढ़ रही है। वट सावित्री का पर्व दस जून को है लेकिन जो महिलाएं इस व्रत को नहीं रखतीं उनमें भी बरगद का पौधा रोपने में जागरूकता बढ़ रही है। 24 घंटे सबसे ज्यादा आक्सीजन उत्सर्जित करने वाले बरगद के पेड़ का एक-एक हिस्सा गुणकारी है।

मुरादाबाद, जेएनएन। प्राण वायु देने वाले बरगद को लेकर जागरूकता बढ़ रही है। वट सावित्री का पर्व दस जून को है लेकिन, जो महिलाएं इस व्रत को नहीं रखतीं उनमें भी बरगद का पौधा रोपने में जागरूकता बढ़ रही है। 24 घंटे सबसे ज्यादा आक्सीजन उत्सर्जित करने वाले बरगद के पेड़ का एक-एक हिस्सा गुणकारी है। इसकी छाल, जड़ व पत्तों में औषद्यीय गुण छिपे हैं। राह चलता व्यक्ति भी घने वृक्ष को ढूंढता है और बरगद का वृक्ष नजर आ जाए तो आराम करने के लिए इससे बेहतर स्थान नहीं।
वैदिक काल में भी ऋषि मुनियों ने घनों वृक्षों के नीचे ही तपस्या करके सिद्धि हासिल की है। महिलाएं पौधरोपण करके उनका संरक्षण करने का संकल्प ले चुकी हैं। महिलाओं ने बरगद के पौधे रोपे। ब्रजधाम कालोनी में आजाद नगर ब्रजधाम डवलपमेंट वेलफेयर ट्रस्ट बरगद के पौधे रोपने को लेकर सक्रिय है। शोभा शर्मा, सुनीता, ठाकुर कल्पना पाल, नीलम शर्मा ने बरगद का पौधा रोपा। वट सावित्री की पूजा करने वाली महिलाओं ने रोपे गए पौधे की पूजा करने व संरक्षण करने का संकल्प लिया। महिलाएं बोलीं कि बरगद का पौधा रोपकर एक सुख की अनुभूति हो रही है। पर्यावरण सचेतक समिति की ओर से बुद्धि विहार में पौधरोपण हुआ। मीनू चौहान, ललिता, शीला, नीरज पूजा व वर्षा ने बरगद का पौधा रोपा और संरक्षण का संकल्प लिया। महिलाएं बोलीं कि कोरोना महामारी में बिना आक्सीजन के तमाम लोगों ने अपने प्राण गंवाए लेकिन, इस प्राण वायु देने वाले पेड़ को लेकर अब भी जागरूकता कम है। दैनिक जागरण ने बरगद का पौधा रोपने का अभियान चलाकर जागरूकता बढ़ाई है।
बरगद सबसे ज्यादा आक्सीजन देने वाला वृक्ष है। वट सावित्री पर्व पर यह पौधा रोपने से इनकी संख्या बढ़ेगी तो पर्यावरण शुद्ध होगा। मैं संकल्प लेती हूं कि पौधे की देखरेख करूंगी।
वीना चौहान
दैनिक जागरण ने बरगद रोपने के लिए जागरूकता बढ़ाई है। बरगद को जरूरी नहीं कि खुली जगह में रोपें। गमले में भी रोपकर अपने आसपास के प्रदूषण को रोकने में कारगर साबित होगा।
रजनी गुप्ता
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