मजबूत हड्डियों के लिए अपनाएं ये लाइफस्टाइल: विटामिन-डी और कैल्शियम की कमी ऐसे करें दूर
स्वस्थ शरीर के लिए हड्डियों का मजबूत होना जरूरी है। जीवनशैली में बदलाव और सही खानपान से हड्डियों को स्वस्थ रखा जा सकता है। कैल्शियम और विटामिन-डी की क ...और पढ़ें

प्रतीकात्मक चित्र
जागरण संवाददाता, मुरादाबाद। शरीर स्वस्थ है तो सब अच्छा है। जीवनशैली में बदलाव करने से आपकी हड्डियां भी ठीक रहेंगी। अपना वजन संतुलित रखने के लिए प्रतिदिन एक्सरसाइज भी करनी है। खानपान में कैल्शियम समेत अन्य पौष्टिक आहार लेना है। लापरवाही बरती तो 50 साल के बाद आपकी हड़्डियां कमजोर होने के साथ ही दर्द देना शुरू कर देंगी। पैर आड़ा-टेढ़ा होने पर फ्रैक्चर भी हो जाएगा।
इसलिए अपनी हड्डियों को मजबूत बनाने के लिए आपको सुपाच्य भोजन करने के साथ ही विटामिन-डी की कमी को भी दूर करना है। जिससे आपको यह समस्या न हो। स्वास्थ्य की भाषा में आस्टियोपोरोसिस (हड्डियां कमजोर की समस्या) कहते हैं। विशेषज्ञों के अनुसार जीवनशैली में बदलाव करने से ही हड्डियां भी मजबूत होंगी।
जिला अस्पताल के हड्डी रोग विभाग में प्रतिदिन कमर दर्द, कुछ दूर चलने पर टांगों में दर्द, उकड़ूृ बैठने पर घुटनों में दर्द की समस्या के मरीजों की संख्या अधिक है। विशेष तौर पर 50 साल से अधिक उम्र के लोगों में आस्टियोपोरोसिस (हड्डियां कमजोर की समस्या) की समस्या अधिक देखने को मिल रही है।
वरिष्ठ हड्डी रोग विशेषज्ञ डा. शेर सिंह कक्कड़ के अनुसार उम्र बढ़ने के साथ लोगों की हड्डियां कमजोर होने लगती हैं। इस बीमारी के प्रति सचेत रहने की जरूरत है। प्रतिदिन बड़ी संख्या में ऐसे बुजुर्ग आते हैं, जो आस्टियोपोरोसिस से पीड़ित होते हैं। उन्होंने बताया कि आम तौर पर लोगों में 40 साल की उम्र से हड्डियां कमजोर होने की समस्या शुरू हो जाती है।
50 साल के बाद यह समस्या बढ़ जाती है। ऐसे में जरूरी है कि लोग विटामिन-डी लें। इसके लिए प्रतिदिन धूप में बैठना भी बेहतर विकल्प है। हड्डी रोग विशेषज्ञ डा. वसीम खान ने बताया कि आस्टियोपोरोसिस की समस्या बढ़ने पर व्यक्ति को कई बार हड्डियों के कमजोर होने का अहसास भी नहीं होता।
खड़े होने पर या फिर कुछ दूर चलने पर गिर जाते हैं। यह समस्या 50 साल से अधिक उम्र के लोगों में अधिक देखने को मिल रही है।इसकी मुख्य वजह आस्टियोपोरोसिस होती है। ऐसे में 50 साल से ज्यादा उम्र वाले लोगों को अपना विशेष ध्यान रखने की जरूरत है।
हड्डियां टूटने का अधिक खतरा
हड्डी रोग विशेषज्ञ डा. औवेस के अनुसार आस्टियोपोरोसिस हड्डियों के कमजोर होने तक नहीं रहता। बल्कि बिना गंभीर चोट लगे फ्रैक्चर होने और हड्डियों के टूटने का खतरा बढ़ जाता है। 60-65 साल से अधिक उम्र के बाद करीब 90 प्रतिशत मरीज आस्टियोपोरोसिस से संबंधित समस्याएं लेकर आते हैं। बुजुर्गों को अधिक जोखिम होता है। इसके अलावा युवा भी
लापरवाही की वजह से इससे पीड़ित हो सकते हैं।
भरपूर लें कैल्शियम, विटामिन-डी
हड्डी रोग विशेषज्ञ डा. वसीम खान के अनुसार हड्डियों में कोशिकाओं के निर्माण-विकास में पोषक तत्व की अहम भूमिका होती है। इसके लिए कैल्शियम और विटामिन-डी भरपूर मात्रा में लें। शराब और अन्य धूमपान का इस्तेमाल नहीं करना है। हड्डियों को स्वस्थ रखने के लिए व्यायाम करें और दिनभर सक्रिय रहें। अपने शरीर के प्वाइश्चर पर भी पूरा ध्यान दें।
गड्ढे में पैर जाते ही फ्रैक्चर
करूला इस्लाम नगर की रहने वाली फरजाना की उम्र 54 साल है। वह अध्यापिका हैं। कालोनी में ही मकान का निर्माण हो रहा है। वह उसी रास्ते से निकलकर अपने घर जा रहीं थीं। उनका पैर गड्ढे में गया तो चट से आवाज आई। इसके बाद पैर रखा नहीं गया। फोन करके बेटी को बुलाया। एक्सरे कराने में पता चला कि पैर की अंगूली की हड्डी में बाल आ गया है। चिकित्सक ने प्लास्टकर करने के बाद आराम बता दिया।
कमर में दर्द अब हर दिन की समस्या
पुराना आरटीओ चक्कर की मिलक के रहने वाले सतीश कश्यप को रोड पर किसी काम से पैदल जा रहे थे। सड़क पर गड्ढे में पैर चला गया। जिसमें वह गिर गए। इससे उनकी कमर में झटका तेज लगा। तब से उनकी कमर का दर्द लगातार बना हुआ है। उन्होंने जिला अस्पताल में परीक्षण कराया तो चिकित्सक ने हड्डियां कमजोर होने की समस्या बताई।

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