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    UP BJP President: नए प्रदेश अध्‍यक्ष चौधरी भूपेंद्र सिंह के सामने घर में ही भाजपा को मजबूत करने की बड़ी चुनौती

    By Vivek BajpaiEdited By:
    Updated: Thu, 25 Aug 2022 03:44 PM (IST)

    New UP BJP President News भूपेंद्र सिंह बड़े जाट नेता माने जाते हैं। लोकसभा चुनाव के पहले एक बार फिर जोर पकड़ रहे किसान आंदोलन को नियंत्रित करना अब भूपेंद्र सिंह की जिम्‍मेदारी है। ताकि भाजपा 2014 में फिर से पुराना प्रदर्शन दोहरा सके।

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    Chaudhary Bhupendra Singh Latest Update: भाजपा के नए प्रदेश अध्‍यक्ष पंचायतीराज मंत्री चौधरी भूपेंद्र सिंह। जागरण आर्काइव

    मुरादाबाद, जागरण संवाददाता। Chaudhary Bhupendra Singh News: तमाम अटकलों पर विराम लगाते हुए भाजपा ने पंचायती राज मंत्री चौधरी भूपेंद्र सिंह (Chaudhary Bhupendra Singh) को यूपी का अध्‍यक्ष (UP BJP President) घोषित कर दिया। लोकसभा चुनाव 2024 (loksabha election 2024) को मद्देनजर रखते हुए भाजपा ने जाट वोटरों को साधने के लिए भूपेंद्र सिंह पर दांव लगाया है। भूपेंद्र सिंह बड़े जाट नेता माने जाते हैं। लोकसभा चुनाव के पहले एक बार फिर जोर पकड़ रहे किसान आंदोलन को नियंत्रित करना अब भूपेंद्र सिंह की जिम्‍मेदारी है।

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    यह भी पढ़ें:- UP BJP President: जानिए कौन हैं चौधरी भूपेंद्र सिंह, 33 साल में कैसे तय किया प्रदेश अध्‍यक्ष तक का राजनीतिक सफर

    भाजपा के नए प्रदेश अध्‍यक्ष चौधरी भूपेंद्र सिंह (Chaudhary Bhupendra Singh) के सामने प्रदेश के साथ-साथ घरेलू चुनौतियां भी कम नहीं है। भूपेंद्र सिंह को प्रदेश के साथ-साथ अपने गृह जनपद और मुरादाबाद और मुरादाबाद मंडल में भी भाजपा को मजबूत करने के लिए कड़ी मेहनत करनी होगी। 

    प्रदेश अध्‍यक्ष के घर में ही सपा भारी

    वर्तमान में सम्‍भल, मुरादाबाद व अमरोहा में गैर भाजपा के सांसद हैं। रामपुर उपचुनाव में ही भाजपा जीती है। यहां विपक्षी पार्टियों का वर्चस्व तोड़ना होगा। मुरादाबाद जिले के छह विधानसभा सीटों में सिर्फ शहर सीट पर ही भाजपा जीत सकी थी। बाकी सपा के पास हैं। इसके लिए नए प्रदेश अध्‍यक्ष को प्रयास करने होंगे।

    जाट मतों का रोकना होगा विभाजन

    इसके अलावा रामपुर, सम्भल व अमरोहा जिले में भी भाजपा की स्थिति ज्यादा मजबूत नहीं कही जा सकती है। इसके लिए नए सिरे से जुटना होगा। पश्चिमी उत्तर प्रदेश के अन्य जिलों के साथ अमरोहा व मुरादाबाद में भी जाट बाहुल्य हैं। भाकियू आंदोलन के लिए फिर सक्रिय हैं। 2024 में जाटों का विभाजन रोकना उनकी सबसे अहम जिम्‍मेदारी होगी। 

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    हालांकि, इन चुनौतियों के साथ ही नए प्रदेश अध्‍यक्ष के लिए राहत की बात यह है कि तमाम विरोध के बाद भी जब इसी साल विधानसभा चुनाव हुए तो पश्चिमी उत्‍तर प्रदेश में जाट मतदाताओं ने बड़ी संख्‍या में भाजपा का ही साथ दिया। इसके लिए चौधरी भूपेंद्र सिंह ने भी काफी प्रयास किए थे। ऐसे में एक बार फिर भूपेंद्र सिंह को जाट मतदाताओं को भाजपा के पक्ष में करना होगा।