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अमरोहा के कमालिस्तान को संवारने पहुंचीं फिल्म निर्देशक कमाल अमरोही की बेटी रुखसार Amroha News

कमाल अमरोही की बेटी ने छलकती आंखों से सहेजा सामान।पाकीजा पुकार व महल जैसी फिल्मों के जरिये बॉलीवुड में अमिट छाप छोड़ गए कमाल अमरोही की कोठी सोमवार को रौनक थी।

By Narendra KumarEdited By: Published: Tue, 03 Mar 2020 06:13 PM (IST)Updated: Tue, 03 Mar 2020 06:13 PM (IST)
अमरोहा के कमालिस्तान को संवारने पहुंचीं फिल्म निर्देशक कमाल अमरोही की बेटी रुखसार Amroha News

अमरोहा(अनिल अवस्थी)। प्रख्यात फिल्म निर्देशक कमाल अमरोही की कोठी देखरेख के अभाव में रौनक खोती जा रही है। इसे फिर से सजाने-संवारने के लिए मुंबई से उनकी बेटी रुखसार अमरोहा पहुंचीं हैं। छलकती आंखों से पिता की अनमोल थाती से धूल हटाते हुए वह इस कोठी को अमरोहा का कमालिस्तान बताती हैं। प्रख्यात शायर रहे चचा जॉन एलिया व पिता के इस आंगन को वह हमेशा आबाद रखने के लिए बेहद फिक्रमंद हैं। रंग-रोगन चल रहा था। कमाल की तस्वीरों से धूल हटाकर उन्हें करीने से लगाया जा रहा था। स्क्रिप्ट लिखते वक्त कमाल द्वारा प्रयोग की गईं पेंसिल व रबर के टुकड़े भी संजोये जा रहे थे। यह सारा काम कमाल अमरोही की बेटी रुखसार खुद अपने निर्देशन में करा रहीं थीं। इस दौरान जागरण से विशेष बातचीत में उन्होंने बताया कि वर्ष 1981 से वह अपने पिता की इस विरासत को संभाल रही हैं। साल में तीन बार वह मुंबई से अमरोहा आती हैं।

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कोठी से इतना लगाव होने की वजह पूछने पर वह यादों में खो जाती हैं। कहती हैं कि बचपन के 13 वर्ष इसी कोठी में गुजारे हैं। हालांकि पहले यह कोठी उनके चचा प्रख्यात शायर जॉन एलिया की थी मगर जब वह पाकिस्तान चले गए तो इसकी नीलामी हो रही थी। इस पर उनके पिता कमाल ने ले ली थी। मुंबई से पिता कमाल और पाकिस्तान से चचा एलिया जब भी यहां आते थे तो इसी कोठी के आंगन में लंबी गुफ्तगू होती थी। शादी के बाद रुखसार मुंबई चली गईं। हरसाल मोहर्रम पर कमाल अमरोहा आकर यहीं रुकते थे।

रुखसार बताती हैं कि 1989 में बाबा (कमाल) कमजोर हो गए थे। इसलिए उन्होंने मोहर्रम पर अपनी जगह उन्हें भेज दिया फिर उन्होंने वादा ले लिया कि मेरे बाद भी इस कोठी को आबाद रखना। तब से वह साल में तीन चक्कर यहां के लगाती हैं। मुंबई में पिता का कमालिस्तान स्टूडियो बिकने के बाद रुखसार अपने पिता की किताबें, अलमारी, कपड़े, जूते आदि सभी सामान यहां उठा लाईं। कहती हैं कि उनके बाद भी कोठी इसी तरह रोशन रहे, इसके लिए ङ्क्षचतित हूं। बताया इसकी बागडोर अपनी बेटी को विरासत में देने की सोच रही हैं।

कोठी से दूर रहीं थी मीना कुमारी

अमरोहा : रुखसार बताती हैं कि उनकी छोटी मां यानिकि मीना कुमारी पिता के साथ एक बार अमरोहा आई थीं। शाह विलायत दरगाह में हाजिरी लगाने के बाद बाबा ने उन्हें दूर से ही कोठी दिखाई थी। इसके बाद वह उनके साथ लौट गई थीं। अगले दिन घर पर इसकी जानकारी मिली थी। बताती हैं कि तब इस कोठी में उनकी मां आले जहरा मौजूद थीं। मीडिया की खबरों को भ्रामक बताते हुए दावा किया कि उनके पिता ने कभी मीना कुमारी को तलाक नहीं दिया।  


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