मुरादाबाद से दौड़ेगी रैपिड रेल, वंदे भारत ट्रेन पर भी सरकार मेहरबान; Budget 2025 में रेलवे को मिलीं कई सौगातें
Union Budget 2025 मुरादाबाद रेल मंडल को ट्रेनें मिलने की उम्मीद हैं। मुरादाबाद डिवीजन को पिंक बुक का इंतजार है। लेकिन डिवीजन को रैपिड रेल मिलने की संभावना है। आपको बता दें कि डिवीजन के बायां चंदौसी होते हुए वंदे भारत एक्सप्रेस का संचालन नहीं है। जिससे बायां चंदौसी वंदे भारत एक्सप्रेस मुरादाबाद डिवीजन की झोली में आ सकती है।

जागरण संवाददाता, मुरादाबाद। बजट में मुरादाबाद रेल मंडल को ट्रेनें मिलने की उम्मीद हैं। मुरादाबाद डिवीजन को पिंक बुक का इंतजार है। लेकिन, डिवीजन को रैपिड रेल मिलने की संभावना है।
आपको बता दें कि डिवीजन के बायां चंदौसी होते हुए वंदे भारत एक्सप्रेस का संचालन नहीं है। जिससे बायां चंदौसी वंदे भारत एक्सप्रेस मुरादाबाद डिवीजन की झोली में आ सकती है। अभी तक देहरादून से लखनऊ, देहरादून से दिल्ली और मेरठ से लखनऊ के लिए वंदे भारत एक्सप्रेस चल रही है।
बायां चंदौसी रूट पर नहीं चल रही वंदे भारत
बायां चंदौसी का रूट ऐसा है, जहां वंदे भारत एक्सप्रेस नहीं चल रही है। इसके अलावा डिवीजन से चलने वाली ट्रेनों में स्लीपर व सामान्य कोच बढ़ने की भी संभावना है। मुरादाबाद से चंदौसी-बरेली-अलीगढ़ रेल लाइन का दोहरीकरण भी नहीं हुआ है।
नहीं हुआ है दोहरीकरण
आम बजट में इसका भी प्रविधान होने की उम्मीद है। गजरौला मौअज्जमपुर रेल लाइन का दोहरीकरण भी नहीं हुआ है। इसके अलावा माल ढुलाई में मुरादाबाद से निर्यातकों का माल ढुलाई होता है। बजट में वित्तीय वर्ष के अंत तक 1.6 बिलियन टन माल ढुलाई का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
जारी है विकास कार्य
इससे उम्मीद की जा रही है कि मुरादाबाद से भी माल ढुलाई की स्थिति में सुधार होगा। जिससे निर्यातकों को लाभ मिल सकता है। पिछले बजट में रेलवे स्टेशनों का विकास अमृत भारत योजना में करने को लेकर चिह्नित किया था। जिनका विकास जारी है।
इस बजट में नए स्टेशनों का अमृत भारत योजना में चयन हो सकता है। हालांकि दक्षिण के राज्यों के लिए एक्सप्रेस ट्रेन मुरादाबाद होकर नहीं है। इस बजट में भी यह उम्मीद पूरी होती नहीं दिख रही है।
रूटों पर बसों का संकट
बरेली। महाकुंभ के लिए रीजन की दो तिहाई बसें पहले से गई हैं। शनिवार को चुनाव के लिए 13 और बसें दिल्ली चली जाने के बाद परिवहन निगम की यातायात ध्वस्त हो चुकी है। रूटों पर बसों का संचालन जरूर कराया जा रहा है। यात्रियों को मंजिल तक पहुंचने के लिए डग्गामार वाहनों का सहारा लेना पड़ रहा है।
सड़क पर वाहन न मिलने पर लोग ट्रेन का सफर कर रहे हैं। बरेली डिपो और रुहेलखंड डिपो के अधिकारियों को यातायात व्यवस्था सुचारू बनाए रखना मुश्किल हो रहा है। परिवहन निगम की सर्वोच्च प्राथमिकता महाकुंभ की व्यवस्था बनाए रखना है। रीजन की 480 बसें फैजबाद, कम्हरिया घाट, मेंहदावल से प्रयागराज के लिए संचालित की जा रही हैं। जबकि 30 बसों के मेला में शटल सेवा में लगाया गया है।
बसों की व्यवस्था करने में दिक्कत
बसों के साथ चालक-परिचालक, अधिकारी, कर्मचारी और वर्कशॉप स्टाफ भी चला गया है। इस बीच शनिवार सुबह 13 बसें होमगार्डों को लेकर दिल्ली रवाना हो गईं। इन हालातों में लोकल रूटों पर यात्रियों को गंतव्य तक पहुंचाने के लिए बसों की व्यवस्था कराने में मशक्कत करनी पड़ रही है।
महाकुंभ ड्यूटी में बसें जाने के कारण बसें कम हुई हैं, लेकिन बसों के फेरे बढ़ाकर यातायात व्यवस्था को सुचारू बनाया जा रहा है। होमगार्डों को लेकर दिल्ली गईं बसें कल लौट आएंगी। चुनाव हो जाने के बाद होमगार्डों को वापस लाने के लिए फिर बसें भेजी जाएंगी। - अरुण कुमार वाजपेई, एआरएम रुहेलखंड
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